रूस की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ जंग में लड़ रहे भारतीयों की वापसी की कोशिशों के बीच झकझोर देने वाली खबर आई है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक रूसी सेना के लिए लड़ने वाले 16 भारतीय लापता हैं, जबकि 12 भारतीयों की मौत हो चुकी है.
शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि रूसी सेना में कार्यरत 18 भारतीय नागरिकों को वापस भेजे जाने की गुजारिश की गई है, जबकि 96 लोगों का वापस लाने में कामयाबी मिली है.
96 भारतीयों को वापस लाए: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रूस-यूक्रेन के युद्ध में भारतीय को लेकर जानकारी साझा की है. जायसवाल के मुताबिक, “रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों के 126 मामले सामने आए हैं. इन 126 मामलों में से 96 लोग भारत लौट आए हैं और उन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी दे दी गई है. रूसी सेना में 18 भारतीय नागरिक अभी भी हैं और उनमें से 16 व्यक्तियों का पता नहीं चल पाया है. रूस ने 16 भारतीयों को लापता श्रेणी में रखा है. उन्हें ढूंढने की कोशिश की जा रही है.”
भारत ने रूस से की भारतीयों की वापसी की मांग
पिछले साल ये खुलासा हुआ था कि नौकरी की तलाश में भारतीयों को लालच देकर अलग-अलग प्लेसमेंट एजेंसी के एजेंट ने मास्को भेजा था. बाद में उन्हें ट्रेनिंग देकर जबरन युद्ध के मैदान में धकेल दिया गया. मास्को गए भारतीय रूस की सैन्य सहायता सेवा में इलेक्ट्रीशियन, रसोइया, प्लंबर और ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे. कई युवकों ने रूस सेना की ड्रेस में एक वीडियो भेजा था, जिसमें उन्होंने वापसी की गुहार लगाई. जिसके बाद खुद पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के सामने ये मुद्दा उठाया था, जिसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से आश्वासन मिला है कि जो भी भारतीय नागरिक रूसी सेना की सेवा में है, उन्हें सेवा से हटाकर बाहर कर दिया जाएगा.
इस सप्ताह केरल के एक व्यक्ति की हुई थी जंग के दौरान मौत
युद्ध के मैदान में हाल ही में केरल के रहने वाले बिनिल की जंग के दौरान मौत हो गई थी, जबकि उनके ही एक रिश्तेदार जो की रूस की तरफ से जंग में शामिल थे, वो घायल हो गए. रणधीर जायसवाल ने कहा, “बिनिल बाबू की मौत बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. हमने परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है. हमारा दूतावास रूसी अधिकारियों के संपर्क में है, ताकि उनका पार्थिव शरीर जल्द से जल्द भारत वापस आ सके. एक अन्य व्यक्ति जो घायल हुआ था, उसका मॉस्को में इलाज चल रहा है. उम्मीद है कि वह भी अपना इलाज पूरा होने के बाद जल्द ही भारत लौट आएगा.”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बार फिर कहा है कि हमने बाकी बचे भारतीय नागरिकों की जल्द रिहाई की अपनी मांग भी दोहराई है.