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फ्रांस के ऐतिहासिक शहर में मोदी, बताया वीर सावरकर से कनेक्शन

प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फ्रांस के जिस मार्सिले शहर में ब्रिटिश रॉयल सेना से जुड़े भारतीय सैनिकों का बेस था, वहां खोला गया है भारतीय दूतावास. समुद्र के किनारे बसे फ्रांस के इस सबसे पुराने शहर पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीर सावरकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की.

ऐतिहासिक और रणनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जाने वाले मार्सिले शहर में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास का उद्घाटन पीएम मोदी ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मौजूदगी में किया. मार्सिले में पीएम मोदी ने दोनों वर्ल्ड वॉर में लड़ने वाले 900 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी. (https://x.com/narendramodi/status/1889622229614469529)

मार्सिले मे भारतीय दूतावास, भारत के लिए बेहद अहम है जगह

प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ मार्सिले में भारत के नए महावाणिज्य दूतावास का उद्घाटन किया है. मार्सिले, फ्रांस का बड़ा शहर और बंदरगाह के कारण एक अहम व्यापारिक शहर है. भूमध्य सागर के तट पर मार्सिले, भारत और फ्रांस के लिए व्यापार के दृष्टिकोण से बेहद अहम हो जाता है.

इंडिया-मिडिल ईस्ट- यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर परियोजना की घोषणा जी-20 शिखर सम्मेलन 2023 के दौरान नई दिल्ली में की गई थी. ये परियोजना भारत के पश्चिमी तट को यूरोप से पश्चिम एशिया के माध्यम से जोड़ने के लिए है. (https://x.com/narendramodi/status/1889446510280188286)

पीएम मोदी ने वीर सावरकर से जुड़ी 115 साल पुरानी घटना याद की

पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत की स्वतंत्रता की खोज में, इस शहर (मार्सिले) का विशेष महत्व है. यहीं पर महान वीर सावरकर ने साहसिक तरीके से जाने का प्रयास किया था. मैं मार्सिले के लोगों और उस समय के फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मांग की थी कि उन्हें ब्रिटिश हिरासत में न सौंपा जाए. वीर सावरकर की बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. इस यात्रा में भारत और फ्रांस को और ज्यादा जोड़ने के उद्देश्य को पूरा करने की कोशिश की जा रही है.”

वीर सावरकर से जुड़ा क्या है मार्सिले शहर से जुड़ा किस्सा?

भारत पर अंग्रेजों के शासन के समय वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने लंदन में गिरफ्तार किया था. साल 1910 में उनको पानी के रास्ते से भारत लाया जा रहा था. इस दौरान सावरकर ने मोरिया नाम के जहाज से भागने और फ्रांस में शरण लेने का प्रयास किया. सावरकर जहाज के एक रोशनदान से निकलकर तैरकर किनारे पहुंच गए थे. मार्सिले शहर के लोगों ने वीर सावरकर के पक्ष में बात की थी. हालांकि बहुत विवादों के बाद फ्रांसीसी अधिकारियों ने सावरकर को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था. (https://x.com/narendramodi/status/1889431302585119037)

अगला एआई समिट भारत में होगा

पीएम मोदी इनदिनों (10-12 फरवरी) फ्रांस की आधिकारिक यात्रा पर हैं. मंगलवार को मोदी ने पेरिस में आयोजित एआई समिट में हिस्सा लिया था. पेरिस में इस बात की भी घोषणा की गई कि अगला एआई समिट भारत में आयोजित किया जाएगा.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव एस. कृष्णन के मुताबिक, “भारत अगले एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. भारत के लिए मेजबानी करने का यह सही समय है, जैसा कि प्रधानमंत्री ने पेशकश की थी और प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया कि अगले एआई शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस साल के अंत में भारत में की जाएगी.”

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