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तहव्वुर प्रत्यर्पण: अमेरिका इजरायल बोले, अब मिलेगा पीड़ितों को इंसाफ

झुके कंधे, सफेद बाल, लंबी सफेद दाढ़ी और आंखों पर लगा चश्मा यही पहचान है भारत का सबसे बड़ा गुनहगार तहव्वुर हुसैन राणा की. अमेरिका से भारत लाया गया तहव्वुर हुसैन राणा एनआईए की कस्टडी में है. 17 साल बाद ये पहला मौका है जब मुंबई पर आतंकी हमला करने वाले अजमल आमिर कसाब के बाद दूसरे जिंदा आतंकी पर भारत में केस चलेगा और उसके गुनाह की सजा दी जाएगी. मुंबई में हुए आतंकी हमले में 166 लोगों में अमेरिकी और इजरायली नागरिक भी थे, लिहाजा अमेरिका और इजरायल दोनों ही देशों ने तहव्वुर हुसैन राणा तो भारत लाए जाने को न्याय के लिए सकारात्मक कदम बताया है.

तहव्वुर राणा को न्याय के कटघरे में लाने के लिए भारत सरकार को थैंक्यू: इजरायल

भारत में इजरायल के राजदूत रियुवेन अजार ने 26/11 के आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण का स्वागत किया है. इजरायली राजदूत ने आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने की प्रतिबद्धता के लिए मोदी सरकार का आभार जताया, अजार ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हम 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए भयानक आतंकवादी हमलों के एक आरोपी के भारत प्रत्यर्पण के बारे में सुनकर खुश हैं, जिसमें इजरायलियों समेत कई निर्दोष नागरिक मारे गए थे. मैं आतंकवादियों को न्याय के कटघरे में लाने की प्रतिबद्धता के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं.” 

तहव्वुर के प्रत्यर्पण पर अमेरिका ने क्या कहा?

अमेरिका ने कहा, मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण इस बर्बर हमले के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम’’ है. आपको बता दें कि मुंबई हमले में 6 अमेरिकी मारे गए थे. अब पीड़ितों के परिवार को न्याय मिलेगा. अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा, “अमेरिका ने बुधवार को पाकिस्तान के मूल निवासी और कनाडाई नागरिक राणा को 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में उसकी भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया. राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और कई अन्य पीड़ितों के लिए न्याय पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बर्बर हमलों में मारे गए थे’’

पाकिस्तान का बेहद खूंखार मोहरा है तहव्वुर राणा 

पाकिस्तानी आर्मी में बतौर डॉक्टर काम कर चुका तहव्वुर राणा शातिर मोहरा है, जिसने कारोबार की आड़ में न सिर्फ मुंबई बल्कि अहमदाबाद, दिल्ली और हापुड़ तक में रेकी की थी. पाकिस्तानी सेना के मेजर इकबाल और लश्कर आतंकी डेविड कोलमैन हेडली का बेहद करीबी साथी है राणा. एनआईए का दावा है कि मुंबई हमलों के अलावा तहव्वुर ने हेडली के साथ मिलकर दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज में बड़े हमले की साजिश रची थी. एजेंसियों ने फोन टैप किया था, जिसमें हेडली और राणा दोनों मुंबई हमलों को लेकर बहुत खुशी से बात करते सुनाई दिए थे और कहा था कि भारत को और जख्म दिए जाएंगे. एनआईए की पूछताछ में तहव्वुर राणा पाकिस्तानी एजेंसियों और लश्कर से जुड़े कई बड़े खुलासे कर सकता है.

पाकिस्तान ने तहव्वुर से झाड़ा पल्ला

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने तहव्वुर राणा को लेकर बयान जारी किया है. जारी बयान में कहा है कि “तहव्वुर राणा ने बीते दो दशक में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों को रिन्यू नहीं किया है. वह स्पष्ट रूप से कनाडा का ही नागरिक है.” पाकिस्तान तहव्वुर राणा से इसलिए दूरी बना रहा है क्योंकि वह पाकिस्तानी सेना से जुड़ा हुआ था और अब 2008 मुंबई आतंकी हमले की साजिश में भारत का आरोपी है, तो पाकिस्तान को डर की उनके अहम राज न खोल दे, इसलिए पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से दूरी बना ली है.

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