विदेशों में गया भारतीय प्रतिनिधिमंडल सिर्फ पाकिस्तान की ही पोल नहीं खोल रहा है, यूरोप के उन देशों को भी कटघरे में खड़ा कर रहा है, जो आतंकवाद के खिलाफ खुद को तटस्थ दिखाते हैं. पश्चिमी देशों की दोहरी मानसिकता पर भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कटाक्ष किया है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने की बजाय यूरोपीय देश तटस्थ क्यों हैं. एम जे अकबर ने कहा, पश्चिमी देशों के लिए भारतीयों की जान की कीमत इतनी कम क्यों है. भारत बदला नहीं बल्कि न्याय चाहता है.
आतंकवाद पर तटस्थ क्यों है यूरोप, भारत को अकेला नहीं छोड़ सकते यूरोपीय दोस्त: एम जे अकबर
बेल्जियम की राजधानी ब्रुसेल्स में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने कहा, “हमारे साथ खड़े होने के बजाय, इतने सारे यूरोपीय क्यों तटस्थ हैं? फिर भी हमें यूरोप में अपने दोस्तों को याद दिलाना होगा कि जब हम इस समय एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं, तो हम उन्हें पीछे नहीं छोड़ सकते. दो कानूनों का युग समाप्त हो गया है और भारत ने, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, दुनिया भर में एक बहुत शक्तिशाली संदेश भेजा है और यह शक्तिशाली संदेश गूंज रहा है और लोगों को मिल रहा है क्योंकि यह मूल्य पर आधारित है. हम भी लोकतंत्र और आजादी के यूरोपीय मूल्यों को साझा करते हैं, फिर भी बहुत से लोग अभी भी तटस्थ हैं.”
भारतीयों के जीवन को कम मूल्यवान क्यों मानते हैं पश्चिमी देश: एम जे अकबर
रविशकंर प्रसाद के प्रतिनिधित्व में बेल्जियम पहुंचे एम जे अकबर ने यूरोप के देशों की मंशा पर सवाल खड़े किए. एम जे अकबर ने कहा, “भारतीयों के जीवन को कम मूल्यवान क्यों माना जाता है. जब भारत पर आतंकी हमले होते हैं, तो पश्चिमी देश चुप क्यों रहते हैं?
एम जे अकबर बोले, “9/11 हमले के बाद, अमेरिका ने 12,000 किलोमीटर दूर जाकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान में कार्रवाई की. उन्होंने पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराया और जनरल मुशर्रफ ने इसे स्वीकार किया. जब भारत आतंकवाद से लड़ने के लिए सिर्फ 500 किलोमीटर दूर कार्रवाई करता है, तो हमें संयम बरतने के लिए कहा जाता है. भारत बदला नहीं, बल्कि न्याय चाहता है. भारतीयों की जान भी उतनी ही कीमती है, जितनी किसी और की है.”
ब्रुसेल्स में प्रियंका चतुर्वेदी ने शहबाज, बिलावल को धोया
भारतीय प्रतिनिधिमंडल के यूरोप दौरे के कुछ ही दिनों में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल भी यूरोप पहुंचेगा. जिसे लेकर प्रियंका चतुर्वेदी ने तंज कसा कि, जहां हम जाते हैं, पाकिस्तान नकल करके पहुंच जाता है और प्रोपेगेंडा फैलाता है. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा ये वही लोग हैं जो हमारा पीछा नहीं छोड़ते, पीछा करते रहते हैं, हमने तो 1947 में छोड़ दिया था.
प्रियंका चतुर्वेदी ने बिलावल भुट्टो की नकल उतारते हुए कहा, “वो कहते हैं कौन रात के अंधेरे में हमला करते हैं. बुजदिल रात के वक्त हमला करते हैं. प्रियंका चतुर्वेदी ने लताड़ लगाते हुए कहा, बुजदिल लो वो हैं, जो निर्वाचित सरकार का तख्तापलट करते हैं और उन्हें जेल भेजने के बाद निर्वाचित पीएम की हत्या कर देते हैं, ताकि सेना, सरकार को कंट्रोल कर सके.”
आपत्ति के बाद यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने लिया भारत का पक्ष
एम जे अकबर के सवाल खड़े करने के बाद यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों ने भारत के स्टैंड का समर्थन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ बयान दिए. भारत में पूर्व राजदूत जान लुइक्स ने कहा, “मुझे लगता है कि प्रतिनिधिमंडल का संदेश बहुत स्पष्ट था. कश्मीर में हाल के घटनाक्रम और पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में कई महत्वपूर्ण बिंदु उठाए गए. हमें बहुत सारी जानकारी और अंतर्दृष्टि मिली, जो वैश्विक मंच पर भारत की उभरती भूमिका और आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई को समझने में हमारी मदद करेगी.”
“पहलगाम की घटना से लोग बहुत भयभीत थे, जहां निर्दोष नागरिक और पर्यटक मारे गए थे. दुख के प्रति सहानुभूति और समझ की भावना बहुत मजबूत है.”