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भारत ने नहीं स्वीकारी यूएस की मध्यस्थता, क्या कह रहा है विदेशी मीडिया?

रूस-यूक्रेन में युद्धविराम में नाकाम रहने वाले, हमास के चंगुल में फंसे बंधकों को न छुड़ा पाने वाले, ईरान के साथ बातचीत के लिए ओमान की मध्यस्थता को स्वीकार करने वाले, बार-बार अपना बयान बदलने और लंबे-चौड़े वादे करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को भारत ने नहीं किया स्वीकार.

भारत और पाकिस्तान के बीच अस्थाई सीजफायर को लेकर श्रेय लेने वाले अमेरिका को दुनियाभर के अखबारों ने दिखाया है आईना. ट्रंप यही तो करते आए हैं, ट्रुथ सोशल पर कुछ भी ऐलान कर देते हैं और बात न सुलझने पर धीरे से खिसक लेते हैं. इसका उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध है. यूक्रेन से मिनरल डील साइन होने के 24 घंटे के अंदर ही ट्रंप युद्धविराम के वादे से मुकर गए. 

आपको बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन और अमेरिकी मध्यस्थता की बातों पर क्या कह रहा है इंटरनेशनल मीडिया. 

भारत हमलों का अपनी शर्त पर जवाब देगा, अमेरिका का जिक्र नहीं: द गार्जियन

ब्रिटेन के सबसे बड़े न्यूजपेपर द गार्जियन ने पीएम मोदी के संबोधन का जिक्र करते हुए लिखा, पीएम मोदी ने कहा- “भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई केवल रोकी है, किसी भी हमले का अपनी शर्तों पर जवाब देंगे. ट्रंप ने दोनों देशों के बीच सीजफायर की घोषणा की. इससे दो न्यूक्लियर पावर देशों के बीच युद्ध की आशंका समाप्त हो गई. ट्रंप और पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसका श्रेय अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को दिया. लेकिन मोदी ने अमेरिका का कोई जिक्र नहीं किया. पीेएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ने ही भारत से संपर्क किया था. और पाकिस्तान ने ही मदद के लिए वैश्विक समुदाय से अपील की थी.”

पीएम मोदी ने ट्रंप की मध्यस्थता की कोशिश स्वीकार नहीं की: वाशिंगटन पोस्ट

अमेरिका के प्रमुख अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन पर टिप्पणी करते हुए लिखा है कि पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को स्वीकार नहीं किया. वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा, “भारत ने केवल अपनी सैन्य कार्रवाई रोकी है और यदि भविष्य में देश पर कोई आतंकवादी हमला होता है तो वह अपनी शर्तों पर जवाब देगा. वाशिंगटन पोस्ट ने पीएम मोदी के उस बयान को छापा है जहां उन्होंने कहा था कि अब अगर पाकिस्तान से बात होगी तो आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर होगी.”

पीएम मोदी ने नहीं दिया ट्रंप को श्रेय:जापान टाइम्स

जापान के सबसे बड़े अखबार जापान टाइम्स ने लिखा,”सोमवार को मोदी ने युद्ध विराम के लिए अमेरिका का जिक्र नहीं किया और न ही ट्रंप को श्रेय दिया. इसके बजाय, पीएम मोदी ने कहा, कि पाकिस्तान ने भारतीय सेना द्वारा उसके “सीने” पर प्रहार किए जाने के बाद दुनिया से तनाव कम करने का आग्रह किया.  इसलिए, जब पाकिस्तान ने अपील की और कहा कि वह आगे किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों या सैन्य दुस्साहस में शामिल नहीं होगा, तो भारत ने इस पर विचार किया. पीएम मोदी ने ये साफ किया कि भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा.”

पाकिस्तान के समा टीवी ने कहा: “ऑपरेशन रुका है, खत्म नहीं हुआ

पाकिस्तान के समा टीवी ने लिखा है, कि मोदी ने युद्ध की धमकी देकर दो न्यूक्लियर पावर पड़ोसियों के बीच, भविष्य में किसी भी संभावित बातचीत के लिए कठोर शर्तें लगाई हैं. इससे उन्होंने क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा दिया है. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत भविष्य में किसी भी उकसावे का अपनी शर्तों पर जवाब देगा. उनका देश अब ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ से विचलित नहीं होगा. पीएम मोदी ने दावा किया कि भारत ने पाकिस्तान में हमला (जवाबी कार्रवाई) किया था, इसके बाद पाकिस्तान ने सीजफायर का अनुरोध किया. 

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