19 जनवरी को प्रयागराज में लगी आग की घटना में टेरर एंगल से भी हो रही है जांच. एनआईए और यूपी एटीएस ने वाराणसी, प्रयागराज समेत यूपी के कई शहरों से आए 100 से ज्यादा संदिग्धों को नोटिस दिया है, जिन लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इनमें अधिकतर गैर हिंदू हैं और महाकुंभ स्थल पर पहुंचे थे.
दरअसल कुंभ में लगी आग को हादसे से ज्यादा माना जा रहा है, क्योंकि खालिस्तानी आतंकी संगठन खालिस्तानी जिंदा फोर्स (केजेडएफ) ने आग की घटना की जिम्मेदारी ली है. खालिस्तानी आतंकी संगठन का दावा है कि पीलीभीत में एनकाउंटर में मारे गए तीन साथियों (आतंकियों) का बदला लिया गया है. केजेडएफ के दावे को हालांकि, यूपी पुलिस ने नकार दिया है. यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है, सही वक्त पर जानकारी साझा की जाएगी.
खालिस्तान जिंदा फोर्स ने अपने ईमेल में क्या कहा
खालिस्तानी जिंदा फोर्स के आतंकियों ने ईमेल भेजकर प्रयागराज में लगी आग की जिम्मेदारी ली है. ईमेल को ‘फतेह सिंह बागी’ के नाम से भेजा गया है. ईमेल में लिखा गया है कि “महाकुंभ में दो धमाकों के बाद लगी आग की जिम्मेदारी हम लेते हैं. आग किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए लिए नहीं लगाई गई. ये सिर्फ यूपी के सीएम के लिए अलर्ट है. ये सिर्फ शुरुआत है.”
बता दें जिस फतेह सिंह बागी के नाम से ईमेल भेजा गया था, उसको लेकर पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने दावा किया था कि ब्रिटिश आर्मी में काम करता है. अपना नाम जगजीत सिंह उर्फ फतेह सिंह बागी बताता है. आतंकी मॉड्यूल का संचालन रणजीत सिंह नीता करता है, जबकि यूके में रहते हुए फतेह सिंह बागी इसे कंट्रोल करता है.
पंजाब पुलिस के मुताबिक ब्रिटिश सेना की ओर से बागी की पोस्टिंग अफगानिस्तान में भी रह चुकी है. जबकि बागी के परिवार वाले भारतीय सेना में काम कर चुके हैं.
यूपी में 100 संदिग्धों को भेजा गया नोटिस
आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का नाम सामने आने बाद एजेंसियां एक्शन में हैं. एटीएस, एनआईए समेत कई एजेंसियां जांच में जुट गई हैं. एटीएस ने कुंभ मेला क्षेत्र में घटना वाले दिन और एक दिन पहले आने वाले लोगों को देखने के लिए सीसीटीवी खंगाले हैं.
संदिग्धों की शिनाख्त की गई है, जिनमें अधिकतर लोग गैर हिंदू हैं. एटीएस ने वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ समेत यूपी में 100 से अधिक संदिग्धों को नोटिस भेजा है. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिए जाने की खबर है, लेकिन कोई भी औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
बताया जा रहा है कि जैतपुरा के एक स्थानीय नेता शाहिद जमाल के बेटे सिराजुद्दीन से एटीएस टीम ने पूछताछ की है. सिराजुद्दीन 19 जनवरी के आसपास महाकुंभ के क्षेत्र में गया था. सिराजुद्दीन ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर जानकारी दी थी. एटीएस ने सिराजुद्दीन से तीन घंटे तक पूछताछ की है.
महाकुंभ में हुई घटना क्या है?
19 जनवरी की शाम, प्रयागराज में महाकुंभ के मेला क्षेत्र में शास्त्री ब्रिज के पास गीता प्रेस के कैंप में आग लग गई थी. गीता प्रेस के 180 कॉटेज आग में जलकर खाक हो गए. आग की लपटें दूर-दूर तक देखी गईं.
शुरुआती तफ्तीश में पुलिस ने बताया था कि गीता प्रेस के किचन में शाम 4.10 बजे चाय बनाते हुए गैस लीक हुई, जिसके बाद आग लग गई, जिससे 2 सिलेंडर में धमाका हो गया. हालांकि वक्त रहते आग पर काबू पा लिया गया जिससे किसी जान का कोई नुकसान नहीं हुआ. खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद मौका का दौरा किया था.