क्या संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी इमारतों में हमास ने इजरायली बंधकों को छिपाया था. क्या मदद की आड़ में यूएन के लोगों ने की थी हमास आतंकियों की मदद. क्या यूएन का कर्मचारियों से थी हमास आतंकियों की मिलीभगत?
ये सवाल उठने जरूरी हैं, क्योंकि जिन तीन इजरायली बंधकों को समझौते के तौर पर हमास आतंकियों ने रिहा किया था, उन्हें आतंकियों ने संयुक्त राष्ट्र के कंपाउंड में छिपा कर रखा गया था. इस बात की पुष्टि खुद इजरायली विदेश मंत्रालय ने बंधकों से बातचीत के बाद की है.
बंधकों को संयुक्त राष्ट्र के कंपाउंड में छिपाया गया था: इजरायल
इजरायली विदेश मंत्रालय ने खुलासा किया है कि जिन बंधकों (रूमी गोनेन, एमिली डेमरी और डोरोन स्टीनब्रैचर) को रविवार को छोड़ा गया था, उन्हें आतंकियों ने संयुक्त राष्ट्र के आश्रय में रखा था. इजरायली विदेश मंत्रालय ने यूएन को घेरते हुए कहा, “बंधकों को उन जगहों पर रखा गया जो नागरिकों के आश्रय स्थल थे. जिन्हें यूएन ने बनाए थे. ये संयुक्त राष्ट्र, नागरिक स्थानों में बंधकों को छिपाने के लिए हमास की निंदा करने से इनकार करता है.”
छोड़े गए बंधकों ने इजरायली एजेंसियों के सामने किए खुलासे
विदेश मंत्रालय ने बताया कि 19 जनवरी को “हमास की कैद से रिहा होने के दो दिन बाद रूमी गोनेन, एमिली डेमरी और डोरोन स्टीनब्रैचर ने अपने अनुभवों, अपनी कैद की स्थितियों और उन स्थानों के बारे में बताना शुरू किया, जहां 7 अक्टूबर को अपहरण किए जाने के बाद से हमास आतंकवादियों द्वारा उन्हें गाजा पट्टी में रखा गया था.”
बंधकों ने बताया कि “हमास की कैद में रहने के दौरान, वे कुछ समय के लिए संयुक्त राष्ट्र के आश्रयों में छिपे रहे, उन शिविरों में जो युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित नागरिक आबादी के लिए थे और जहां लोग रहते हैं और उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाता है.”
इजरायल ने कहा कि “आतंकवादियों ने बंधकों को वहां रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र के शिविरों का लाभ उठाया, यह जानते हुए कि आईडीएफ परिसर पर हमला नहीं करेगा, इस प्रकार वे खुद को सुरक्षा भी प्रदान कर रहे थे.” (हमास ने रिहा किया तीन युवतियों को, रेड क्रॉस ने निभाई अहम भूमिका)
यूएन के अधिकारियों ने हम पर हुए हमले का मनाया जश्न: इजरायल
इजरायल ने कहा, 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल के खिलाफ हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले के बाद से हमले में गाजा के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी यूएनआरडब्ल्यूए के अधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ है.
एनजीओ यूएनवॉच ने भी निंदा की कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने इजरायल के खिलाफ इस हमास आतंकवादी हमले का जश्न मनाया. इसी जश्न के चलते अमेरिकी विदेश विभाग ने एक साल पहले यूएनआरडब्ल्यू को डोनेशन देने से मना कर दिया था. (https://x.com/IsraelinGeneva/status/1712767392323920197)
क्या संयुक्त राष्ट्र महासचिव जानते थे बंधकों को कहां रखा गया था?
7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले में तकरीबन 1200 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोगों का आतंकियों ने अपहरण कर लिया था. इजरायल ने अपने बंधकों को छुड़ाने और हमास को सबक सिखाने के लिए गाजा में एक बड़ा ऑपरेशन शुरू किया.
इस ऑपरेशन के शुरू होने के बाद 24 अक्टूबर, 2023 को, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के बयान ने सबको चौंका दिया था. यूएन महासचिव ने इजरायल पर हुए हमलों को सही बताया था. गुटेरेस ने इजरायल के खिलाफ हमास के हमलों को यह कहते हुए उचित ठहराया कि “यह शून्य में नहीं हुआ. फिलिस्तीनी लोगों को 56 वर्षों से घुटन भरे कब्जे के अधीन किया गया है”.
ऐसे में सवाल है कि क्या गुटेरेस ये जानते थे कि हमास द्वारा अपहरण किए गए लोगों को संयुक्त राष्ट्र की सुविधाओं में रखा गया था? इजरायल ने कई बार इस बात पर जोर दिया था कि हमास के आतंकी, लोगों को ढाल की तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं. अस्पतालों और स्कूलों को अपना अड्डा बना रहे हैं. लेकिन अब जब बंधकों ने ये खुलासा किया है कि उन्हें यूएन के सुविधा केंद्रों में रखा गया था तो ये बेहद गंभीर मामला हो जाता है कि हमास ने यूएन की मिलीभगत से सब कुछ किया है.
इससे पहले पत्रकारों के भी हमास आतंकियों से जुड़े होने का खुलासा किया था. अल जजीरा के लिए काम करने वाले पत्रकार के घर से एक बंधक को इजरायली सेना ने छुड़ाया था.