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सुरक्षा परिषद में भारत मुख्य दावेदार, कुवैत का भी मिला साथ

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी में सुधारों पर इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएशंस के अध्यक्ष तारिक अलबनई ने कहा है कि वैश्विक मंच पर भारत एक प्रमुख खिलाड़ी है. अगर यूएनएससी का विस्तार किया जाता है तो भारत सदस्यता का प्रमुख दावेदार है.

दरअसल यूएनएससी में विस्तार के मुद्दे पर चर्चा की गई, जिसमें आईजीएन के अध्यक्ष और कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि अलबनई ने भारत की बढ़ती ताकत को न सिर्फ स्वीकार किया है, बल्कि यूएनएससी में भारत को प्रबल दावेदार बताया है. 

विश्व में भारत बड़ा खिलाड़ी, यूएनएसी में भारत को मिला कुवैत का साथ 

यूएनएससी में सुधारों पर इंटरगवर्नमेंटल नेगोशिएशंस के अध्यक्ष तारिक अलबनई ने भारत की तारीफ की है. भारत को वैश्विक मंच का बड़ा खिलाड़ी बताया है. अलबनई ने कहा, “सुधार परिषद का लक्ष्य प्रतिनिधित्वपूर्ण होना चाहिए. भारत आज वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी है.संयुक्त राष्ट्र 193 देशों का सदस्य है. यह विचार सभी के लिए और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों के लिए प्रतिनिधित्वपूर्ण है. अलबनई ने कहा कि यदि यह निर्णय लिया जाता है कि परिषद के सदस्यों की संख्या 21 से बढ़ाकर 27 की जाएगी, तो निश्चित रूप से भारत इसमें दावेदार होगा और व्यापक सदस्यता के निर्णय के अधीन होगा. सुधार की राह जटिल है, लेकिन हम आगे बढ़ने की दिशा में स्थिर और सार्थक कदम उठा रहे हैं.”

भारत कई बार कर चुका है यूएनएससी में सुधारों की मांग

इसी सप्ताह संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, पी. हरीश ने जी-4 देशों ब्राजील, जर्मनी, जापान और भारत की ओर से एक बयान में आईजीएन की बैठक में कहा कि, “मौजूदा संयुक्त राष्ट्र संरचना एक अलग युग की है, जो अब अस्तित्व में नहीं है तथा वर्तमान भू-राजनीतिक वास्तविकताएं इस संरचना की समीक्षा की मांग करती हैं.” हरीश ने कहा कि “सुरक्षा परिषद की सदस्यता को वर्तमान 15 से बढ़ाकर 25 या 26 करने की जरूरत है. संशोधित परिषद में 11 स्थायी सदस्य और 14 या 15 अस्थायी सदस्य होने चाहिए.”

भारत लंबे समय से कर रहा है स्थायी सीट की मांग

भारत विकासशील देशों के हितों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग लंबे समय से कर रहा है. भारत की बढ़ती वैश्विक छवि के बाद भारत की इस मांग को बल मिला है. आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में 15 सदस्य देश शामिल हैं, जिनमें वीटो शक्ति वाले पांच स्थायी सदस्य और दो वर्ष के कार्यकाल के लिए चुने गए दस अस्थायी सदस्य शामिल हैं. यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और अमेरिका शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्यों को यूएनजीए द्वारा 2 साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है.

फ्रांस ने इसी महीने किया भारत का समर्थन

एक अप्रैल को भारत स्थित फ्रांसीसी एंबेसी ने कहा था कि फ्रांस यूएनएससी की मासिक अध्यक्षता संभाल रहा है, इसलिए भारत को स्थाई सीट दिलाने के लिए यूएनएससी सुधार पर ध्यान केंद्रित करेगा. फ्रांस यूएनएसी सुधार की आवश्यकता को दोहराएगा, जो भारत को उच्च तालिका में एक स्थायी सीट देगा.भारत में फ्रांसीसी दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ” फ्रांस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक अध्यक्षता संभाल रहा है. यह मानवीय प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करते हुए वैश्विक शांति और सुरक्षा पर प्रमुख चर्चाओं का नेतृत्व करेगा. आज की दुनिया को प्रतिबिंबित करने के लिए, फ्रांस, यूएनएससी में सुधार की आवश्यकता को दोहराता है जो भारत को एक स्थायी सीट का समर्थन करता है.”

यूएनएससी में कितने सदस्य हों, इसपर निर्णय नहीं हुआ: अलबनेई

विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कितने सदस्य होने चाहिए, इसके जवाब में संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि अलबनई ने कहा कि “इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन जो संख्या बताई जा रही है वह 21 से 27 सदस्य देशों के बीच है. भारत का रुख हमेशा से ही टेक्स्ट-आधारित वार्ता की ओर जल्द से जल्द बढ़ने का रहा है. सुधार की भावना के लिए साहस और रचनात्मकता दोनों की आवश्यकता होती है, और सभी प्रतिनिधिमंडलों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है क्योंकि हम सुरक्षा परिषद सुधार के मुख्य तत्वों पर आम सहमति बनाने के लिए काम कर रहे हैं.”

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