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तहव्वुर का निशाना था नेशनल डिफेंस कॉलेज, बड़ा खुलासा

भारत के गुनहगार, सबसे बड़े दुश्मन, आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के पिट्ठू तहव्वुर हुसैन राणा के एक एक गुनाह का होगा हिसाब. जांच एजेंसियों ने तहव्वुर राणा से पूछे जाने वाले सवालों को फेहरिस्त तैयार कर ली है. लेकिन तहव्वुर राणा कितना खौफनाक था, उसके इरादे कितने खतरनाक थे इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुंबई हमलों के बाद लश्कर आतंकी डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर राणा ने एक और बड़ी आतंकी साजिश रची थी.

ये साजिश थी सेना के खिलाफ. दिल्ली स्थित एनडीसी यानि नेशनल डिफेंस कॉलेज के खिलाफ. तहव्वुर राणा और हेडली के साथ बातचीत के जो सबूत हाथ लगे, उससे खुलासा हुआ था कि दोनों ने मिलकर एनडीसी पर हमले की बड़ी साजिश रची थी. एनडीसी ही वो इन्स्टीट्यूशन है जहां न सिर्फ भारत के बल्कि कई मैत्री देशों के सैन्य अफसर भी ट्रेनिंग लेते हैं. यहां देश के टॉप मिलिट्री कमांडर और ब्यूरोक्रेट्स सहित विदेशी (मित्र-देशों) के सैन्य अधिकारी सामरिक मामलों (स्ट्रेटेजिक एफेयर्स) से जुड़े कोर्स करने के लिए आते हैं.

हेडली-तहव्वुर के खतरनाक प्लान, दिल्ली में एनआईए ने दर्ज की थी एफआईआर

साल 2009 में तहव्वुर हुसैन राणा और हेडली के खिलाफ एनआईए ने एफआईआर दर्ज की थी, क्योंकि खुफिया जानकारी के बाद जांच में पता चला था कि लश्कर आतंकियों के साथ मिलकर राणा और हेडली ने दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज पर हमले की योजना बनाई थी. इन आतंकियों ने सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि यूपी में भी धमाके की प्लानिंग की थी. बताया जा रहा है कि एनआईए की इस एफआईआर में बताया गया था कि हेडली ने राजधानी दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज की रेकी की थी.जांच में ये भी पता चला था कि राणा ने अपनी पत्नी के साथ मुंबई के अलावा नवंबर 2008 यानि अटैक से पहले यूपी के हापुड़, कोच्चि, अहमदाबाद का भी दौरा किया था. एफआईआर में दर्ज तारीख है 13-21 नवम्बर 2008.

एनआईए की एफआईआर में हेडली- तहव्वुर के बारे में और क्या लिखा गया है

एफआईआर के मुताबिक, डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (एचयूजीआई) के सदस्यों के साथ मिलकर एक आपराधिक साजिश रची, जो पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन हैं. इन संगठनों को भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया है. जांच के दौरान, एलईटी और एचयूजीआई के वरिष्ठ पदाधिकारियों की भूमिका सामने आई है, जिनमें हाफिज मोहम्मद सईद, ज़की-उर-रहमान लखवी, सज्जिद मजीद, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सैयद शामिल हैं. आईएसआई के अधिकारियों, मेजर इकबाल और मेजर समीर अली की भूमिका भी सामने आई है. जांच में बाद एनआईए की विशेष अदालत ने  सभी 9 आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए. डेविड कोलमैन हेडली और तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. एनआईए के अनुरोध पर, इंटरपोल, सीबीआई ने शेष 7 आरोपियों के खिलाफ रेड नोटिस जारी किए हैं।

तहव्वुर राणा से सबसे पहले एनआईए करेगी पूछताछ

एनआईए अधिकारियों ने सवालों की लंबी फेहरिस्त बना ली है, जिसमें मुंबई हमलों के अलावा एनडीसी पर हमले की साजिश से जुड़े सवाल होंगे. एजेंसियों का मानना है कि इन आतंकियों को लोकल सपोर्ट भी मिला होगा, तो वो स्थानीय स्लीपर सेल के लोग कौन हैं, जो भारत में रहकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत के खिलाफ रचे गए कुछ और राज सामने आ सकते हैं. आपको बता दें कि राणा के प्रत्यर्पण प्रक्रिया के पीछे भारत के जेम्स बॉन्ड यानी एनएसए अजीत डोवल का बड़ा हाथ है. खुद एनएसए डोवल पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहे हैं. 

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