यूएई के आसमान में दिखेगा भारतीय वायुसैनिकों का शौर्य. यूएई में गरजेंगे भारतीय वायुसेना के मिग-29 और जगुवार फाइटर जेट्स, क्योंकि यूएई में शुरु हुई है डेजर्ट फ्लैग 10 एक्सरसाइज. ये मल्टीनेशनल हवाई युद्धाभ्यास है, जहां युद्धाभ्यास में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, फ्रांस, जर्मनी, कतर सऊदी कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूएई, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका की वायु सेनाएं शामिल हो रही है. भारतीय जांबाजों की टुकड़ी संयुक्त अरब अमीरात के अल धफरा एयरबेस पहुंच चुकी है.
यूएई में गरजेंगे भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान
भारतीय वायुसेना हवाई युद्ध अभ्यास डेजर्ट फ्लैग 10 में हिस्सा ले रही है. इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना मिग-29 और जगुआर विमानों को शामिल किया गया है. डेजर्ट फ्लैग यूएई वायु सेना द्वारा आयोजित एक बहुराष्ट्रीय अभ्यास है. यह अभ्यास 21 अप्रैल (आज) से 08 मई 2025 के बीच आयोजित किया गया है. इस अभ्यास का लक्ष्य दुनिया की प्रतिष्ठित वायुसेनाओं के साथ मिलकर काम करना है, ताकि जरूरत पड़ने पर मिलकर अहम लड़ाकू अभियानों को अंजाम दिया जा सके. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, “इस तरह के अभ्यासों में शामिल होने से आपसी समझ और अंतर-संचालन क्षमता बढ़ती है और हिस्सा बनने वाले देशों के बीच सैन्य सहयोग मजबूत होता है.”
पुणे में उज्बेकिस्तान के साथ चल रहा भारत का डस्टलिक अभ्यास
भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक का छठा संस्करण चल रहा है. ये अभ्यास विदेशी प्रशिक्षण नोड, पुणे के औंध में शुरू हुआ है. यह अभ्यास 16 अप्रैल से शुरु हुआ है और 28 अप्रैल तक चलेगा. 60 सैन्यकर्मियों की भारतीय टुकड़ी का प्रतिनिधित्व जाट रेजिमेंट और भारतीय वायुसेना की एक बटालियन कर रही है.रक्षा मंत्रालय के अनुसार, संयुक्त अभ्यास डस्टलिक एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है. यह भारत और उज्बेकिस्तान में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है.
पिछला संस्करण अप्रैल 2024 में उज्बेकिस्तान के तरमेज जिले में हुआ था. इस वर्ष अभ्यास का विषय अर्ध-शहरी परिदृश्य में ज्वाइंट मल्टी डोमेन उप-पारंपरिक संचालन की थीम पर आधारित है. यह एक निर्धारित क्षेत्र पर कब्जा करने वाले आतंकवादियों को जवाब देने पर केंद्रित है. अभ्यास में ड्रोन की तैनाती, मानव रहित विमान से निपटने के उपाय और वायु सेना की ओर से अशांत क्षेत्रों में सैन्य बलों को बनाए रखने के लिए रसद सहायता पहुंचाना भी शामिल है,
डेजर्ट फ्लैग और डस्टलिन अलग अलग कूटनीतिक क्षेत्र में भले ही आयोजित किया गया हो, लेकिन दोनों अभ्यास से से एक बात तो साबित हो रही है कि भारत अपने मित्र देशों के साथ रक्षा संबंध और अंतर संचालन क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहा है.