रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में पीड़ितों से मिलने पहुंचे हैं ब्रिटेन के छोटे राजकुमार हैरी. प्रिंस हैरी के अचानक यूक्रेन पहुंचना बहुत कुछ कह रहा है. किंग चार्ल्स के छोटे बेटे प्रिंस हैरी ने यूक्रेन में युद्ध में घायल हुए लोगों से मुलाकात की है साथ ही यूक्रेन के प्रति मदद के प्रतिबद्धता जताई है. प्रिंस चार्ल्स ऐसे वक्त में यूक्रेन पहुंचे हैं, जब ब्रिटेन ने यूक्रेन को बड़ी सैन्य सहायता की घोषणा की है और कहा जा रहा है कि ब्रिटेन इस बात पर राजी हुआ है कि वो अपने सैनिकों को रूस के खिलाफ 5 साल तक यूक्रेन की रक्षा के लिए भेजने को तैयार है.
यूक्रेन में प्रिंस हैरी का सीक्रेट दौरा, यूक्रेन से निकलने के बाद दी गई जानकारी
यूक्रेन और रूस के बीच लगातार गोलीबारी चल रही है. सीजफायर पर मंजूरी दूर-दूर तक नहीं दिख रही. ऐसे में अचानक से ब्रिटेन के प्रिंस हैरी ने यूक्रेन पहुंचकर सभी को चौंका दिया. प्रिंस हैरी ने घायल यूक्रेनी लोगों से मुलाकात की। हैरी ने इस दौरान लवीव में ऑर्थोपेडिक क्लीनिक ‘सुपरह्यूमन्स सेंटर’ का भी दौरा किया। इस सेंटर में घायल सैन्य कर्मियों और नागरिकों का इलाज किया जाता है. ‘सुपरह्यूमन्स सेंटर’ में कृत्रिम अंग, सर्जरी से जुड़ी सलाह और मनोवैज्ञानिक सहायता निःशुल्क प्रदान की जाती हैं. प्रिंस हैरी के यूक्रेन की यात्रा के बारे में तब जानकारी साझा की गई जब वो यूक्रेन से रवाना हो गए.
ब्रिटिश सेना में काम कर चुके हैं प्रिंस हैरी
प्रिंस हैरी ब्रिटिश सेना में 10 साल सेवाएं दे चुके हैं और अब उन्होंने घायल सैनिकों की मदद के लिए काम करते हैं.अपनी यात्रा के दौरान हैरी ने यूक्रेन के पूर्व सैनिकों के मामलों की मंत्री नतालिया कलमीकोवा से भी मुलाकात की. लेकिन प्रिंस हैरी के दौरे को लेकर जो गोपनीयता रखी गई है, उससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं. माना जा रहा है कि यूक्रेन पर लगातार किए जा रहे हमलों के कारण ही प्रिंस हैरी के दौरे के बारे में तब जानकारी दी गई, जब वो यूक्रेन से निकल गए.
अपने सैनिकों को कीव भेजने के लिए तैयार है ब्रिटेन
ब्रिटेन ने रूस के खिलाफ यूक्रेन की बड़ी सैन्य मदद का ऐलान किया है. ब्रिटिश सैनिकों को यूक्रेन में पांच साल के लिए तैनात किया जा सकता है. ब्रिटेन सहयोगियों द्वारा चर्चा की गई है, जिसमें ब्रिटेन के सैनिकों को यूक्रेन भेजे जाने पर सहमति बनी है.एक यूरोपीय नेतृत्व वाली सेना को यूक्रेन भेजा जाएगा ताकि रूस को किसी भी समझौते का उल्लंघन करने से रोका जा सके और कीव के लोगों को कुछ जरूरी राहत मिल सके. लेकिन ब्रिटेन और यूरोपीय नेतृत्व वाली सेना का फैसला रूस को भड़का सकता है और अमेरिका की मध्यस्थता में चल रही शांति वार्ता को भी डिरेल कर सकता है.