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भारत आएंगे घातक मरीन रफाल, सौदे पर लगी मुहर

पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान के साथ चल रही टेंशन के बीच भारत ने फ्रांस से रफाल (राफेल) लड़ाकू विमानों के 26 मरीन वर्जन के सौदे पर हस्ताक्षर किए. करीब 63 हजार करोड़ के इस सौदे पर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए.

पहलगाम में हुए हमले के बाद फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकार्नू ने अपना दिल्ली दौरा टाल दिया था, लेकिन उन्होंने पेरिस से ही भारत के साथ राफेल डील पर फाइनल मुहर यानी हस्ताक्षर किए, वहीं भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल डील पर हस्ताक्षर किए. पहला रफाल अगले 36 महीनों में मिलेगा, वहीं 2030 तक सभी राफेल मिल जाएंगे. रफाल एम स्वदेशी अस्त्रा और ब्रह्मोस से होगा लैस.

भारत को मिलेंगे 26 रफाल एम, नौसेना बनेगी और शक्तिशाली

सोमवार को राजधानी दिल्ली स्थित नौसेना भवन में रक्षा मंत्रालय और फ्रांसीसी दूतावास के अधिकारियों ने डील पर साइन करने वाली फाइलों का आदान प्रदान किया. इस दौरान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह भी मौजूद थे. भारत और फ्रांस के बीच हुई डील के अनुसार, फ्रांस 26 फाइटर जेट के साथ हथियार और दूसरे सैन्य उपकरण के अलावा भारत में रफाल फाइटर जेट के फ्यूसलाज के लिए एक निर्माण फैसिलिटी बनाएगा और एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयरिंग ओवरहालिंग) सेंटर भी स्थापित करेगा.

डील के मुताबिक, भारत को फ्रांस से 22 सिंगल सीटर डेक-बेस्ड फाइटर जेट मिलेंगे और चार (02) टूइन ट्रेनर एयरक्राफ्ट. इसके साथ ही पायलट की ट्रेनिंग, सिम्युलेट (वर्चुयल ट्रेनिंग), हथियार और दूसरे सैन्य साजो सामान तथा लॉजिस्टिक की जिम्मेदारी भी फ्रांस की होगी.

आईएनएस विक्रांत को मिलेगा साथी, तैनात होंगे राफेल एम

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, आत्मनिर्भर भारत के तहत रफाल में स्वदेशी हथियारों का इंटीग्रेशन भी किया जाएगा. इन हथियारों में अस्त्रा और ब्रह्मोस (एंटी-शिप) मिसाइल शामिल हैं.फ्रांस की दासो कंपनी कैरियर-बॉर्न रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट का निर्माण करेगी. माना जा रहा है कि अगले तीन साल में नौसेना को दासो से पहला मेरीटाइम वर्जन मिल जाएगा. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2030 यानी डील पर हस्ताक्षर होने के अगले पांच सालों में सभी 26 विमान नौसेना को मिल जाएंगे.

पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान से शुरू हुई तनातनी के चलते भारतीय नौसेना ने 24 अप्रैल को आईएनएस विक्रांत अरब सागर में हाईअलर्ट है. इस दौरान मिग-29के ही विक्रांत पर तैनात हैं और अगर जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान के खिलाफ नेवल ऑपरेशन करने में सक्षम है.

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