आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को पानी पिलाने में लगे हुए हैं बलूच लड़ाके. ट्रेन हाईजैकिंग, खैबर पख्तूनख्वा में आए दिन आतंकी हमलों से पाकिस्तान दो चार हो ही रहा है कि ईरान में आठ पाकिस्तानियों की हत्या के बाद दहशत है. ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लड़ाकों ने एक कार वर्कशॉप पर हमला करते हुए, वहां मौजूद पाकिस्तानी मजदूरों को बंधक बना लिया और अंधाधुंध फायरिंग कर दी.
दक्षिण-पूर्वी ईरान में आठ पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के बाद शहबाज शरीफ सरकार ने हमले की निंदा की है और ईरान सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ सहयोग की अपील की है.
मामले पर क्या है पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का बयान?
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा, “नागरिकों की हत्या पाकिस्तान-ईरान सीमा से लगभग 230 किलोमीटर (142 मील) दूर, सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के मेहरेस्तान काउंटी में हुई है. अपराधियों की पहचान की जाएगी और न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.” वहीं ईरान में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद मुदस्सिर ने जानकारी दी कि इस्लामाबाद और तेहरान उनके शवों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकेई ने “इस हत्या को आतंकवादी कृत्य बताया और कहा, इस्लामी सिद्धांतों, कानूनों और मानवीय मानदंडों के विपरीत है.”
ईरान में पाकिस्तानियों की हत्या की पूरी वारदात क्या है?
वारदात ईरान के मेहरिस्तान जिले की है. एक गांव में स्थित वर्कशॉप में कुछ हथियारबंद लोग घुस आए और श्रमिकों का हाथ-पैर बांध दिया. हाथ-पैर बांधने के बाद मजदूरों को गोलियों से भून दिया गया. बंदूकधारी हमलावर मौके से भाग गए हैं. बीएलए पर हमले का शक है.
भौगोलिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो करीब 900 किलोमीटर की लंबी ईरान-पाकिस्तान सीमा को गोल्डस्मिथ लाइन के नाम से जाना जाता है. यह अफगानिस्तान से उत्तरी अरब सागर तक फैली हुई है. लगभग 90 लाख बलूच सीमा के दोनों ओर रहते हैं. पाकिस्तान सरकार ने ईरान से आतंक के खिलाफ सहयोग की मांग की है, जबकि कुछ पाकिस्तानी ईरान पर बलूच आतंकियों को पनाह देने का आरोप लगा रहे हैं.