अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रूबियो की क्वाड देशों के साथ हुई बैठक पर बिदक गया है चीन. चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए दक्षिण चीन सागर पर अपना अधिकार बताया है.
क्वाड देशों के संयुक्त बयान पर चीन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा है कि क्वाड का इस्तेमाल किसी तीसरे पक्ष को टारगेट करने के लिए नहीं होना चाहिए. चीन ने साउथ चायनी सी में अपनी गतिविधियों को पूरी तरह वैध ठहराया है.
क्वाड का इस्तेमाल किसी को टारगेट करने के लिए न हो: चीन
अमेरिका में हुई क्वाड देशों की बैठक के बाद बौखला गया है चीन. चीन ने अमेरिका. भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के संयुक्त बयान को खारिज करते हुए बयान जारी किया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने दक्षिण चीन सागर पर अपने दावे को बिलकुल सही करार दिया है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने कहा, इस क्षेत्र में बीजिंग की गतिविधियों पूरी तरह से वैध और उचित हैं. क्वाड का इस्तेमाल किसी तीसरे पक्ष को निशाना बनाने के लिए नहीं होना चाहिए.
वाशिंगटन में मार्को रूबियो ने की थी क्वाड देशों की बैठक
अपने कार्यकाल के पहले दिन ही अमेरिका के नए विदेश मंत्री ने क्वाड देशों के साथ समीक्षा बैठक की थी. क्वाड की पहली बैठक के दौरान भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागीरी को लेकर सख्त संयुक्त बयान जारी किया था.
संयुक्त बयान में क्वाड देशों ने कहा, ‘‘हमारे चार राष्ट्र इस बात पर कायम हैं कि समुद्री क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय कानून, आर्थिक अवसर, शांति, स्थिरता और सुरक्षा, हिंद प्रशांत के लोगों के विकास और समृद्धि का आधार हैं. हम बलपूर्वक या जबरदस्ती यथास्थिति को बदलने की कोशिश करने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं.”
क्वाड की बैठक में किन मुद्दों पर बनी सहमति?
अमेरिकी विदेश मंत्री ने वाशिंगटन में कार्यकाल संभालने के बाद बहुपक्षीय क्वाड बैठक बुलाई. क्वाड चार देशों को समूह है, जिसमें अमेरिका के अलावा भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया हैं. चारों देश मिलकर इंडो पैसिफिक रीजन में सुरक्षा को पुख्ता करते हैं, क्योंकि हिंद प्रशांत महासागर में चीन बहुत आक्रामक है और इसी आक्रामकता को रोकने के लिए चारों देशों ने एक बार फिर से प्रतिबद्धता जताई है.
क्वाड देशों के सहयोगियों ने वाशिंगटन में चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने पर सहमति जताई. रूबियो और उनके समकक्षों ने एक संयुक्त बयान जारी कर स्वतंत्र और ओपन इंडो-पैसिफिक” की दिशा में काम करने का वादा किया. क्वाड के सभी सहयोगियों ने दोहराया कि वो एक ऐसे क्षेत्र का समर्थन करते हैं “जहां कानून के शासन, लोकतांत्रिक मूल्य, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखा जाता है और उसकी रक्षा की जाती है”. (क्वाड बैठक में जयशंकर, अमेरिका ने चीन को चेताया)
दुनिया की भलाई के लिए ताकत है क्वाड समूह: एस जयशंकर
क्वाड बैठक के बाद सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा- बैठक ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि अनिश्चित और अस्थिर दुनिया में, ‘क्वाड’ दुनिया भर की भलाई के लिए एक ताकत बना रहेगा.
जयशंकर ने लिखा, “यह महत्वपूर्ण है कि क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक ट्रंप प्रशासन की शुरुआत के कुछ घंटों के भीतर हुई, इस दौरान व्यापक सोच, एजेंडे को गहरा करने और हमारे सहयोग को तेज करने के महत्व पर सहमति बनी.”
क्वाड को एशियाई नाटो बताता है चीन
क्वाड समूहों से खार खाता है चीन. चीन का मानना है कि अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान देशों का क्वाड समूह एशियाई नाटो है. बार-बार हर मंच पर चीन क्वाड देशों के खिलाफ बयान जारी करता है. दरअसल दक्षिण चीन सागर हो या फिर इंडो पैसिफिक रीजन में चीन को क्वाड देश चीन को रोकते हैं, और यह चीन को पसंद नहीं है.