ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी हासिल कर रही थी सिरसा एयरबेस की जानकारी, बठिंडा सैन्य बेस की जानकारी साथ ही अमृतसर-बठिंडा की ट्रेनों में कितने यात्री जाते हैं, क्या सिक्योरिटी रहती है, ये सब जानकारी भारत में बैठे अपने जासूसों से ले रहा था पाकिस्तान. ऑपरेशन सिंदूर के बाद अलग-अलग इलाकों में पाकिस्तानी जासूसों की धरपकड़ तेज है.
हरियाणा से पंजाब, पंजाब से मध्यप्रदेश और यूपी तक आईएसआई ने अपने जासूसों का जाल फैला रखा था. भारतीय एजेंसी की गिरफ्त में आए जासूसों ने जब एजेंसियों के सामने अपना मुंह खोला तो आईएसआई की पोलपट्टी सामने आ गई है.
सवाल ये है कि क्या आईएसआई की मदद से जैश और लश्कर के आतंकी पहलगाम के अलावा कई और शहरों को दहलाने वाले थे. क्या ट्रेन हाईजैक करने की साजिश थी, या सैन्य ठिकानों पर ट्रेनिंग लिए आतंकवादियों को भेजा जाना था. इन सवालों का जवाब तलाश रही है एजेंसियां.
नूंह से पकड़े गए जासूस का कबूलनामा
नूंह से पकड़े गए तारिफ ने एजेंसियों के सामने जो बताया है, वो चौंका देने वाला है. कैसे वीजा के नाम पर पाकिस्तानी अफसर पहले पैसे कमाने का लालच देते थे और फिर संवेदनशील जगहों की फोटो वीडियो हासिल करते थे. आईएसआई के लिए काम करने वाले जासूस तारिफ ने कैमरे के सामने कबूल किया है, कि साल 2018 से वो पाकिस्तान के अफसरों के लिए काम कर रहा था. फर्जी तरीके से दो-दो सिम पहुंचाता था और फिर उसका पाकिस्तान के लिए वीजा दे दिया जाता था. तारिफ ने दो पाकिस्तानी अफसरों का नाम लिया है. एक है आसिफ बलोचा और दूसरा जाफर.
हमारे लिए कुछ करना पड़ेगा, लाखों मिलेंगे
जासूस तारिफ ने अपने कबूलनामे में बताया कि दूतावास में वो आराम से आ-जा सकता था, क्योंकि साल 2018 से आसिफ बलोचा के जरिेए दूतावास में पहुंच हो गई थी. तारिफ ने बताया कि वो 3 बार पाकिस्तान गया, लेकिन जब तीसरी बार पाकिस्तान से वापस आया तो दूतावास के अफसर जाफर ने कहा कि अब पाकिस्तान का वीजा तब मिलेगा जब तारिफ पाकिस्तान के लिए कुछ काम करे. तारिफ को लाखों का लालच दिया गया था.
पाकिस्तान ने सिरसा के सैन्य ठिकानों की फोटो मंगवाई
जासूस तारिफ के मुताबिक, “पाकिस्तानी अफसर ने कहा था कि वो सिरसा जाए और सिरसा के वायुसेना बेस की तस्वीरें और वीडियो लेकर आए. तस्वीरों और वीडियो के बदले उसे लाखों रु दिए जाएंगे.” तारिफ ने सिरसा जाकर सैन्य गतिविधियों की खुफिया जानकारियां पाकिस्तानी अफसर को दी. आरोपी तारिफ के मोबाइल से कुछ डाटा भी डिलीट मिला है. एजेंसियों के मुताबिक भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ सूचनाएं पाकिस्तान भेज रहा था. अरमान के पास पुलिस ने कुछ मोबाइल जब्त किए हैं.
नोमान इलाही नाम के जासूस से मांगी ट्रेनों की जानकारी
आईएसआई के एक हैंडलर इकबाल काना और गिरफ्तार भारतीय जासूस नोमान इलाही आपसी चैट्स और वॉइस कॉल के जरिए संपर्क में बने हुए थे. पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों की बातचीत सामने आई है. चैट में पाकिस्तानी हैंडलर ने कहा था, “कश्मीर जाओ और केंट की फोटो लेकर आओ. इसके अलावा पाकिस्तानी हैंडलर ने नोमान से ये भी कहा था कि जम्मू-कश्मीर की तरफ जालंधर और अमृतसर होते हुए जो ट्रेन आती है उनकी लोकेशन भेजो और जाकर देखो उनमें कितने लोग आ रहे हैं.” नोमान इलाही पानीपत में एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करता था. जिसे 2 साल में पाकिस्तान की ओर से ट्रेनिंग दी गई थी. हैरान करने वाली बात ये है कि भारत में रह रहे ये जासूस पहलगाम नरसंहार के बाद जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे थे.