ईरान ने अमेरिका के नवनिर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप पर कभी हमले की साजिश नहीं रची है. खुद ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने इस बात को खुलासा किया है.
पिछले साल अमेरिका के नवनिर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के पीछे ईरान पर लगे थे साजिश के आरोप. खुद अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप ने अटैक के पीछे ईरान पर आरोप लगाए थे, क्योंकि ईरान ट्रंप को अपना कट्टर दुश्मन मानता है.
अब ईरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने पहली बार आरोपों पर खुलकर जवाब दिया है. राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा है, सारे आरोप बेबुनियाद हैं. ईरान ने कभी भी ट्रंप पर हमला करने की साजिश नहीं रची. वहीं ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले ईरान के सुर बदले नजर आ रहे हैं. ईरानी राष्ट्रपति ने ये भी कहा, “मुझे उम्मीद है कि ट्रंप क्षेत्र और दुनिया में शांति स्थापित करेंगे, न कि इसके विपरीत रक्तपात या युद्ध में योगदान देंगे.”
पेंसिल्वेनिया में ट्रंप पर हमले के पीछे ईरान नहीं: मसूद पेजेश्कियान
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पांच दिन पहले कहा है कि ईरान ने कभी भी ट्रंप को न मारने की कोशिश की है, और न ही मारने की कोशिश करेगा. जबकि नवंबर में अमेरिकी न्याय विभाग ने आरोप लगाया था कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने ट्रंप की साजिश रची थी. इस साजिश में एक ईरानी व्यक्ति शामिल था. ट्रंप ने पिछले साल अमेरिकी चुनाव अभियान के दौरान भी कहा था कि उनकी हत्या की साजिश के पीछे ईरान हो सकता है.
ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने अमेरिकी दावों का खंडन किया है. ईरान का कहना है कि अमेरिका दशकों से उसके मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है
अमेरिका ने किया था चौंकाने वाला खुलासा, चुनाव के बाद होना था ट्रंप पर हमला
पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप पर दो अटैक किए गए थे. एक पेंसिल्वेनिया की रैली के दौरान और दूसरा उनके गोल्फ खेलने के दौरान. पेंसिल्वेनिया में हुए हमले में गोली ट्रंप के कान को छूते हुए निकल गई थी, जबकि दूसरी घटना में फायरिंग से पहले ही शूटर को स्पेशल कमांडोज़ ने पकड़ लिया था. एफबीआई ने खुलासा किया कि ट्रंप पर तीसरा हमला होना था.
मामले की जांच के बाद मैनहट्टन में संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के एक अधिकारी ने सितंबर में एक भाड़े के शूटर को ट्रंप की निगरानी करने और उन्हें मारने की योजना बनाने का निर्देश दिया था. शिकायत में बताया गया है कि फरहाद शकेरी नाम के शख्स को ट्रंप की हत्या का जिम्मा सौंपा गया था, जो कि ईरान का एक सरकारी कर्मचारी था. शकेरी अफगानी नागरिक है, जो बचपन में अमेरिका में आकर बस गया था. ईरान ने उसे ट्रंप की हत्या के लिए 7 दिन का टारगेट दिया था. लेकिन शकेरी ने ईरानी अधिकारी को ये कहा था कि चुनाव में अगर ट्रंप हार जाते हैं, तो उन्हें मारना और आसान होगा.
मुझे उम्मीद है कि ट्रंप दुनिया में शांति स्थापित करेंगे: पेजेश्कियान
ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने यह भी दोहराया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है और तेहरान “परमाणु हथियार” नहीं चाहता है. पेजेश्कियान ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि ट्रंप क्षेत्र और दुनिया में शांति स्थापित करेंगे, न कि इसके विपरीत रक्तपात या युद्ध में योगदान देंगे. लेकिन ये बात भी सही है कि हम किसी भी कार्रवाई पर प्रतिक्रिया करेंगे. हम युद्ध से डरते नहीं हैं, लेकिन हम इसकी तलाश भी नहीं करते हैं.”
गौरतलब है कि ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, अमेरिका ने 2015 के संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) सौदे से खुद को अलग कर लिया था, जिसने निगरानी के बदले में ईरान की परमाणु योजनाओं पर प्रतिबंध हटा दिए थे.
क्या ट्रंप और पेजेश्कियान में होगी बातचीत
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने हाल ही में कहा है कि यूरोपीय शक्तियों के साथ चल रही वार्ता से पता चलता है कि वे परमाणु कार्यक्रम पर वार्ता फिर से शुरू करने के प्रति गंभीर हैं. जिसके बाद ट्रंप के साथ बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, ईरानी राष्ट्रपति ने कहा, “हमारी समस्या बातचीत में नहीं है. यह बातचीत और संवाद से उत्पन्न होने वाली प्रतिबद्धताओं में है, जिसके लिए हमें प्रतिबद्ध होना होगा. लेकिन दूसरा पक्ष अपने वादों और दायित्वों पर खरा नहीं उतरा.”