इस साल रक्षा बजट से देश की सेनाएं, एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात करने के लिए लड़ाकू विमान, नेक्स्ट जेनरेशन पनडुब्बी और बेहद ऊंचाई पर उड़ने वाले यूएवी खरीद सकती हैं. लेकिन इनमें से अधिकतर हथियार मेक इन इंडिया के तहत खरीदे जाएंगे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल (2025-26) रक्षा बजट में हथियारों की खरीद के लिए कुल 1.80 लाख करोड़ रूपये आवंटित किए हैं. इसमें से 75 प्रतिशत यानी 1.49 लाख करोड़ मेक हथियारों की खरीद और सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए रखे गए हैं. बाकी 25 प्रतिशत (31 हजार करोड़) सैन्य उपकरणों की रिसर्च एंड डेवलपमेंट और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखा गया है.
इस साल का कैपिटल बजट पिछले साल के मुकाबले 4.65 प्रतिशत ज्यादा है. ये पूंजीगत व्यय, कुल रक्षा बजट (6.81 लाख करोड़) का करीब 27 प्रतिशत है.
मेक इन इंडिया और स्वदेशी कंपनियों से खरीदे जाएंगे हथियार
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 1.49 लाख करोड़ में से भी 75 प्रतिशत यानी 1.12 लाख करोड़ मेक इन इंडिया के जरिए खरीदे जाने वाले हथियारों के लिए हैं और बाकी 28 हजार करोड़ स्वदेशी कंपनियों से खरीदने जाने वाले सैन्य उपकरणों के लिए हैं.
इस रक्षा बजट के जरिए रक्षा मंत्रालय, स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के लिए एक टू-इन इंजन फाइटर जेट खरीदने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि फ्रांस के राफेल विमान के मरीन वर्जन को खरीदने के लिए सौदा अंतिम चरण में चल रहा है.
अगले हफ्ते पीएम मोदी जा रहे हैं फ्रांस
इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस में एआई समिट में हिस्सा लेने जा रहे हैं. इस दौरान राफेल विमान के सौदे पर भी चर्चा हो सकती है. ऐसे में जल्द नौसेना के लिए 26 राफेल (रफाल) लड़ाकू विमान के सौदे पर मुहर लग सकती है.
राफेल (एम) के अलावा, नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी पर भी फ्रांस से चर्चा चल रही है. इन तीनों पनडुब्बियां का निर्माण, फ्रांस के नेवल ग्रुप के साथ मझगांव डॉकयार्ड लिमिटेड (एमडीएल) के साथ किया जाएगा.
साथ ही बेहद ऊंचाई (हाई ऑल्टिट्यूड) और मध्यम ऊंचाई वाले रिमोटली पायलट एयरक्राफ्ट (आरपीए) की खरीद भी इसी साल हो सकती है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, जितनी भी बड़ी डिफेंस डील और हथियारों की खरीद की जाएगी, वे ज्वाइंटनेस और इंटीग्रेशन को बढ़ावे देंगे. साथ ही साइबर और स्पेस डोमेन के लिए एआई, मशीन लर्निंग और रोबोटिक्स इत्यादि जैसे तकनीक पर खासा जोर रहेगा.
- राजस्व बजट: 3.12 लाख करोड़ (कुल बजट का 45.76 प्रतिशत)
- डिफेंस पेंशन: 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी (1.61 लाख करोड़)
- सिविल डिफेंस पेंशन: 27 हजार करोड़)
- डिफेंस आरएंडडी: 12 प्रतिशत ज्यादा
- भारतीय तटरक्षक बल: कैपिटल बजट में 43 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
- बीआरओ का कैपिटल बजट: 7146 करोड़