रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका के हाथों धोखा खाने के बाद यूरोप को भारत के तौर पर एक भरोसेमंद साथी की तलाश है. यही वजह है कि यूरोपीय कमीशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन दो दिवसीय दौरे (27-28 फरवरी) पर राजधानी दिल्ली पहुंची हैं.
ईयू अध्यक्ष दिल्ली में, भारत को बताया विश्वसनीय मित्र
दिल्ली पहुंचने पर उर्सुला का स्वागत स्वास्थ्य कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने किया. ये पहली बार है कि उर्सुला के साथ ईयू कमिश्नर का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी साथ आया है. इससे पहले वर्ष 2023 में उर्सुला जी-20 की मीटिंग में हिस्सा लेने भी भारत आई थी. इस बार यूरोपीय संघ और भारत के बीच डिफेंस, सिक्योरिटी, व्यापार और एआई जैसे क्षेत्रों में अहम चर्चा होने की संभावना है.
दिल्ली पहुंचने पर खुद उर्सुला ने कहा कि इस “संघर्ष (युद्ध) और तीव्र प्रतिस्पर्धा के युग में, आपको विश्वसनीय मित्रों की आवश्यकता होती है.” साफ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक झटके के साथ ही यूक्रेन का साथ छोड़कर रूस का हाथ थामने से पूरा यूरोप सन्न है. (https://x.com/vonderleyen/status/1895048232750703053)
ट्रंप ने छोड़ा यूक्रेन का सहारा, पूरा यूरोप बैचेन
ट्रंप ने कोल्ड वॉर के समय से रूस (सोवियत संघ) के खिलाफ खड़े किए गए पश्चिमी देशों के मिलिट्री गठबंधन, नाटो (‘नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन’) तक को छोड़ने की धमकी दे दी है. साथ ही यूरोप से अमेरिकी सैनिकों की वापसी और अपनी सुरक्षा खुद करने तक की धमकी ट्रंप ने दे दी है.
यूरोप को आशंका है कि अमेरिका के बदले रुख के बाद यूक्रेन के बाद रूस का अगला टारगेट रूस हो सकता है. यही वजह है कि यूरोप को भारत जैसे विश्वसनीय, भरोसेमंद और तटस्थ मित्र-देशों की आवश्यकता है. (https://x.com/MEAIndia/status/1895047770089889954)
भारत से सामरिक पार्टनरशिप को अगले स्तर पर ले जाएगा ईयू
भारत को एक मित्र और सामरिक-सहयोगी बताते हुए उर्सुला ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि दिल्ली में मैं प्रधानमंत्री “नरेंद्र मोदी से अपने (ईयू) की सामरिक पार्टनरशिप को अगले स्तर पर ले जाने के लिए चर्चा करेंगे.”
गुरूवार को उर्सुला ने दिल्ली पहुंचने पर राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद उर्सुला ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की.
मुलाकात के बाद जयशंकर ने कहा कि उर्सुला के “यूरोप के भारत के साथ फिर से जुड़ने के विचारों की सराहना करता हूं. इस यात्रा के दौरान भारतीय मंत्रियों और यूरोपीय आयोग के आयुक्तों की व्यापक भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि हम भारत-ईयू संबंधों को और गहरा करने को कितनी महत्व देते हैं.” (https://x.com/DrSJaishankar/status/1895084824311767239)