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पाकिस्तान देता है आतंकवाद को बढ़ावा, दुनिया जानती है

टीएफए ने बताया था कि सुरक्षाबलों को चकमा देने के लिए आतंकी, ‘अल्पाइन क्वेस्ट’ नाम के एक ऑफलाइन एप का इस्तेमाल कर रहे हैं. उधर शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर से जमकर लताड़ लगाई है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान को दो टूक कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद को कौन बढ़ावा दे रहा है.”

पूरी दुनिया जानती है भारत में आतंकी कहां से आ रहे: विदेश मंत्रालय

आतंकवाद को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत में जब आतंकवाद से संबंधित हमले होते हैं, तो यह कहां से आ रहा है, हम सभी सीमा पार आतंकवाद की उत्पत्ति और जड़ को समझते हैं. हर कोई जानता है कि ऐसे लोग और ऐसे देश हैं, जो सीमा पार आतंकवाद के लिए जिम्मेदार हैं. हम पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करने का आह्वान करते हैं.” 

अमेरिका में बोले जयशंकर, पाकिस्तान से बात करने का सवाल ही नहीं 

वाशिंगटन के दौरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. जयशंकर ने कहा कि “पाकिस्तान से बात करने का सवाल ही नहीं. पाकिस्तान से काफी बड़ी मात्रा में भारत ड्रग्स की खेप आती है. ये हमारे देश के लिए काफी बड़ी चिंता की बात है.”

पाकिस्तान के साथ व्यापार के सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान से कोई बात नहीं हो रही है और पाकिस्तान की तरफ से कोई पहल नहीं की गई है. विदेश मंत्री ने कहा कि, “भारत ने तो पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा भी दिया हुआ था, जबकि पाकिस्तान की तरफ से वह दर्जा नहीं मिला.”

पाकिस्तान के आतंक प्रेम के कारण सख्त है मोदी सरकार

उरी और पुलवामा आतंकी हमले के बाद से मोदी सरकार ने पाकिस्तान से सारे संपर्क तोड़ दिए हैं. भारत सरकार ने साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों को भारत भेजना बंद नहीं करेगा, जम्मू-कश्मीर में दखलअंदाजी बंद नहीं करेगा तब तक भारत पाकिस्तान से कोई बात नहीं करेगा.

पिछले साल एससीओ की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर इस्लामाबाद गए थे, तो उन्होंने पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की द्विपक्षीय वार्ता करने से इनकार कर दिया था. दरअसल पाकिस्तान सुधर नहीं रहा है. अब बांग्लादेश के सहारे भारत में आईएसआई अशांति फैलाने की फिराक में हैं. हाल ही में खुलासा ये भी हुआ है कि आईएसआई ने आतंकियों को फ्रांसीसी एप की अल्पाइन क्वेस्ट की ट्रेनिंग दी है. जिसके जरिए आतंकी भारत में घुसपैठ कर सकेंगे. (ऑफलाइन ट्रैकर की मदद से आतंकियों की घुसपैठ, एलओसी पर सेना सतर्क)

मोबाइल एप के जरिए जानकारी हासिल कर रहे आतंकी 

खुलासा हुआ है कि जम्मू कश्मीर में अब स्थानीय मददगारों पर निर्भरता खत्म कर रहे हैं आतंकी. आतंकी फ्रांस के एक ‘अल्पाइन क्वेस्ट’ नाम के एक एप का इस्तेमाल करके घुसपैठ के बाद प्लानिंग कर रहे हैं. आतंकियों को आईएसआई ने ये एप उपलब्ध कराया है, जो ऑफलाइन भी काम करता है .

सुरक्षाबलों की निरंतर निगरानी से बचने के लिए आतंकी सेटेलाइट और रेडियो फोन का इस्तेमाल कम कर रहे हैं और ग्राउंड वर्कर्स की मदद के बिना ऑफलाइन लोकेशन ऐप ‘अल्पाइन क्वेस्ट’ का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके पीछे एक और वजह है क्योंकि आतंकियों को स्थानीय लोगों की मदद उतनी नहीं मिल पा रही है, जितनी पहले मिला करती थी.

साथ ही ओवरग्राउंड वर्कर्स की मदद से योजनाएं लीक होने का भी खतरा है, क्योंकि सुरक्षाबलों की जबरदस्त नेटवर्किंग के चलते आतंकी वारदातों को अंजाम दिए जाने से पहले ही ध्वस्त कर दिया जा रहा है. 

एप का ऑफलाइन वर्जन है आतंकियों के पास उपलब्ध

दरअसल किसी भी जगह की लोकेशन और दिशा पता करने के लिए जिस गूगल मैप की आवश्यकता होती है, वो इंटरनेट से चलता है. लेकिन ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में आने का खतरा रहता है. लेकिन अल्पाइन क्वेस्ट बिना इंटरनेट के एक्सेस किया जा सकता है.

इंटरनेट और लोकेशन इस्तेमाल न किए जाने के कारण सुरक्षाबलों को आतंकियों को ट्रैक करने में दिक्कत आती है. गूगल मैप की तरह लोकेशन बताने का काम करने वाले अल्पाइन क्वेस्ट एप्‍प के जरिए पहाड़, जंगल और नदी का रास्‍ता आसानी से तलाशा जा सकता है, वो भी बिना इंटरनेट के. इसलिए जम्‍मू कश्‍मीर जैसे इलाकों में आतंकियों के बीच इस एप का इस्‍तेमाल बढ़ा है. 

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