हिंदुस्तान के मोस्टवांटेड हाफिज सईद की जान हलक में अटकी हुई है. हिंदुस्तान के डर के मारे हाफिज सईद किसी एक जगह टिक नहीं पा रहा है. हिंदुस्तान का खौफ ऐसा कि आग उगलने वाला हाफिज सईद के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा, तभी तो उसके पुराने घिसे पिटे भाषणों के टेप के जरिए आतंकियों में जोश लाने की कोशिश की जा रही है.
बताया जा रहा है कि पहलगाम नरसंहार के बाद से पाकिस्तानी आर्मी ने हाफिज सईद की सिक्योरिटी और बढ़ा दी है. पहलगाम की प्लानिंग से पहले ही हाफिज को आईएसआई ने सेफ हाउस में शिफ्ट कर दिया था.
वर्ष 2022 में, हाफिज सईद को पाकिस्तान की एक अदालत ने टेरर फाइनेसिंग के एक मामले में सजा सुनाई थी. माना जाता है कि जेल में रहने के बजाए हाफिज सईद, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसे नजरबंद रखने की बजाए एक सेफ हाउस में रखती है.
भारतीय सेना को खुली छूट, पाकिस्तानी आर्मी के बीच छिपा हाफिज
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक हाफिज सईद अब पाकिस्तानी आर्मी के कमांडर्स की निगहबानी में है. एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि लश्कर के सीक्रेट ठिकाने पर ही हाफिज की मौजूदगी में रची गई है पहलगाम नरसंहार की स्क्रिप्ट. हाफिज सईद को लाहौर के कैंटोनमेंट एरिया में मीर कॉलोनी के सेफ हाउस में रखा गया है. ये वो सीक्रेट इलाका है. जहां पाकिस्तान आर्मी के 4 कोर कमांडर रहता है. इससे पहले हाफिज सईद मुनीर रोड इलाके में ऑफिसर्स कॉलोनी के पास एक सेफ हाउस में रहता था हालांकि इस एड्रेस पर भी भारत के डर से हाफिज सईद ज्यादा दिन नहीं रहा, और उसने अपना ठिकाना बदल दिया.
कमांडर्स की बीच छिपा, पैरा कमांडो कर रहे सुरक्षा, आने-जाने की मनाही
बताया जा रहा है कि जिस जगह हाफिज सईद को रखा गया है, उस इलाके में दूर-दूर तक किसी के आने-जाने पर रोक लगाई गई है. पैरा कमांडो सुरक्षा में हैं, तो चौबीसों घंटे अलग-अलग कमांडो तैनात किए गए हैं. हाफिज सईद को आर्मी ने बुलेटप्रूफ गाड़ियां दी हैं, जिसमें वो बदल-बदल कर चलता है. पहलगाम अटैक के बाद आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी ने हाफिज सईद के आने-जाने पर रोक लगा दी है. लश्कर ए तैयबा के साथ-साथ हाफिज लश्कर ए खालसा को भी संभाल रहा है, जो खालिस्तानी आतंकियों का विंग है.
लॉरेंस बिश्नोई ग्रुप ने खाई है हाफिज को मारने की कसम
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने पहलगाम में नागरिकों की मौत का बदला लेने की धमकी दी है. सईद की तस्वीर को क्रॉस करके एक सोशल मीडिया पोस्ट में बिश्नोई समूह ने कहा है कि “पाकिस्तान के लिए बेहद मूल्यवान व्यक्ति को निशाना बनाने की कसम खाई है. वर्तमान में पाकिस्तान सरकार की हिरासत में सईद सात आतंकी-वित्तपोषण मामलों में दोषसिद्धि के बाद कुल 46 साल की सजा काट रहा है.”
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एनआईए के वांटेड लश्कर आतंकी अबू कताल की पाकिस्तान में हत्या हुई थी. हाफिज सईद के करीबी आतंकी अबू कताल उर्फ कतील सिंधी की 2 लोगों ने उस वक्त हत्या कर दी, जब वो अपनी गाड़ी से कहीं जा रहा था. अबू कताल वो आतंकी है, जो ढांगरी, राजौरी और रियासी बस हमले का साजिशकर्ता था. हाफिज सईद ने ही अबू कताल को लश्कर का चीफ ऑपरेशनल कमांडर बनाया था. हाफिज सईद के इशारे पर अबू कताल कश्मीर में बड़े हमलों को अंजाम देता था. अबू कताल उस वक्त चर्चा में दोबारा आया था, जब 9 पिछले साल जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिव खोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हुए हमलें में तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया गया था. जनवरी 2023 में राजौरी में टारगेट किलिंग के मामले में भी एनआईए ने अबू कताल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. अबू कताल की हत्या के वक्त ये भी अफवाह उड़ी थी कि शूटर की गोलियां हाफिज सईद को भी लगी थीं, लेकिन बाद में पता चला कि गोलियां हाफिज सईद को नहीं अबू कताल को लगीं थीं.
पाकिस्तान में मिल चुकी है हाफिज सईद को सजा
साल 2022 के अदालत के आदेश के अनुसार, हाफिज को दो मामलों में 31 साल की सजा सुनाई गई थी.आधिकारिक तौर पर हाफिज सईद को 2019 से ही नजरबंद दिखाया गया है. लेकिन सच्चाई ये है कि हाफिज सईद पीओके के इलाके में अक्सर आता है. हाफिज सईद को फरवरी 2025 में कोर्ट में सार्वजनिक तौर पर देखा गया था. मुरीदके, बहावलपुर और रावलकोट में रैलियां करता है.