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जिहाद हमारी पॉलिसी, पाकिस्तानी आर्मी का कबूलनामा

जिहाद हमारी पॉलिसी, हमारा जनरल भी जिहादी, ये सोच रखती है पाकिस्तानी सेना. ये कबूलनामा पाकिस्तानी सेना ने पाकिस्तानी मीडिया के सामने किया है.

अब सोचिए कि ऐसी सोच रखने वाली सेना आतंकियों से ताल्लुक न रखे तो कैसे चलेगा. ऐसे ही पाकिस्तानी आर्मी के अफसर मुंह उठाकर ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में नहीं पहुंच गए थे. पाकिस्तानी सेना और आतंकियों की सांठ-गांठ सबसे सामने है. 

पाकिस्तान आर्मी का चेहरा, अलकायदा आतंकी का बेटा

पाकिस्तानी सेना और आतंकियों के रिश्तों का इन दिनों सबसे बड़ा सबूत है लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी. जनरल चौधरी इन दिनों हर रोज पाकिस्तान में डीजी आईएसपीआर के हक से प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं. नए-नए प्रोपेगेंडा फैलाते हैं लेकिन पाकिस्तानी आर्मी ने जिस अहमद शरीफ चौधरी को आईएसपीआर डीजी बना रखा है, उसके पिता खुद खूंखार आतंकी थे और अमेरिका ने ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित किया था. यही वजह है जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने आतंकियों को मार गिराया तो पाकिस्तानी आर्मी के बड़े अफसर आतंकी के साथ खड़े होकर जनाजे की नमाज पढ़ रहे थे.

पाकिस्तान की प्रोपेगेंडा मशीन का पिता ग्लोबल आतंकी, ओसामा का था करीबी

पाकिस्तान में लगभग हर रोज एक चेहरा प्रेस कॉन्फ्रेंस करता है, जो भारत पर फर्जी और खोखले दावों के साथ मीडिया को बातें करता है.  लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी की हकीकत जानेंगे तो आप भी दंग रह जाएंगे. जनरल चौधरी का पिता सुल्तान बशीरुद्दीन महमूद, कहने को परमाणु वैज्ञानिक था, लेकिन ओसामा बिन लादेन के करीब आते आते बशीरूद्दीन खूंखार आतंकी बन गया.

बशीरूद्दीन ने अल-कायदा को परमाणु बम बनाने की तकनीक देने की कोशिश की थी. 9/11 के बाद, 2001 में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया था. यूएनएसी की सूची में उसका नाम दर्ज है. बशीरूद्दीन पर आतंकी फंडिंग, हथियार सप्लाई और तालिबान-अल-कायदा से गहरे रिश्ते हैं. महमूद ने उम्माह तमीर-ए-नौ नाम की संस्था बनाई थी, जो एनजीओ के तौर पर चलाई जा रही थी, लेकिन असल में एनजीओ की आड़ में न्यूक्लियर वेपन बनाए जा रहे थे.

लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी का पिता अलकायदा को देना चाहता था न्यूक्लियर तकनीक

अमेरिका की खुफिया एजेंसियां आतंकी हमलों के बाद पाकिस्तान पर पैनी नजर बनाए हुए थे. लेकिन खुफिया एजेंसियों के पैरों तले जमीन खिसक गई जब पता चला कि परमाणु वैज्ञानिक बशीरुद्दीन, अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को परमाणु प्रोग्राम की डीटेल्स दे रहा है, ताकि आतंकी संगठन के पास भी परमाणु हथियार हों.

बशीरुद्दीन, अलकायदा को न्यूक्लियर बम बनाने की पूरी जानकारी दे रहा था. दिसंबर 2001 में यूनाइटेड नेशन की अल-कायदा प्रतिबंध समिति ने बशीरुद्दीन महमूद को आतंकी सूची में शामिल किया था. इसके अलावा, अमेरिका के विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने उसे खास तौर पर ग्‍लोबल टेरेरिस्‍ट घोषित कर दिया था. ओएफएसी ने उसका पता भी अल-कायदा के काबुल स्थित एक सुरक्षित ठिकाने के तौर पर दर्ज किया. 

रक्षा मंत्री ने खुद किया था कबूल कि आतंकियों को पालता-पोसता है पाकिस्तान

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री इस बात को कबूल कर चुके हैं, कि  30 वर्षों से आतंकियों को पाल-पोस रहे हैं और ट्रेनिंग दी जा रही है. भारतीय सेना ने भी पीओके के 9 ठिकानों पर तगड़े प्रहार से कुख्यात और वांटेड आतंकी ढेर किए, जिससे पूरी दुनिया को ये सबूत मिला कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए सेफ लैंड की तरह है. मारे गए आतंकियों के जनाजे में पूरी पाकिस्तानी फौज के बड़े अफसर फातिहा पढ़ रहे थे और वो भी जैश आतंकी के पास खड़े होकर. 

आतंकी पिता का बेटा धार्मिक सद्भाव बिगाड़ने में सबसे आगे

डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी पाकिस्तान आर्मी का बड़ा चेहरा है. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने में सबसे आगे हैं. नागरिक ठिकानों, मस्जिदों और नीलम-झेलम प्रोजेक्ट को निशाना बनाया. उन्होंने 26 नागरिकों के मारे जाने का दावा भी किया, लेकिन भारत ने हर आरोप को सबूतों के साथ खारिज कर दिया. लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने गुरुद्वारे और मस्जिद पर अटैक का भी फर्जी आरोप लगाया. जिसपर भारत ने साफ-साफ कह दिया था कि सेना ने सिर्फ और सिर्फ आतंकी ठिकानों को टारगेट किया है. पाकिस्तान की कोशिश है कि धार्मिक सद्भाव बिगाड़ा जाए.

डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी के आतंकी पिता के खुलासे से पाकिस्तान की किरकिरी हो रही है. लेकिन उससे कुछ उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि पाकिस्तान तो है ही बेशर्म.

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