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फाइव-आई से कनाडा की छुट्टी, अमेरिका ने दिखाया बाहर का रास्ता

भारत के मोस्टवांटेड खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड को लेकर जिस ‘फाइव आईज’ के बल पर उछल रहा था कनाडा, उसी ग्रुप से बाहर निकाले जाने की नौबत आ गई है. कनाडा के पीछे हाथ धोकर पडे अमेरिका ने पहले तो 51वां राज्य बनाए जाने की धमकी दी, फिर टैरिफ बढ़ा दिया और अब बेहद ही अहम जासूसी ग्रुप फाइव आईज अलायंस से हटाने का प्रस्ताव आगे कर दिया है. 

ट्रंप प्रशासन ने दिया कनाडा को फाइव आईज से हटाने का प्रस्ताव

ट्रंप प्रशासन के प्रमुख पीटर नवारो ओटावा को जासूसी गुट फाइव आईज से हटाने का प्रस्ताव दे दिया. पीटर नवारो व्हाइट हाउस के बड़े अधिकारी और डोनाल्‍ड ट्रंप के करीबी सलाहकार हैं. फाइव आईज में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा हैं. ये देश दुन‍ियाभर की खुफ‍िया सूचनाएं एक दूसरे से शेयर करते हैं. इसे दुनिया का सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क माना जाता है. इसका मकसद आतंकवाद को रोकना और नेशनल सिक्योरिटी के लिए काम करना है.

कहा जा रहा है कि पीटर नवारो का ये बयान कनाडा पर दबाव बनाने के लिए है, ताकि अमेरिका किसी भी तरह से कनाडा से अपनी व्यापारिक और रणनीतिक बातें मनवा सकें. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने इस सुझाव को स्वीकार किया है या नहीं, इसके बारे में जानकारी नहीं साझा की गई है.

निज्जर हत्याकांड में जस्टिन ट्रूडो ने लिया था फाइव आईज का नाम

जून 2023 को जब निज्‍जर की हत्‍या हुई तो जस्‍ट‍िन ट्रूडो ने इसी संगठन का नाम लेते हुए दावा किया था क‍ि ‘फाइव आईज’ ने कनाडा के साथ खुफ‍िया सूचना दी थी क‍ि न‍िज्‍जर की हत्‍या में भारतीय खुफिया एजेंसियां शामिल हैं. हालांकि, फाइव आइज के किसी और देश ने इसके बारे में कुछ ज्यादा नहीं बयान दिया था.  सहयोगी देश न्यूजीलैंड ने तो भारत का ही साथ दिया था.भारत ने सारे आरोपों को बेबुनियाद बताया था.

क्या है ‘फाइव आईज’ एलायंस

फाइव आईज गठबंधन एक ऐसा इंटेलिजेंस संगठन है जिसमें अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड सहयोगी देश के तौर पर काम करते हैं और एक दूसरे से खुफिया जानकारी साझा करते हैं. इस संगठन की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी सोवियत संघ पर नजर रखने के लिए किया गया था, जब अमेरिका और यूके के कोड ब्रेकर्स आपस में सीक्रेट बैठक करते थे.

फाइव आईज एलायंस में कनाडा 1948 में शामिल हुआ. इसके बाद 1956 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंडभी समझौते में शामिल हो गए. पांच देश होने के वजह से ग्रुप को फाइव आईज कहा जाने लगा. फाइव आइज के सभी सदस्य देश साझा हितों वाले मुद्दों आपस में मिलकर काम करते हैं.

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