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कर्तव्य पथ पर सेना के नंदीघोष चेतक ऐरावत

गलवान घाटी की झड़प (2020) के बाद से भारतीय सेना ने बॉर्डर और ऑपरेशन्ल एरिया में सैनिकों की आवाजाही के लिए कई स्पेशल व्हीकल्स को इस्तेमाल करना शुरू किया है. इन मिलिट्री व्हीकल्स के जरिए बॉर्डर के ऊबड़-खाबड़, पहाड़ों और बर्फ पर अगर तेजी से मोबिलाइज किया जा सकता है तो जम्मू-कश्मीर में एंटी-टेरेरिस्ट ऑपरेशन में आतंकियों के हमलों से भी बचा जा सकता है.

लंबे समय तक भारतीय सेना जिप्सी या फिर मिलिट्री ट्रक की सवारी करती थी. लेकिन इनमें सुरक्षा के साथ-साथ मूवमेंट में भी लंबा समय लगता था. चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पैदल चलने से भी पैट्रोलिंग में एक लंबा वक्त लगता था. ऐसे में स्पेशिलिजाइड व्हीकल से ये दिक्कत काफी कम हो गई हैं. भारतीय सेना इस वक्त आधा-दर्जन से भी ज्यादा ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल कर रही है, जिन्हें स्वदेशी कंपनियों ने मेक इन इंडिया के तहत तैयार किया है.

खास बात ये है कि सेना ने इन सभी गाड़ियों का नाम पौराणिक मान्यताओं और ऐतिहासिक पात्रों के नाम पर रखा है. ऑल टेरेन व्हीकल को ‘चेतक’ का नाम दिया गया है तो क्विक रिएक्शन फोर्स हैवी व्हीकल को ‘कपिध्वज’ का नाम दिया गया है.

इन सभी स्पेशल व्हीकल्स को इस साल गणतंत्र दिवस परेड में सेना ने उतारने की तैयारी की है. (https://youtube.com/shorts/IlghML0LOSM?si=DS1ODIMww83Ru4zB)

चेतक: पॉलेरिस कंपनी के ऑल टेरेन व्हीकल (एटीवी) को महाराणा प्रताप के घोड़े ‘चेतक’ का नाम दिया गया है. एटीवी को रेगिस्तान से लेकर बर्फ और पहाड़ों तक में चलाया जा सकता है.

कपिध्वज: जेएसडब्लू (जिंदल) ग्रुप की स्पेशिलिटी मोबिलिटी व्हीकल को महाभारत के अर्जुन और कृष्ण के रथ पर लगे ध्वज का नाम दिया गया है. अर्जुन के रथ पर लगे भगवा ध्वज पर हनुमान जी का चिन्ह था और ‘कपिध्वज’ नाम दिया गया था.

सेना का कपिध्वज एक ऑफ रोड व्हीकल है. जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने यूक्रेन की एक कंपनी के साथ मिलकर इस खास व्हीकल को तैयार किया है.

नंदीघोष: कल्याणी ग्रुप की एम-4 माइन प्रोटेक्टेड व्हीकल को अर्जुन और कृष्ण जी के रथ का नाम दिया गया है. इस गाड़ी में आधा दर्जन सैनिक सवार हो सकते हैं. गाड़ी पूरी तरह बारूदी सुरंग और आईईडी ब्लास्ट से सुरक्षा प्रदान करता है. साथ ही खास सन-रूफ पर हथियारबंद सैनिक को भी तैनात किया जा सकता है.

बजरंग: महिंद्रा कंपनी की एडवांस लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (एएलएसवी) को हनुमान जी का नाम ‘बजरंग’ दिया गया है.

ऐरावत: सेना की इंफैन्ट्री द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली महिंद्रा कंपनी की इस एएलएसवी को मोर्टार से लैस किया गया है. भगवान इंद्र की सफेद हाथी की सवारी के नाम पर पर मोर्टार-युक्त एएलएसवी को ‘ऐरावत’ नाम दिया गया है.

त्रिपुरांतक: भगवान शिव के नाम पर टाटा कंपनी की क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल (क्यूआरएफवी) को ‘त्रिपुरांतक’ नाम दिया गया है.

हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब भारतीय सेना ने अपने हथियारों और गाड़ियों को पौराणिक इतिहास की मान्यताओं के आधार पर रखा है. रूस की मदद से बने टी-90 टैंक को भीष्म का नाम दिया गया है तो बीएमपी-2 इंफेन्ट्री कॉम्बेट व्हीकल को सारथ. (https://youtu.be/CckHSp6XPt8?si=ZbrioizIynbPS3mC)

डीआरडीओ के बेहद घातक मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम को भगवान शिव के धनुष, पिनाका का नाम दिया गया है. हाल ही में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) द्वारा सेना के बैटलफील्ड सर्विलांस सिस्टम को महाभारत के संजय का नाम दिया गया है. (महाभारत के संजय का मॉर्डन अवतार तैयार, सेना को देगा बैटलफील्ड की रियल जानकारी)