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वायुसेना को नहीं है एचएएल में विश्वास, एयर चीफ मार्शल का वीडियो वायरल

ऐसे समय में जब भारतीय वायुसेना की स्क्वाड्रन तेजी से कम हो रही हैं और एलसीए के मार्क-1ए वर्जन की सप्लाई में देरी हो रही है, एयर फोर्स चीफ ए पी सिंह ने सरकारी एविएशन कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) पर सार्वजनिक तौर से खिंचाई करते हुए अपनी खीझ उतारी है। 

बेंगलुरु में चल रहे एयरो इंडिया के दौरान एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वायुसेना प्रमुख, एचएएल की टॉप लीडरशिप को साफ कहते सुने जा सकते हैं कि उन्हें एचएएल में विश्वास नहीं है (वायुसेना का जरूरतों को पूरा करने की)। 

एचएएल के एचजेटी-यशास प्लेन का निरीक्षण करते हुए वायुसेना प्रमुख कॉकपिट में बैठे हुए थे। करीब में ही एचएएल का टॉप मैनेजमेंट और इंजीनियर खड़े थे। 

एलसीए मार्क-1ए की सप्लाई में देरी से चिंतित वायुसेना प्रमुख

वायुसेना प्रमुख मे कहा कि “मैं आपको (एचएएल) को अपनी जरूरत और चितांओं को बता सकता हूं ताकि आप मुझे विश्वास दिला सकें।” एयर चीफ मार्शल ने कहा कि “इस समय मुझे एचएएल में बिल्कुल विश्वास नहीं है, जो बेहद गलत है।”

वायुसेना प्रमुख का गुस्सा ऐसे समय में सामने आया जब अमेरिका से एफ-404 इंजन की सप्लाई ना होने के चलते लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) के मार्क-1ए (अल्फा) वर्जन की सप्लाई में दो साल की देरी हो चुकी है।

मिशन मोड में नहीं है एचएएल: एयर चीफ मार्शल

वीडियो में एयर चीफ कहते सुना जा सकते हैं कि “एचएएल, हमारी कंपनी है। मैंने खुद वहां काम किया है। लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि एचएएल मिशन मोड में नहीं है।”

एयरो-इंडिया में हिस्सा लेने वाले एलसीए मार्क-1ए पर खड़े किए सवाल

वायुसेना प्रमुख ने एयरो इंडिया के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने वाले चार एलसीए मार्क-1ए लड़ाकू विमानों पर भी सवाल खड़े कर दिए। एचएएल ने अपने रिजर्व इंजन से इन चार (दो प्रोटो टाइप और दो ट्रेनर) को तैयार किया है। 

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि “(कल) जो एलसीए उड़ाए थे, वे मार्क-1ए नहीं थे।” वायुसेना प्रमुख ने कहा कि “रंग बदलने या साइज में फेरबदल करने और कुछ सॉफ्टवेयर बदलने से, ऐसा नहीं हो सकता है। इसके लिए एलसीए के वेपन और क्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।”

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि एचएएल ने वादा किया था कि फरवरी तक 11 मार्क-1ए तैयार हो जाएंगे, लेकिन आज तक एक भी तैयार नहीं हुआ। ए पी सिंह को कहते हुए सुना जा सकता है कि “मजा नहीं आ रहा है.”

सरकार चाहती है एलसीए बने वायुसेना की रीढ़ की हड्डी

दरअसल, सरकार (रक्षा मंत्रालय) एलसीए प्रोजेक्ट को वायुसेना की रीढ़ की हड्डी बनाने में जुटी है। यानी ज्यादा से ज्यादा एलसीए की स्क्वाड्रन। फिलहाल, वायुसेना के पास दो एलसीए-तेजस (मार्क-1) की स्क्वाड्रन है जिन्हें तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर तैनात किया गया है। 

सरकार ने मार्क-1ए के कुल 83 विमानों की मंजूरी दे रखी है और 97 अतिरिक्त के लिए भी हरी झंडी अगले तीन से छह महीने तक मिल सकती है। 

ये कुल 220 (40+83+97) एलसीए विमान, वायुसेना के मिग-21, मिग-29 और मिराज की जगह लेंगे, जो अब पुराने हो चले हैं। 

सरकार ने एलसीए के मार्क-2  वर्जन यानी मीडियम वेट फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए भी मंजूरी दे रखी है। 

वीडियो को लेकर एचएएल का पक्ष

इस वीडियो को लेकर एचएएल का पक्ष फिलहाल सामने नहीं आया है। लेकिन मंगलवार को एचएएल के सीएमडी डी के सुनील ने मीडिया को बताया कि मार्च के महीने में अमेरिका से पहला एफ-404 इंजन मिलना शुरू हो जाएगा। इस साल (2025-26) में कुल एक दर्जन एविएशन इंजन मिल जाएंगे। ऐसे में वायुसेना को एलसीए मार्क-1ए की सप्लाई जल्द शुरू हो जाएगी।

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