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नाटो की बड़ी प्लानिंग, 30 से ज्यादा देशों की रूस के खिलाफ रणनीति

रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर जितने देश, उतनी बातें जैसी स्थिति है. युद्ध के तीन साल में जैसे ठीक-ठीक ये पता नहीं चला है कि कौन किसपर भारी है, और किसका कितना नुकसान हुआ है, ठीक वैसे ही सीजफायर डील, पुतिन की शर्तों, जेलेंस्की के दावों, नाटो देशों का रुख में भी कन्फ्यूजन ही दिख रही है. जिस नाटो देशों को लेकर पुतिन ने पहली शर्त है, उन्हीं नाटो देशों ने एक बार फिर से रूस के खिलाफ शुरु कर दी है प्लानिंग. नाटो ने अपने मुख्यालय में 30 देशों के रक्षामंत्रियों की बड़ी बैठक बुलाई है. जिसके अगुवाई ब्रिटेन और फ्रांस कर रहे हैं. वहीं अगर अमेरिकी डील की बात की जाए तो सऊदी अरब में हुई दो राउंड की मीटिंग के बाद ऐसा लगने लगा था कि सीजफायर होने वाला है, लेकिन लगातार हो रहे हमलों से लग रहा है कि डील खटाई में अटक गई है.

नाटो मुख्यालय में रूस के खिलाफ बनेगी रणनीति, अमेरिका ने बनाई दूरी

नाटो ने गुरुवार को अपने मुख्यालय में एक बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें 30 देशों के रक्षा मंत्रियों की मौजूदगी रहेगी, वहीं कुल 50 देश बैठक में हिस्सा लेंगे. रक्षामंत्रियों के अलावा खुफिया एजेंसी के अधिकारी भी बैठक में शामिल होंगे. नाटो ने इस बैठक को लेकर कहा है कि, बैठक का उद्देश्य रूस के साथ किसी भी भावी शांति समझौते की निगरानी के लिए, यूक्रेन में सेना तैनात करने की योजना पर चर्चा करना है. उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) मुख्यालय में होने वाली यह बैठक देशों के रक्षा मंत्रियों की पहली बैठक होगी. पिछले सप्ताह वरिष्ठ ब्रिटिश और फ्रांसीसी सैन्य अधिकारियों ने कीव की यात्रा की थी, जिसके बाद यह बैठक बुलाई गई है. लेकिन खास बात ये है कि नाटो की इस अहम बैठक में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के शामिल होने की संभावना नहीं है. 

नाटो कमांड में शामिल होना चाहता है जापान 

नाटो कमांड में शामिल होना चाहता है जापान. नाटो महासचिव से मुलाकात के बाद जापान ने रक्षा सहयोग को गहरा करने की बात कही है. चीन, उत्तर कोरिया और रूस के बढ़ते सैन्य सहयोग के मद्देनजर यह कदम महत्वपूर्ण है. जापानी रक्षा मंत्री जनरल नाकातानी ने टोक्यो में नाटो महासचिव मार्क रूटे के साथ बैठक के दौरान अपने देश की इच्छा के बारे में बताया.नाकातानी ने कहा, कि “जापान नाटो के साथ सुरक्षा सहयोग को और गहरा करना चाहता है और एनएसएटीयू मिशन में भागीदारी से टोक्यो को यूक्रेन पर रूस के हमले से सबक सीखने में मदद मिलेगी.”नाकातानी ने कहा, “जापान और नाटो दोनों ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और हमारा सुरक्षा वातावरण लगातार अधिक गंभीर होता जा रहा है.”

अमेरिका की मध्यस्थता में हो रही सीजफायर डील कहां तक पहुंची?

अमेरिकी सीजफायर डील के करीब पहुंचने की बात कह रहा है, लेकिन रूस और यूक्रेन के बीच कोई गोलीबारी नहीं रुक रही. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सीजफायर के लिए तैयार हो गए हैं. रूस और यूक्रेन दोनों के बीच की डील कराने में डायरेक्ट विदेश मंत्री मार्को रुबियो और एनएसए माइक वाल्ट्ज लगे हैं, जिसकी निगरानी खुद ट्रंप कर रहे हैं.सीजफायर डील कब और कैसे लागू होगा, इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गईं. 

नाटो बैठक से भड़क सकता है रूस

नाटो हेडक्वार्टर में होने वाली बैठक से रूस एक बार फिर से भड़क सकता है. रूस ने नाटो की शांति सेना को भी खारिज कर दिया है. पुतिन ने साफ तौर पर कहा है कि वो अपनी सीमा के पास किसी भी नाटो सेना को नहीं देखना चाहते हैं. रूस हमेशा से ये कहता आया है कि नाटो युद्ध विराम की कोशिशें नहीं करता, वो युद्ध को भड़काने की कोशिश करता है. 

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