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छाज बोले तो बोले, छलनी… बांग्लादेश को लगाई लताड़

बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की भूमिका सामने आने के बाद खुफिया एजेंसिया हाईअलर्ट हैं तो वहीं विदेश मंत्रालय ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर बांग्लादेश की तरफ से आई टिप्पणी को खारिज कर दिया है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश को दो टूक कहा है कि बांग्लादेश को गैर जरूरी बयानबाजी करने की जगह अपने अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश को आंतरिक मामलों में दखलदांजी पर जमकर लताड़ लगाई है.

ढाका, भारत के बजाय अपने देश की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करे:रणधीर जायसवाल

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि “हम पश्चिम बंगाल की हालिया घटनाओं को लेकर बांग्लादेश के बयान को पूरी तरह से खारिज करते हैं. यह एक चालाकी से रचा गया और भ्रामक प्रयास है, जिसका मकसद भारत की ओर से बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यक उत्पीड़न पर जताई गई चिंता को कमतर करना है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के आरोपी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं. बेहतर होगा कि ढाका सरकार भारत पर टिप्पणी करने के बजाय अपने देश की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करे.” (https://x.com/MEAIndia/status/1913099126419431529)

भारत मुसलमानों की सुरक्षा सुनिश्चित करे: शफीकुल आलम  

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने अपनी सोशल मीडिया पर मुर्शिदाबाद हिंसा का मामला उछालने की कोशिश करते हुए हिंसा की निंदा की थी. शफीकुल आलम ने लिखा था, “हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से आग्रह करते हैं कि वे मुसलमानों की पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करें. सांप्रदायिक हिंसा में जान-माल की क्षति की हम कड़ी निंदा करते हैं.”

मुर्शिदाबाद में हुआ क्या, जिसमें सामने आया है बांग्लादेशी कट्टरपंथियों का रोल

पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद, दक्षिण परगना और हुगली जिलों में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा में अब तक 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस दौरान मुर्शिदाबाद में आगजनी, पथराव और उग्र हिंसा हुई थी, जिसके बाद सीआरपीएफ और बीएसएफ की तैनाती की गई. प्राथमिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि ये हिंसा बांग्लादेश स्थित चरमपंथी समूह जमात-ए-इस्लामी से प्रभावित थी.

बीएसएफ का मानना है कि ये प्रदर्शन खुद से नहीं किया गया था, बल्कि बाहरी तत्वों की ओर से भड़काया गया था. ये हिंसा जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) जैसे चरमपंथी संगठन है. कुछ दिनों पहले ऐसा अलर्ट भी जारी किया गया था कि जेएमबी और एबीटी, आईएसआई के साथ मिलकर कुछ बड़ा प्लान कर रहे हैं और सीमा पर सक्रिय हैं.

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