इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के व्हाहट हाउस में स्वागत से पहले, अमेरिका में रहने वाले हमास समर्थकों पर गिरने वाली है गाज. फिलिस्तीन में इजरायल के एक्शन के बाद अमेरिका में प्रदर्शन करने वाले विदेशी छात्रों और लोगों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन कार्रवाई करने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि ऐसे कॉलेज छात्रों और हमास समर्थकों के वीजा रद्द कर जल्द से जल्द अमेरिका से डिपोर्ट किया जाएगा.
नहीं बख्शे जाएंगे अमेरिकी, यहूदियों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले
अमेरिका में फिलिस्तीन को लेकर हुए छात्रों के उग्र प्रदर्शन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप सख्त है. ट्रंप ने ऐलान किया है कि ऐसे छात्रों को ढूंढ-ढूंड कर डिपोर्ट किया जाएगा, जिन्होंने प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और नुकसान पहुंचाया था. व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया, “राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से जारी आदेश में न्याय विभाग को ये आदेश दिए गए हैं कि अमेरिकी यहूदियों के खिलाफ आतंकी खतरों, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर तत्काल कदम उठाएं.”
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन से कहा है कि “ऐसे सभी विदेशी छात्र जिन्होंने फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था उन्हें नोटिस जारी किया जाए. हम उन्हें ढूंढ निकालेंगे और डिपोर्ट करेंगे. कॉलेज कैंपस में उन सभी हमास समर्थकों का स्टूडेंट वीजा तत्काल प्रभाव से कैंसिल किया जाएगा.”
देश में यहूदी विरोधी गतिविधियों को रोकेंगे: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने एक और कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो अमेरिका में रह रहे इजरायली नागरिकों के लिए बेहद अहम है. इस कार्यकारी आदेश का उद्देश्य यहूदी विरोधी गतिविधियों से निपटना और उन लोगों को अमेरिका से बाहर निकालना है, जिन्होंने फिलिस्तीन और हमास के समर्थन में प्रदर्शन किया था.
विपक्ष में रहते हुए यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन पर भड़के थे ट्रंप
जिस वक्त ये प्रदर्शन किए गए थे, डोनाल्ड ट्रंप विपक्ष में थे. विपक्ष में रहने के बावजूद भी ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन को ऐसे प्रदर्शन के खिलाफ घेरा था.अमेरिका के यूनिवर्सिटी में होने वाले फिलिस्तीन समर्थन प्रदर्शन को मुद्दा बनाते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि “बाइडेन ने कॉलेज परिसरों को जिहादियों और चरमपंथियों को सौंप दिया है. जिन लोगों के सामने जो बाइडन ने अमेरिका के कॉलेज कैंपस को सरेंडर किया है, वे हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज को नीचे लाना चाहते हैं. प्रदर्शनकारी हमारे ध्वज को फाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. बाइडेन कमजोर है, इसलिए कॉलेजों में बवाल और हिंसा से जुड़ी घटनाएं हुईं हैं.” बाइडेन एक कट्टरपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी चला रहे हैं, अमेरिका में कॉलेज परिसर कट्टरपंथियों के हॉटस्पॉट बन गए हैं.
ट्रंप ने दावा किया कि “जो लोग हिंसक कैंपस विद्रोह को फाइनेंस कर रहे हैं, वही बाइडेन के अभियान को भी फाइनेंस कर रहे हैं.”
ट्रंप ने कहा था, बाइडेन देश को झुकाना चाहते हैं. ट्रंप ने लोगों से वादा भी किया था कि जब वो राष्ट्रपति बनेंगे तो जिहादियों और कट्टरपंथियों को देश से निकाल देंगे.
अमेरिका में हुआ था प्रदर्शन, यहूदी छात्रों से की थी मारपीट
इजरायल के गाजा में एक्शन के बाद अमेरिका की सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं ने जमकर प्रदर्शन किया था.नॉर्थ कैरोलिना से लेकर कैलिफोर्निया तक स्थित कॉलेज और विश्वविद्यालयों में छात्र-छात्राएं सड़क पर उतर गए थे. इजरायली समर्थकों के साथ मारपीट की गई थी. दीक्षांत समारोह के दौरान भी कई छात्रों ने फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध-प्रदर्शन किया था तो वर्जीनिया कॉमनवेल्थ यूनिवर्सिटी में गवर्नर ग्लेन यंगकिन के संबोधन का सैकड़ों छात्रों ने बायकॉट किया था.
चैपल हिल स्थित नॉर्थ कैरोलिना विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं ने सीढ़ियों पर लाल पेंट बिखेर कर बवाल मचाया था. टेक्सास में भी फिलिस्तीन झंडों के साथ प्रदर्शन किया गया. अमेरिका के कई कॉलेज परिसरों में तोड़फोड़, अमेरिकी पुलिस के साथ छात्रों ने झड़प जैसी घटनाएं हुईं. कई दिनों तक इस प्रदर्शन ने कामकाज रोक दिया था. कई जगहों पर यहूदी छात्रों को घेरकर अटैक किया गया था, उनके साथ मारपीट हुई थी. एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी में भी प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को गिरफ्तार किया गया था.
अब सत्ता में आते ही ट्रंप ने प्रदर्शनकारी कट्टर और जिहादी छात्रों को ढूंढने और देश ने निकालने का ऑर्डर दे दिया है. वीजा कैंसिल होना और देश डिपोर्ट होने के आदेश के बाद छात्रों और प्रदर्शनकारी समूह के तेवर ढीले पड़ गए हैं. उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि प्रदर्शन हमास के पक्ष में नहीं, इजरायल के सैन्य एक्शन के खिलाफ किए गए थे.
नेतन्याहू का व्हाइट हाउस में स्वागत
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष हैं जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में व्हाइट स्वागत का दौरा करेंगे. खुद ट्रंप, नेतन्याहू की अगवानी करने जा रहे हैं.
उल्लेखनीय है कि ट्रंप के दबाव में ही नेतन्याहू ने आतंकी संगठन हमास से बंधकों की रिहाई के लिए युद्धविराम समझौता किया है. (चार महिला बंधकों के बदले फिलीस्तीन के 200 कैदी रिहा)