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विस्तारवाद नहीं विकासवाद हमारा मूल-मंत्र: मोदी

आर्मी डे के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय नौसेना को एक साथ सौंपे हैं तीन युद्धपोत, जिनसे नौसेना बन गई है और सशक्त. पीएम मोदी ने मुंबई के नेवी डॉकयार्ड पहुंचकर नौसेना के तीन अग्रणी युद्धपोतों आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को राष्ट्र को समर्पित किया है.

इस मौके पर पीएम मोदी ने चीन को साफ संदेश देते हुए कहा कि “भारत विस्तारवाद नहीं, विकासवाद की भावना से काम करता है.”

पीएम ने नेवी को एक साथ सौंपे दो युद्धपोत, एक पनडुब्बी

पीएम मोदी ने आईएनएस नीलगिरी, आईएनएस सूरत और आईएनएस वाघशीर को लेकर नेवी में जोश भरा. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा नीलगिरी चोल वंश के समुद्री सामर्थ्य के प्रति समर्पित है. सूरत वॉरशिप उस कालखंड की याद दिलाता है, जब गुजरात के पोर्ट्स के जरिए भारत वेस्ट एशिया से जुड़ा था.”

मोदी ने कहा कि “वाघशीर के कुछ साल पहले मुझे पी 75 क्लास की सबमरीन कलवरी के कमिशनिंग में शामिल होने का अवसर मिला था. अब मुझे इस क्लास की छठी सबमरीन वाघशीर को कमिशल करने का सौभाग्य मिला है.”

भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, “भारत पर दुनिया का भरोसा बढ़ रहा है. यह गर्व की बात है कि सभी तीन फ्रंटलाइन वॉरशिप मेड इन इंडिया हैं. आज का भारत दुनिया में एक प्रमुख समुद्री शक्ति के रूप में उभर रहा है.”

प्रधानमंत्री के मुताबिक, “आज भारत की समुद्री विरासत, नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए बहुत बड़ा दिन है. छत्रपति शिवाजी महाराज की पवित्र भूमि पर हम 21वीं सदी की नौसेना को मजबूत करने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम उठा रहे हैं. ये पहली बार है जब एक विध्वंसक, एक फ्रिगेट और एक पनडुब्बी, ये तीनों मिलकर काम कर रहे हैं. पीएम ने छत्रपति शिवाजी महाराज का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था.”

ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी है भारत: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना की तारीफ करते हुए कहा, “भारत पूरे प्रशांत क्षेत्र  में पहले रिस्पांडर बनकर उभरा है. हमारी नौसेना ने सैकड़ों जानें बचाई हैं. हजारों करोड़ रुपये के नेशनल और इंटरनेशनल कार्गो की सुरक्षा की है. भारत पर इससे दुनिया का भरोसा बढ़ा है.”

पीएम ने साफ तौर से संदेश देते हुए कहा कि “भारत ने हमेशा ओपन, सिक्योर, समावेशी और स्मृद्ध इंडो पैसिफिक रीजन का समर्थन किया है. इसलिए जब समुद्र से सटे देशों के विकास की बात आई, तो भारत ने मंत्र दिया ‘सागर.’ सागर का मतलब है, सिक्यॉरिटी ऐंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन. हम सागर के विजन के साथ आगे बढ़े.”

पीएम ने कहा कि “जब भारत के सामने जी-20 की प्रेसीडेंसी संभालने का दायित्व आया, तो दुनिया को हमने मंत्र दिया- वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर.भारत विस्तारवाद नहीं, भारत विकासवाद की भावना काम करता है.”

अब विदेश से नहीं मंगाएंगे रक्षा उपकरण: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र देते हुए कहा, “हमारी सेनाओं ने पांच हजार से ज्यादा साजो सामान और उपकरण की लिस्ट तैयारी की है, जो अब विदेशों से नहीं मंगाए जाएंगे.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि “जब भारत का सैनिक भारत में बने साजो सामान के साथ आगे बढ़ता है, तो उसका आत्मविश्वास भी अलग होता है. पिछले 10 सालों में कर्नाटक में देश की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर बनाने वाली फैक्ट्री शुरू हुई है.”

नेवी को मिले तीन युद्धपोत क्यों हैं खास? 

आईएनएस नीलगिरि परियोजना 17 ए स्टील्थ फ्रिगेट श्रेणी का शीर्ष जहाज है. भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने इसे डिजाइन किया है. आईएनएस नीलगिरि एमएच-60 आर समेत विभिन्न प्रकार के हेलीकॉप्टर का परिचालन कर सकता है. 

परियोजना 15 बी स्टील्थ विध्वंसक श्रेणी का चौथा और अंतिम युद्धपोत आईएनएस सूरत कोलकाता श्रेणी के विध्वंसक पोतों की अगली पीढ़ी का सदस्य है. इसे भी आईएनएस नीलगिरि की तरह वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है और एमडीएल में इसका विनिर्माण किया है. 

आईएनएस वाघशीर स्कॉर्पीन श्रेणी की परियोजना 75 के तहत छठा और अंतिम युद्धपोत है. यह डीजल-विद्युत संचालित पोत है. तीनों युद्धपोतों का डिजाइन और निर्माण पूरी तरह भारत में हुआ है.  

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