ऑपरेशन सिंदूर के दौरान घायल हुए एक भारतीय सैनिक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बहादुर सैनिक ने पूरे एक महीने तक उधमपुर के कमांड हॉस्पिटल में मौत से जंग लड़ी. खुद भारतीय सेना ने शनिवार को हवलदार सुनील कुमार सिंह के वीरगति को प्राप्त होने की खबर साझा की.
भारतीय सेना की नगरोटा (जम्मू) स्थित व्हाइट नाइट कोर (16वीं कोर) ने शोक संदेश जारी करते हुए कहा कि हवलदार सुनील कुमार सिंह की असाधारण वीरता, साहस, कर्तव्यपरायणता और बलिदान हमेशा के लिए दिलों में छप गया है. गंभीर चोट लगने के बावजूद, उन्होंने कमांड हॉस्पिटल में मौत से लड़ाई जारी रखी थी. व्हाइट नाइट कोर ने विश्वास दिलाया कि शोक की इस घड़ी में सेना हवलदार सुनील कुमार सिंह के परिवार के साथ खड़ी है.
ऑपरेशन सिंदूर में भारत के कुल 09 जवान वीरगति को प्राप्त
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अब कर भारत के कुल 09 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं. पांच सैनिकों के बलिदान की जानकारी, भारतीय सेना के डीजीएमओ ने 12 मई को दी थी. इसके बाद 01 अग्निवीर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. बीएसएफ के भी एक एएसआई समेत दो जवानों ने पाकिस्तान के खिलाफ लड़ते हुए बलिदान दिया था.
इन सभी बहादुर सैनिकों की मौत, एलओसी (नियंत्रण रेखा) पर पाकिस्तान के युद्ध विराम उल्लंघन का करारा जवाब देते वक्त हुई. डीजीएमओ प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कर दिया था कि भारतीय वायुसेना के सभी पायलट सुरक्षित हैं.
पाकिस्तान के मरे 100 सैनिक, बताए महज 11
भारत द्वारा वीरगति को प्राप्त सैनिकों की जानकारी सार्वजनिक करने के बाद पाकिस्तान ने भी अपने मरे हुए सैनिकों की जानकारी दी थी. पाकिस्तान ने अपने मरे हुए सैनिकों की संख्या 11 बताई थी. इनमें एक पाकिस्तानी वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर सहित कुल पांच एयरमैन शामिल थे.
भारत के आकलन के मुताबिक, पाकिस्तान के अकेले 64 सैनिक तो एलओसी से सटी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की चौकियों पर मारे गए थे. इसके अलावा पाकिस्तान के घायल सैनिकों की संख्या 96 है. इसके अलावा पाकिस्तानी वायुसेना के जकोकाबाद स्थित शहबाज एयरबेस पर कम से कम 50 लोगों की मारे जाने की रिपोर्ट थी. लेकिन पाकिस्तान ने महज एक स्क्वाड्रन लीडर समेत कुल पांच लोगों की मौत ही स्वीकार की है.
खबर तो ये भी है कि कई एयरबेस पर पाकिस्तान ने अपने सैनिकों के शवों को सैटेलाइट तस्वीरों में कैद होने के डर से बाहर तक नहीं निकाला है. ऐसे में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के मारे गए सैनिकों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है.