रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन साल पूरे होने से पहले अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव पेश कर जंग को जल्द से जल्द खत्म करने का आह्वान किया है. खुद अमेरिका के विदेश सचिव (मंत्री) मार्को रूबियो ने इस बात की जानकारी दी है.
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, जंग काफी लंबी खींच चुकी है और इससे रूस और यूक्रेन, दोनों को भारी कीमत चुकानी पड़ी है. रूबियो के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस-यूक्रेन जंग को ना केवल खत्म कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं बल्कि स्थायी शांति के पक्षधर हैं.
24 फरवरी 2022 को शुरू हुआ था युद्ध
24 फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. जंग में दोनों ही देश के लाखों सैनिक और नागरिक मारे गए हैं. साथ ही करीब 50 लाख यूक्रेनी नागरिक बेघर हो गए हैं और यूरोप में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं. युद्ध में अकेले अमेरिका ने ही 175 बिलियन डॉलर खर्च कर दिए हैं. सोमवार (24 फरवरी 2025) को जंग को तीन साल पूरे हो जाएंगे.
अमेरिका ने यूएन में पेश किया शांति प्रस्ताव
रूबियो के मुताबिक, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में ऐतिहासिक प्रस्ताव के जरिए सभी सदस्य-देशों को शांति का समर्थन करने के लिए आह्वान करता है.
विदेश विभाग के मुताबिक, “रूस-यूक्रेन शांति प्रस्ताव, राष्ट्रपति ट्रंप के उस विचार से मेल खाता है जिसमें यूएन को अपनी स्थापना के उद्देश्य के चार्टर के तहत विश्व शांति और सुरक्षा का कायम रखना है. साथ ही किसी भी अंतरराष्ट्रीय विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाना चाहिए.”
पिछले कुछ सालों में यूएन के उद्देश्य को लेकर दुनियाभर में आलोचना हुई है. क्योंकि रूस-यूक्रेन जंग हो या इजरायल-हमास युद्ध, यूएन प्रभावी ढंग से अपने उद्देश्य को पूरा करने में नाकाम साबित हुआ है. हालांकि, इसके लिए अमेरिका को ही सबसे बड़ा दोषी माना जाता रहा है.
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र को याद दिलाया स्थापना का उद्देश्य
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक, “अगर संयुक्त राष्ट्र को वाकई अपने उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है तो ये स्वीकार करना होगा कि भले ही चुनौतियां खड़ी हैं लेकिन शांति कायम की जा सकती है.” अमेरिका के मुताबिक, अब समय आ गया है कि रूस-यूक्रेन जंग को खत्म किया जाए.
युद्धविराम से पहले डोनबास के ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करने में जुटा रूस
इस बीच रूस ने ऐलान किया है कि लुहांस्क के नोवोलियोबिवका इलाके से यूक्रेन को खदेड़ कर कब्जा कर लिया गया है. पिछले कुछ हफ्तों में रूसी सेना ने लुहांस्क (लुगांस्क) और दोनेत्स्क (डोनबास क्षेत्र) में कई रिहायशी इलाकों को अपने अधीन किया है. क्योंकि डोनबास के 20-25 प्रतिशत इलाका अभी भी रूसी सेना के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है. यही वजह है कि रूसी सेना धीरे-धीरे कर इन इलाकों पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़ रही है. इससे पहले की युद्धविराम की घोषणा की जाए, रूसी सेना ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करने में जुटी है.
शनिवार को रूसी सेना प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव ने दोनेत्स्क इलाके का दौरा कर वहां तैनात सैनिकों को सम्मानित किया.