रूस-यूक्रेन में युद्ध समाप्ति की बातचीत में भयंकर कन्फ्यूजन है. कन्फ्यूजन इसलिए क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन को सीधी बातचीत का ऑफर दिया. तुर्किए में बातचीत होनी है, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की तुर्किए पहुंच गए, लेकिन रूस ने अपने उच्च प्रतिनिधिमंडल को भेजा. कहा जा रहा था कि इस्तांबुल में में ट्रंप भी पहुंचेंगे. जेलेंस्की उम्मीद लगाए तुर्किए पहुंच गए, लेकिन पुतिन और ट्रंप दोनों ने ही उन्हें गच्चा दे दिया. अब जेलेंस्की कह रहे हैं कि मॉस्को वार्ता को गंभीरता से नहीं ले रहा है.
तुर्किए में रूस-यूक्रेन के बीच वार्ता, पुतिन के न आने से जेलेंस्की बिफरे
तुर्किए के इस्तांबुल में आज रूस-यूक्रेन युद्ध में 30 दिनों के लिए संघर्षविराम पर बातचीत होनी है. इस बातचीत में यूक्रेन का प्रतिनिधिमंडल, रूस का प्रतिनिधिमंडल और बतौर मध्यस्थ अमेरिका के विदेश मंत्री और उनका प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहेगा. पहले कहा जा था कि तुर्किए में पुतिन और जेलेंस्की आमने-सामने बैठकर बातचीत करेंगे. लेकिन क्रेमलिन ने दौरे से ऐन पहले ऐलान किया कि पुतिन तुर्किए नहीं जा रहे, उनकी जगह रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व राष्ट्रपति के सलाहकार और प्रचार वास्तुकार व्लादिमीर मेडिंस्की करेंगे. रूसी प्रतिनिधिमंडल में उप विदेश मंत्री मिखाइल गालुजिन, रूसी सैन्य खुफिया निदेशक इगोर कोस्त्युकोव और उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन भी शामिल होंगे.
रूस लड़ाई खत्म नहीं करना चाहता, गंभीर नहीं: जेलेंस्की
जेलेंस्की ने तुर्किए में आज होने वाली शांति वार्ता से पहले रूस पर आरोप लगाए. जेलेंस्की ने कहा,”हमारे प्रतिनिधिमंडल से ही इस बैठक को लेकर हमारी गंभीरता का पता चलता है. हमारे प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री, राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख, रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और यूक्रेनी सेना और खुफिया विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे, लेकिन रूसी के प्रतिनिधिमंडल में शीर्ष नेताओं और अधिकारी गैरमौजूद रहेंगे.” जेलेंस्की ने नाराजगी जताते हुए कहा,”तुर्किए ने हमारे प्रतिनिधिमंडल के बराबर का प्रतिनिधिमंडल भेजकर हमारा स्वागत किया, लेकिन दुर्भाग्य से रूस के प्रतिनिधिमंडल से साफ है कि वे बातचीत को लेकर गंभीर नहीं हैं.”
ट्रंप और एर्दोगन के सम्मान के कारण हम वार्ता में शामिल होंगे:जेलेंस्की
जेलेंस्की ने कहा, “पुतिन युद्ध खत्म ही नहीं करना चाहते हैं, रूस ने बेहद निचले स्तर का प्रतिनिधिमंडल भेजा है, लेकिन हम तुर्किए के राष्ट्रपति और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सम्मान में इस बातचीत में शामिल होंगे, ताकि युद्धविराम हो और ये लड़ाई खत्म हो.रूस से कोई समय, कोई एजेंडा या कोई हाई लेवल डेलिगेशन नहीं आया. मेरा मानना है कि अमेरिका और तुर्की रूस के इस व्यवहार को महसूस करते हैं.” जेलेंस्की ने एर्दोगन की तारीफ करते हुए कहा, मैं तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और उनकी टीम, साथ ही तुर्किए के सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन कियाय राष्ट्रपति एर्दोगन ने भरोसा दिलाया है कि वे बैठक के दौरान यूक्रेन का समर्थन करेंगे और क्रीमिया को यूक्रेनी इलाके के तौर पर मान्यता दिलाने की कोशिश करेंगे.”
मार्को रुबियो जाएंगे तुर्की, युद्ध पर क्या है अमेरिका का रुख
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इस मामले में सफलता केवल राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सीधी बातचीत के जरिए ही निकल सकती है.क्योंकि मॉस्को ने तुर्की में हो रही वार्ता के लिए दूसरे दर्जे की टीम भेजी है. तुर्किए रवाना होने से पहले रुबियो ने कहा, “तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के लिए इस्तांबुल में रहूंगा, लेकिन वार्ता से बहुत अधिक उम्मीद नहीं है.”
ट्रंप ने कहा कि “वह इस्तांबुल शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे, जबकि पहले संकेत दिए गए थे कि वह इसमें शामिल होने के लिए अपनी मध्य पूर्व यात्रा का रास्ता बदल सकते हैं. दावा किया कि जब तक पुतिन और मैं (ट्रंप) एक साथ नहीं आते, तब तक कोई शांति समझौता नहीं होगा.”