बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सटा मुर्शिदाबाद हिंसा की आग में जल रहा है. हालात तनावग्रस्त हैं और बीएसएफ की कंपनियां हालात सामान्य कर रही हैं. इस बीच हिंदुओं का पलायन शुरु होने से मामला और संवेदनशील बनने लगा है. खुफिया एजेंसियों ने आशंका जताई है कि वक्फ बिल के विरोध की आड़ में आईएसआई और बांग्लादेश आतंकी थे, जिन्होंने आम लोगों के भेष में आकर हिंसा को भड़काया है. इस बीच बीएसएफ की तैनाती को लेकर भी बंगाल में सियासत शुरु हो गई है. टीएमसी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि बीएसएफ ने ही ऐसे लोगों की सीमा से जानबूझकर घुसपैठ कराई थी, जिससे बंगाल अशांत हो.
मुर्शिदाबाद में बड़ी साजिश, बीएसएफ साजिश का है हिस्सा: टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा, “हमें कुछ इनपुट मिल रहे हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी.केंद्रीय एजेंसियों के कुछ हिस्से, बीएसएफ का एक हिस्सा और दो या तीन राजनीतिक दलों का एक हिस्सा इस साजिश में शामिल था.बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से सीमा में सेंध लगाई गई. कुछ उपद्रवी घुस आए, अराजकता फैलाई और उन्हें वापस जाने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया गया. मैं ‘सीमा’ और ‘बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से’ शब्दों का इस्तेमाल करता हूं; यह सच है या नहीं, इसकी उचित जांच की जरूरत है.”
स्थानीय लोगों ने हिंसा फैलाने वालों को जानने से किया इनकार
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, “स्थानीय लोगों को कोई जाना-पहचाना चेहरा नहीं मिल रहा है. मास्टरमाइंड कौन हैं? मुख्य मास्टरमाइंड कहां से आए और कहां गए? आरोप है कि बीएसएफ की मदद से पश्चिम बंगाल को बदनाम करने और उन इलाकों में कुछ पाप करने की गहरी साजिश है, ताकि बीजेपी राजनीतिक फायदा उठा सके.” आपको बता दें, कि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि जिन लोगों ने हिंसा भड़काई, वो आसपास के लोग नहीं थे और न ही वक्फ बिल के विरोध में किए जाने वाले प्रदर्शन का हिस्सा थे.
धोनी की तरह हालात काबू कर रहे केंद्रीय बल, टीएमसी के आरोप आधारहीन:बीजेपी
बंगाल बीजेपी चीफ सुकांत मजूमदार ने टीएमसी के आरोपों को नकार दिया है. सुकांत मजूमदार ने कहा, “यह आरोप आधारहीन हैं कि केंद्र सरकार ने साजिश रची है और बीएसएफ बांग्लादेश से गुंडों को प्रवेश दिलाकर दंगे करा रही है. हकीकत ये है हि बंगाल पुलिस मूकदर्शक बनी रही जबकि हिन्दुओं पर हमले हुए. पहले पुलिस का रवैया धीमा था, लेकिन अब केंद्रीय बल धोनी की तरह हालात को काबू में ला रहे है. हिंदुओं पर हमला पूरी तरह से सीएम के निर्देश पर किया गया, पुलिस द्रविड़ की तरह खेल रही थी. अब केंद्रीय बलों ने धोनी की तरह खेलना शुरू कर दिया है और स्थिति नियंत्रण में है.”
हिंसाग्रस्त इलाके में बीएसएफ और सीआरपीएफ की तैनाती, एडीजा का मालदा: मुर्शिदाबाद का दौरा
हिंसा प्रभावित इलाकों में अभी 9 कंपनी बीएसएफ और 8 कंपनी सीआरपीएफ के मौजूद हैं. रविवार को कुछ जगहों पर बीएसएफ जवानों पर उपद्रवियों ने हमला करने की कोशिश की थी लेकिन बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई की. बीएसएफ की पूर्वी कमांड के एडीजी रवि गांधी आज से मालदा और मुर्शिदाबाद के दो दिवसीय दौरे पर हैं. सुती, समसेरगंज, जंगीपुर समेत कई संवेदनशील जगहों की रिपोर्ट केंद्रीय गृहमंत्रालय को सौंपेंगे. (https://x.com/BSF_SOUTHBENGAL/status/1911772174433804734)
हिंसा के पीछे आईएसआई और बांग्लादेशी आतंकी और कट्टरपंथी?
बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों ने बीएसएफ को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों से शुरू हुई. ये हिंसा बांग्लादेश स्थित चरमपंथी समूह जमात-ए-इस्लामी से प्रभावित थी. बीएसएफ का मानना है कि ये प्रदर्शन खुद से नहीं किया गया था, बल्कि बाहरी तत्वों की ओर से भड़काया गया था. ये हिंसा जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) जैसे चरमपंथी संगठन है. कुछ दिनों पहले ऐसा अलर्ट भी जारी किया गया था कि जेएमबी और एबीटी, आईएसआई के साथ मिलकर कुछ बड़ा प्लान कर रहे हैं और सीमा पर सक्रिय हैं.