गाजा को लेकर एक बार फिर दुनिया दो फाड़ दिख रही है. गाजा के लोगों को दूसरे देशों में बसाने और गाजा पर नियंत्रण के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अड़े हुए हैं तो ट्रंप के गाजा प्लान से अमेरिका के सहयोगी देश ही नाराज हैं.
मिस्र ने आपात अरब समिट का ऐलान किया है, जिसका मुख्य विषय ट्रंप का प्रस्ताव है. जर्मन के चांसलर ओलाफ ने ट्रंप के ऑफर को बड़ा स्कैंडल बताया है, तो बेंजामिन नेतन्याहू ने मिस्र पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि गाजा के लोग दूसरे देशों में बसना चाहते हैं, लेकिन मिस्र उन्हें रोक रहा है.
ट्रंप ने दोहराई गाजा पर नियंत्रण की बात
सुपर बाउल की यात्रा के दौरान एयरफोर्स वन में सवार पत्रकारों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘मैं गाजा को खरीदने और उस पर स्वामित्व रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जहां तक इसे फिर से बनाने की बात है, हम इसे मिडिल ईस्ट के दूसरे राज्यों को इसके कुछ हिस्सों के निर्माण के लिए दे सकते हैं. लेकिन हम इसे अपने अधिकार में लेने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमास वापस न जाए. यह जगह एक विध्वंस स्थल है. बाकी को ध्वस्त कर दिया जाएगा.”
ट्रंप के मुताबिक, अरब राष्ट्र उनके साथ बातचीत के बाद फिलस्तीनियों को लेने के लिए सहमत होंगे और अगर उनके पास विकल्प हो तो फिलस्तीनी गाजा छोड़ देंगे. लोग गाजा वापस नहीं जाना चाहते, अगर हम उन्हें सुरक्षित क्षेत्र में घर दे सकें.
बंधकों की स्थिति को देख ट्रंप की वॉर्निंग, ‘ज्यादा दिन बर्दाश्त नहीं करेंगे
डोनाल्ड ट्रंप ने हमास के चंगुल में फंसे बंधकों को लेकर चिंता जताई. ट्रंप ने कहा, “मैंने बंधकों को वापस आते देखा और वे होलोकॉस्ट के बचे हुए लोगों की तरह दिख रहे थे. वे भयानक स्थिति में थे. वे दुबले-पतले थे. ऐसा लग रहा था कि वे कई साल पहले होलोकॉस्ट के बचे हुए लोग थे और मुझे नहीं पता कि हम इसे और कितने समय तक बर्दाश्त कर सकते हैं”
मिस्र फिलिस्तीनी लोगों को भड़का रहा है: बेंजामिन नेतन्याहू
नेतन्याहू ने रविवार को अपने ताजा बयान में मिस्र पर बड़ा आरोप लगाया है. नेतन्याहू ने कहा, फिलिस्तीन के लोग गाजा से बाहर जाना चाहते हैं, लेकिन मिस्र उन्हें रोक रहा है. फिलिस्तीन के लोगों को स्थानंतरित होने का विकल्प दिया जाना चाहिए. अमेरिका से लौटने के बाद ट्रंप ने अपने मंत्रिमंडल के साथ भी बात की है. इस बैठक में नेतन्याहू ने ट्रंप के प्रस्ताव को ‘एक क्रांतिकारी, रचनात्मक दृष्टिकोण बताया है. नेतन्याहू के बयान को मिस्र ने खारिज कर दिया है. मिस्र ने कहा, नेतन्याहू का बयान “भ्रामक और तत्थहीन है.”
मिस्र ने किया आपात अरब मीटिंग का ऐलान
जॉर्डन, मिस्र समेत मिडिल ईस्ट के अधिकांश देशों ने ट्रंप के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.मिस्र ने ऐलान किया कि वह 27 फरवरी को एक आपातकालीन अरब शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा गाजा पट्टी से फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाने के प्रस्ताव के बाद नए और खतरनाक घटनाक्रम पर चर्चा की जाएगी.मिस्र के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया- हाल के दिनों में अरब देशों में उच्चतम स्तर पर हुई वार्ता के बाद काहिरा में अरब लीग शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, जिसमें फिलिस्तीन राज्य भी शामिल है, जिसने फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए नए और खतरनाक घटनाक्रमों पर चर्चा करने के लिए शिखर सम्मेलन आयोजित करने का अनुरोध किया था.
जर्मनी के चुनाव में गाजा पर जबरदस्त बहस
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज स्कोल्ज ने ट्रंप के प्रस्ताव को “एक स्कैंडल” करार दिया और कहा कि “आबादी का स्थानांतरण अस्वीकार्य और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है.” वहीं उनके चुनावी प्रतिद्वंद्वी फ्रेडरिक मर्ज ने इस दौरान कहा, “मैं इस आकलन से सहमत हूं.”
ट्रंप अपने बात पर टिके हुए हैं, लेकिन ये इतना आसान नहीं लग रहा है. माना जा रहा है कि मिडिल ईस्ट में तनाव अभी थमने वाला नहीं है.