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मणिपुर में मैतेई पर सीबीआई के एक्शन से बवाल, फिर भड़की हिंसा

मणिपुर में कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है. मैतेयी संगठन अरामबाई तेंगोल के नेता और अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद जबर्दस्त हिंसा हुई है और हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद हालात तनावपूर्ण हैं. 

इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. इंटरनेट और मोबाइल डाटा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. मणिपुर के अरम्बाई तेंगोल संगठन ने गिरफ्तार लोगों को बिना शर्त रिहाई की मांग करते हुए 10 दिनों के राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है. 

2023 की मणिपुर हिंसा में एक्शन, सीबीआई ने मैतई संगठन के नेता कानन को किया गिरफ्तार

मैतेई समुदाय अरम्बाई तेंगोलके नेता कानन को रविवार को इंफाल हवाई अड्डे पर 2023 की मणिपुर हिंसा से जुड़ी विभिन्न आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जैसे ही ये खबर संगठन के लोगों को पता चली, बवाल मच गया. प्रदर्शनकारियों ने नेता की रिहाई की मांग करते हुए क्वाकीतेल और उरिपोक में सड़क के बीच में टायर जलाया. 

इंफाल में विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा बलों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़पें हुईं. भीड़ ने इंफाल पूर्व जिले के खुराई लमलोंग में बस में आग लगा दी, जिसके बाद स्थिति गंभीर होती चली गई. कोइरेंगेई में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों की आवाजाही रोकने के लिए सड़क खोद दी और मुख्य रास्तों पर मिट्टी के ढेर लगा दिए. 

जिरीबाम में भी हालात बेकाबू दिखे. हिंसा को देखते हुए इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग जिलों में प्रतिबंध लागू कर दिया गया है.

कौन है कानन, जिसकी गिरफ्तारी से भड़क गई हिंसा

साल 2023 में मणिपुर में भड़की हिंसा की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को सौंपी गई है. जांच में पाया गया है कि 3 मई 2023 की मणिपुर में दिल दहला देने वाली जातीय हिंसा के पीछे कानन और उसके संगठन का हाथ था. कानन पर मणिपुर और उसके संगठन पर मणिपुर में हुई जातीय हिंसा को भड़काने का आरोप है. मैतेई नेता काननअरंबाई तेंगोल संगठन का प्रमुख सदस्‍य है और इसका समाज पर बड़ा प्रभाव है. कानन 2023 मणिपुर हिंसा में हुईं हत्या और जबरन वसूली के मामलों में भी शामिल था.

अरम्बाई तेंगोल संगठन को साल 2020 में एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण समूह के रूप में की गई थी. ‘अरम्बाई तेंगोल’ का अर्थ “भाला फेंकने वाले घुड़सवार” होता है. मैतई समुदाय को पहचान दिलाने के लिए संगठन बनाया गया था. लेकिन संगठन की हिंसा भड़काने के लिए कुख्यात बन चुका है.

साल 2023 में जब मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के जो बीच हिंसा हुई उस समय कुकी समुदाय के खिलाफ कथित तौर अरम्बाई तेंगोल से जुड़े लोगों ने हिंसा भड़काई और मैतेई समुदाय के साथ मिलकर कुकी समुदायों के गांवों में आग लगाई और लूटपाट की थी.

फिर इंटरनेट बंद, मणिपुर के कई जिलों में सख्ती

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (2) के अंतर्गत पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने और लाठी, पत्थर, धारदार हथियार आदि ले जाने पर रोक लगा दी गई है. थौबल और काकचिंग जिलों में भी इसी प्रकार की एहतियाती कार्रवाई की गई है. इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर जिलों में लोगों को अगले आदेश तक घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. 

मणिपुर हिंसा पर राज्यपाल की हाईलेवल बैठक

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा समीक्षा बैठक की. राजभवन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि “राज्यपाल ने विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की, जिन्होंने राज्यपाल को राज्य में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया और समाधान खोजने में मदद के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है. राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि चिंताओं को दूर करने और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं.”

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