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भारत के शांति सैनिकों को मरणोपरांत सम्मान, यूएन ने भारत को बताया शांति रक्षक

भारत के शांति प्रयासों की गूंज संयुक्त राष्ट्र के मंच पर सुनाई दी है. यूएन के शीर्ष शांति रक्षक अधिकारी ज्यां-पियरे लैक्रोइक्स ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए कहा है कि हिंदुस्तान न केवल शांति रक्षा का एक प्रमुख समर्थक है, बल्कि वह शांति रक्षकों के खिलाफ होने वाले अपराधों की जवाबदेही तय करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है. ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब दो भारतीय शांति सैनिकों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया.

भारत के ब्रिगेडियर अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को डैग हैमरशॉल्ड पदक

पिछले साल संयुक्त राष्ट्र के झंडे तले सेवा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले दो भारतीय शांति सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिक दिवस पर मरणोपरांत सम्मानित किया गया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने यूएन महासचिव संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से शहीद भारतीय शांति सैनिकों के परिवारों की ओर से डैग हैमरशॉल्ड पदक प्राप्त किया. संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर भव्य समारोह में ब्रिगेडियर जनरल अमिताभ झा और हवलदार संजय सिंह को मरणोपरांत पदक से सम्मानित किया गया.

सीरिया के गोलान हाइट्स में ब्रिगेडियर अमिताभ ने गंवाई थी जान

ब्रिगेडियर जनरल अमिताभ झा ने संयुक्त राष्ट्र विघटन पर्यवेक्षक बल (यूएनडीओएफ) के साथ काम किया था, जबकि हवलदार संजय सिंह कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में संयुक्त राष्ट्र स्थिरीकरण मिशन (एमओएनयूएससीओ) के साथ तैनात थे.यूएन महासचिव गुटेरेस ने कहा, “अमिताभ झा ने सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद जटिल परिस्थितियों में कार्यवाहक फोर्स कमांडर के तौर पर सेवा दी. उन्हें उनकी नेतृत्व क्षमता और संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के प्रति अटूट समर्पण के लिए याद किया जाएगा.”

भारत की ओर से जारी प्रशस्ति पत्र में क्या लिखा गया

भारत की ओर से जारी एक प्रशस्ति पत्र में कहा गया कि “ब्रिगेडियर अभिताभ झा ने दिसंबर 2024 में सीरियाई संकट के दौरान विकसित हुई एक गंभीर सुरक्षा स्थिति को संभालने में अहम भूमिका निभाई. उस वक्त बशर अल-असद की सरकार का पतन हो गया था और यूएनडीओएफ की ओर से निगरानी वाला सीमा क्षेत्र इजरायल और कई सीरियाई समूहों के दबाव में था. अभिताभ झा एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने हर हालात में डटकर सामना किया. यूएनडीओएफ के कार्यवाहक फोर्स कमांडर के तौर पर उनके कार्यों से यह स्पष्ट था. उनके मित्र और आलोचक दोनों उनकी प्रशंसा करेंगे”

ब्लू हेलमेट्स संकट के समय यूएन का चेहरा: भारतीय स्थायी मिशन

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “दिवंगत शांति सैनिक हमें मानवता की व्यापक और सामूहिक भलाई के लिए किए गए बलिदानों की याद दिलाते हैं. ब्लू हेलमेट्स दुनिया भर में संकटों के समय संयुक्त राष्ट्र का चेहरा बने हुए हैं, जो सबसे गंभीर रूप से प्रभावित लोगों को शांति और आश्वासन मुहैरया कराते हैं. वे उम्मीद की किरण बनकर उभरते हैं. भारत ने दिवंगत ब्रिगेडियर अमिताभ झा , हवलदार संजय सिंह और कर्नल (सेवानिवृत्त) वैभव अनिल काले को भी याद किया, जिन्हें हमने पिछले साल खो दिया था.”

बता दें कि काले संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा सेवा समन्वयक के रूप में कार्यरत थे, जब गाजा के राफा क्षेत्र में उनकी गाड़ी पर इजरायली सेना के हमले में उनकी मृत्यु हो गई.

दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर दी गई श्रद्धांजलि

नई दिल्ली में भारतीय सेना ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र मिशनों में शहीद हुए 182 भारतीय शांति सैनिकों की स्मृति में श्रद्धांजलि दी गई. इस समारोह का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर, डिप्टी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ ने किया. 

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