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यूएस फंडिंग की होगी जड़ तक जांच, बीजेपी ने राहुल गांधी को घेरा

भारत में यूएसएड की ओर से वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए भेजे गए पैसों को लेकर विदेश मंत्रालय ने चिंता जताई है. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी फंडिंग की जड़ तक जाकर जांच करने का आह्वान किया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये कहकर सनसनी फैला दी है कि भारत में चुनाव के दौरान (मोदी) विरोधी सरकार लाने की कोशिश की गई थी, जिसके लिए फंडिंग की गई है. ट्रंप के मुताबिक, भारत को इस फंडिंग के बारे में बताना बेहद जरूरी था.

अमेरिकी राष्ट्रपति के मियामी में दिए बयान के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने अमेरिकी प्रशासन द्वारा कुछ यूएसए गतिविधियों और फंडिंग के बारे में दी गई जानकारी देखी है. ये स्पष्ट रूप से बहुत ही परेशान करने वाली हैं.”

आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप चिंता पैदा करती है: विदेश मंत्रालय 

यूएसएड की फंडिंग रोके जाने पर रणधीर जायसवाल ने कहा कि “इससे भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में चिंताएं पैदा हुई हैं. संबंधित विभाग और एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं. इस समय सार्वजनिक टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी, इसलिए संबंधित अधिकारी इस पर विचार कर रहे हैं.” 

भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला करने वाले बेनकाब किए जाएं: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अमेरिका की तरफ से भारत में मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए दिए जा रहे 21 मिलियन डॉलर की कटौती और डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी के बाद इस मामले को बेहद गंभीर बताया है. वित्तपोषण पर जगदीप धनखड़ ने कहा, “जिन लोगों ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर इस तरह के हमले की अनुमति दी, उनका पर्दाफाश किया जाना चाहिए. ऐसी ताकतों पर प्रतिघात करना लोगों का राष्ट्रीय कर्तव्य है.”

हमें चाणक्य नीति को अपनाना चाहिए: धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “यूएसएआईडी फंडिंग पर टिप्पणी एक अधिकारी व्यक्ति की ओर से आई थी और यह एक तथ्य है कि पैसा दिया गया था. विवाद की जड़ तक पहुंचने के लिए चाणक्य नीति को अपनाना चाहिए, इसकी जड़ में जाना चाहिए और इसे जड़ से नष्ट करना चाहिए. इसके साथ पता लगाना चाहिए वो कौन लोग हैं जिन्होंने इस प्रकार के आक्रमण को स्वीकार किया, हमारे प्रजातांत्रिक मूल्यों के ऊपर कुठाराघात किया. उन ताकतों पर प्रतिघात करना हमारा राष्ट्र धर्म है. उनको बेनकाब करना होगा क्योंकि तभी भारत शिखर पर जाएगा.”

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था?

भारत को यूएसएड फंड रद्द करने का ऐलान करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि,”जो बाइडेन प्रशासन भारत के 2024 के लोकसभा चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया था. हमें भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डालर खर्च करने की जरूरत क्यों है? मुझे लगता है कि वे (बाइडेन) किसी और को निर्वाचित करने की कोशिश कर रहे थे. हमने भारत को इसकी जानकारी देनी जरूरी समझी.” 

इससे पहले भी बुधवार को ट्रंप ने कहा था, “हम भारत को 2.1 करोड़ डॉलर क्यों दे रहे थे? उनके पास पहले से ही काफी पैसा है. वे सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देश हैं. मैं भारत और उनके प्रधानमंत्री का सम्मान करता हूं, लेकिन भारत के चुनाव में 2.1 करोड़ की फंडिंग देने का क्या मतलब है”

भारत में किसे मिले यूएसएड के पैसे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जानते हैं कि भारत में विरोधियों को दी गई फंडिंग बेहद ही गंभीर मामला है. लेकिन सवाल ये है कि ये फंडिंग भारत में किसे दी गई, ये जांच का विषय है. चुनावों के दौरान भी सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं ने समय-समय पर कई एनजीओ, मीडिया और विपक्षी पार्टियों को विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया था. माना जा रहा है कि सरकारी जांच में इस बात का खुलासा हो सकता है.

बीजेपी ने साधा राहुल गांधी पर निशाना

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यूएसएड फंडिंग मामले पर प्रेस कॉन्फेंस कर कांग्रेस पार्टी और विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर सीधे निशाना साधा. गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब भारत विरोधी बन चुकी है. भाटिया के मुताबिक, कांग्रेस के नेता अपनी बयानबाजी और कार्यों के जरिए देश की विकास और एकता के खिलाफ काम कर रहे हैं.

गौरव भाटिया ने कहा कि “भारत एक स्वतंत्र संप्रभु राष्ट्र है. किसी भी विदेशी संस्था को हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यह तब और भी चिंताजनक हो जाता है जब संविधान को कायम रखने की शपथ लेने वाले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी देश विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाते हैं.”

भाटिया ने कहा कि “कांग्रेस सांसद (राहुल गांधी) ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वह पीएम मोदी से नफरत करते-करते देश से ही नफरत करने लगे हैं. वह अपने प्रयासों से पीएम मोदी को नहीं हरा सकते, इसलिए वह विदेशी ताकतों से समर्थन चाहते हैं.”

दरअसल, पिछले साल आम चुनाव से पहले राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में कहा था कि “भारत में लोकतंत्र खत्म हो रहा है और अमेरिका-यूरोप चुपचाप बैठे हैं.”

हालांकि, बीजेपी के मौजूदा हमले पर राहुल गांधी और कांग्रेस की तरफ से कोई सफाई सामने नहीं आई है.

बांग्लादेश में भी फंडिग, तख्तापलट के पीछे अमेरिका?

यूएसएड के नाम पर सिर्फ भारत ही नहीं बांग्लादेश को भी फंडिंग की गई थी. शेख हसीना जब सत्ता में थीं, तो उन्होंने इस बात की आशंका जताई थी, और खुद कहा था कि एक व्हाइट मैन ने उनसे कहा है कि अगर उन्हें अपनी सरकार बचानी है. तो बात माननी होगी. शेख हसीना के इस दावे से पहले ही साफ हो चुका था कि बांग्लादेश में जो अस्थिरता फैली, जो हिंसा हुई, उसके पीछे डीप स्टेट था.

अमेरिका द्वारा बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिरता को मजबूत करने के नाम पर 2.9 करोड़ डॉलर की फंडिंग की गई, जिसे अब ट्रंप सरकार ने रोक दिया है. (हिंदू राष्ट्र खत्म करने चाहता था अमेरिका, नेपाल में फंडिंग की जांच की मांग)

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