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ट्रंप से मध्यस्थता को नहीं कहा, वॉशिंगटन से थरूर का जवाब

अमेरिका का धरती से शशि थरूर ने हुंकार भरते हुए कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी तीसरे पक्ष की कोई आवश्यकता नहीं हैं. शशि थरूर का ये बयान इसलिए अहम है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के सीजफायर का क्रेडिट लेने की कोशिश की थी.

अमेरिका बार-बार ये दावा कर रहा है कि उनकी मध्यस्थता के बाद सीजफायर हुआ है. खुद पाकिस्तान भी अमेरिका का पिछलग्गू बनने की कोशिश में है. लेकिन भारत ने हमेशा से दो टूक कहा है कि दो देशों के मुद्दों को सुलझाने के लिए किसी तीसरे की कोई जरूरत नहीं है.  

अमेरिकी राष्ट्रपति का हम करते हैं सम्मान, लेकिन मध्यस्थता के लिए नहीं कहा: शशि थरूर

पाकिस्तान की काली करतूत उजागर करने के लिए वाशिंगटन डीसी पहुंचे शशि थरूर ने कूटनीतिक तरीके से अमेरिका की मध्यस्थता से इनकार कर दिया. शशि थरूर ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के प्रति हमारे मन में बहुत सम्मान है. हम अपने लिए बस इतना ही कह सकते हैं कि हमने कभी किसी से मध्यस्थता करने के लिए नहीं कहा. शशि थरूर ने कहा, अगर वे (पाकिस्तान)आतंकी ढांचे को नष्ट करना चाहते हैं तो हम उनसे बात कर सकते हैं. अगर वे गंभीर कदम उठाते हैं और ऐसा दिखाते हैं कि वे भारत के साथ सामान्य रिश्ते रखना चाहते हैं तो हम निश्चत तौर पर बात करने के तैयार हैं. इसके लिए किसी मध्यस्थ की जरूरत नहीं है.

ट्रंप के आगे मोदी के सरेंडर वाले राहुल गांधी के बयान पर शशि थरूर की हाजिरजवाबी

अमेरिका में एक पत्रकार ने जब शशि थरूर से पूछा कि राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम मोदी मे ट्रंप के आगे सरेंडर कर दिया. तो थरूर ने जवाब देते हुए कहा कि देश में हमारे बीच राजनीतिक मतभेद रहते हैं, लेकिन जब हम देश की सीमा पार कर लेते हैं, तो हम भारतीय हो जाते हैं. लोकतंत्र में पार्टियां विरोध, आलोचना और मांग करती रहती हैं. मैं यहां व्हाइट हाउस के साथ किसी तरह की जटिलता पैदा करने के लिए नहीं आया हूं. अगर कोई देश की सेवा कर रहा हो, तो उसे इन बातों से फर्क नहीं पड़ना चाहिए.

वॉशिंगटन में शशि थरूर ने किया हिलेरी क्लिंटन के सांप वाले बयान का जिक्र

शशि थरूर ने अमेरिकी नेता हिलेरी क्लिंटन के पाकिस्तान पर दिए सालों पुराने बयान को भी दोहराया. अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन पाकिस्तान के घर में जाकर उसकी बेइज्जती की थी. पाकिस्तान में कहा था कि जो लोग अपने आंगन में सांप पालते हैं, वह एक दिन उसे ही काट खाता है.  

थरूर ने कहा, ”पाकिस्तान अब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के हाथों पीड़ित है, जो तालिबान से अलग हुआ एक समूह है. लेकिन तालिबान को किसने बनाया, जिससे तहरीक-ए-तालिबान अलग हुआ? हम सभी इसका जवाब जानते हैं, इसलिए पाकिस्तान को अपने अंदर झांकने दें और खुद को निर्दोष बताने और इनकार करने तथा अन्य सभी बातों का दावा करने से पहले गंभीरता से अपने अंदर झांकने दें.”

थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में सरफराज अहमद (झामुमो), जी. हरीश बालयोगी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी (भाजपा), भुवनेश्वर कलिता (भाजपा), मिलिंद देवरा (शिवसेना), तेजस्वी सूर्या (भाजपा) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरनजीत संधू शामिल हैं. यह प्रतिनिधिमंडल 24 मई को भारत से न्यूयॉर्क पहुंचा था और फिर यह गुयाना, पनामा, कोलंबिया और ब्राजील की यात्रा करके वॉशिंगटन पहुंचा है.

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