इजरायल और हमास के बीच हुई युद्ध विराम की डील पर एक बार फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. गुरुवार को डील फाइनल होने की खबर आई थी. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई की डील को लेकर डोनाल्ड ट्रंप को धन्यवाद भी कहा था. भारत ने भी युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई का स्वागत किया था. लेकिन सीजफायर डील फाइनल होने के कुछ ही घंटे बाद नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठक को स्थगित कर दिया है.
इजरायल ने हमास पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आतंकी संगठन समझौते के प्रावधानों से पीछे हट रहा है. नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा है कि “जब तक हमास पीछे नहीं हटता, तब तक मंत्रिमंडल संघर्ष विराम समझौते को मंजूरी देने के लिए बैठक नहीं करेगा.”
बंधकों की रिहाई होते-होते फिर डील डिरेल हुई
कतर में बंधकों की रिहाई को लेकर इजरायल और हमास के बीच फाइनल बातचीत की गई थी. जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप और कतर के प्रधानमंत्री ने इस बात की पुष्टि की थी कि इजरायल और बंधकों को लेकर समझौता करा दिया गया है. अमेरिका और कतर की समझौते की घोषणा के बाद बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी लोगों ने सड़क पर उतरकर जश्न मनाया.
अब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संघर्षविराम समझौते को मंजूरी देने के लिए इजरायली कैबिनेट की बैठक को फिलहाल स्थगित कर दिया है. इससे पहले यह समझौता रविवार, 19 जनवरी से प्रभावी होने की उम्मीद थी. इजरायल ने आरोप लगाया है कि हमास शर्तों से पीछे हट रहा है.
बेंजामिन नेतन्याहू ने अब तक साफतौर पर ये नहीं बताया है कि वह कतर और अमेरिका द्वारा घोषित समझौते को स्वीकार करते हैं या नहीं. नेतन्याहू ने एक बयान में यह जरूर कहा था कि वह समझौते का अंतिम ब्यौरा पूरा होने के बाद ही औपचारिक प्रक्रिया जारी करेंगे. (https://x.com/JewsAreTheGOAT/status/1879648199625093171)
इजरायल के आरोपों पर हमास ने क्या कहा
हमास ने नेतन्याहू के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “हमास मध्यस्थों द्वारा घोषित समझौते के प्रति अपनी बातों से पीछे नहीं हट रहे हैं.” इजरायल के सारे आरोप बेबुनियाद है. हमास ने अपने बयान में कहा- “हमास संघर्ष विराम समझौते को मान रहा है लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि कैबिनेट की बैठक तब तक नहीं होगी, जब तक मध्यस्थ यह पक्का नहीं करते कि हमास समझौते के सभी प्रावधानों को मान रहा है या नहीं.”
क्या है सीजफायर की शर्ते, जिसे 19 जनवरी को प्रभावी होना है
सीजफायर का पहला फेज कुल 42 दिनों का हो सकता है. सीजफायर डील के पहले फेज में हमास 33 बंधकों को रिहा कर सकता है, जिनमें 5 महिलाएं शामिल हैं. जबकि इजरायल अपने बंधकों के बदले 250 फिलिस्तीन कैदियों को छोड़ेगा. इसके 15 दिन बाद हमास बाकी बंधकों को रिहा करेगा. इस बीच हमास और इजरायल स्थाई युद्धविराम को लेकर बातचीत करते रहेंगे. बताया जा रहा है कि सीजफायर का ऐलान होते ही गाजा और इजरायल के बीच एक बफर जोन बनाया जाएगा. इजरायल बॉर्डर से 2 किलोमीटर तक बफर जोन की मांग कर रहा है, जबकि हमास अक्टूबर 2023 से पहले की तरह 300 से 500 मीटर का बफर जोन चाहता है. (https://x.com/MarioNawfal/status/1879824243925336428)
अक्टूबर 2023 से मिडिल ईस्ट में क्यों है टेंशन
हमास ने सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर आतंकी हमला कर दिया था, जिसमें 1200 लोग मारे गए थे और 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था. हमास के आतंकियों ने जल,थल और आकाश ने हमला करके इजरायल पर बड़ा अटैक किया था. हमले के बाद इजरायली सेना ने हमास के खिलाफ ऑपरेशन शुरु किया. अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले 15 महीने में इजरायली सेना के एक्शन में तकरीबन 46 हजार लोग मारे जा चुके हैं.
गाजा के 90 प्रतिशत से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं. हमास के खिलाफ इजरायली सेना का ग्राउंड एक्शन अब भी जारी है. बुधवार को ही इजरायल ने गाजा में एक बड़ी एयरस्ट्राइक की है, जिसमें 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इजरायली एक्शन में हमास के दो बड़े नेता इस्माइल हानिया और याह्या सिनवार को मारा जा चुका है. इजरायल ने इन 15 महीनों में हमास को तो लगभग खत्म कर दिया है, लेकिन अपने बंधकों को नहीं छुड़ा पाया है.
हमास के चंगुल में 100 के करीब बंधक हैं, हमास जिनके वीडियो रिलीज करके इजरायली सेना पर दबाव बना रहा है. इजरायल के सामने अपने बंधकों की रिहाई की चुनौती है, इसलिए कतर और अमेरिका की मध्यस्थता से डील कराई गई है. पिछले 24 घंटे पहले तक डील फाइनल हो गई थी, लेकिन एक बार फिर पेंच फंसता दिख रहा है. सवाल ये है कि क्या ट्रंप के शपथ से पहले बाइडेन प्रशासन बंधकों को छुड़ा पाने में कामयाब हो पाता है या 20 जनवरी के बाद और रक्तपात होने वाला है.