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ऑपरेशन सिंदूर के बाद मोदी-ट्रंप का आमना-सामना, दुनिया की नजर

कनाडा में सोमवार को होने वाली जी 7 की बैठक बेहद खास होने वाली है. खास इसलिए क्योंकि कनाडा के साथ तल्खी कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में मौजूद रहेंगे वहीं ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार पीएम मोदी की मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी. 

पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना के ऑपरेशन के बाद पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप का आमना-सामना होगा. इस मीटिंग से पहले एक बार फिर से घिसे पिटे टेप की तरह ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का क्रेडिट लेने की कोशिश की है.  

जी 7 की बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि इजरायल-ईरान के संघर्ष के बीच कनाडा में एक मंच पर ताकतवर ग्रुप 7 के देश इकट्ठा होंगे.

जी 7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी- ट्रंप की मुलाकात संभावित

16-17 जून को कनाडा में होने वाली जी 7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी हिस्सा ले रहे हैं. साइप्रस के सफल दौरे के बाद पीएम मोदी कनाडा और फिर कनाडा के बाद क्रोएशिया का दौरा करेंगे. कनाडा में होने वाली जी-7 समिट के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से पीएम मोदी की मुलाकात होने के आसार हैं. 

इस मुलाकात और प्रतिक्रिया पर पूरी दुनिया की नजर है. क्योंकि ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया था. ट्रंप के इस दावे को भारत खारिज कर चुका है. भारत ने साफतौर पर कहा है कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से ऑपरेशन सिंदूर रोकने की गुहार लगाई थी. 

कनाडा में मुलाकात से पहले ट्रंप ने एक बार फिर से कहा है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सुलह करवाई थी, अब इजरायल-ईरान के बीच समझौता करवाएंगे. 

ट्रूडो के बेबुनियाद आरोपों के बाद पहली बार कनाडा में मोदी, संबंध सुधारने पर जोर

पीएम मोदी का कनाडा दौरा भारत के साथ रिश्तों को सुधारने का अहम कदम माना जा रहा है. भारत जी 7 का मेंबर नहीं है, बावजूद इसके 6 साल से भारतीय पीएम को आमंत्रित किया जाता रहा है. कनाडा के नए पीएम मार्क कार्नी ने खुद फोन करके पीएम मोदी को न्योता दिया है.

दरअसल सा 2023 में भारत के मोस्टवांटेड आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद तत्कालीन पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर गंभीर आरोप गाया था. ट्रूडो ने कहा था कि निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों का हाथ है, हालांकि बाद में कनाडा के आरोप झूठे निकले थे, लेकिन भारत के साथ तल्खी इतनी बढ़ गई थी कि भारत ने कनाडा से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था और भारत में मौजूद कनाडाई राजनयिकों को निकाल दिया गया था.

माना जा रहा है कि मार्क कार्नी ने पीएम मोदी को न्योता देकर रिश्तों को सुधारने की कोशिश की है, और पीएम मोदी ने मार्क कार्नी का न्योता स्वीकार कर बड़प्पन दिखाया है. 

कनाडा में किन-किन राष्ट्राध्यक्षों से मिलेंगे पीएम मोदी 

सम्मेलन में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, यूनाइटेड किंगडम, इटली, कनाडा और यूरोपीय संघ इसमें शामिल हो रहे हैं. यह सम्मेलन कनाडा के लिए खास इसलिए है क्योंकि यह जी-7 की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रहा है. इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वैश्विक शांति, सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा और सहयोग करना है.

कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका इसके पूर्ण सदस्य हैं. यूरोपीय संघ भी जी 7 बैठकों में एक स्थायी पर्यवेक्षक के रूप में शामिल रहता है. भारत को पिछले कई सालों से जी-7 शिखर सम्मेलन में न्योता भेजा जाता रहा है. पीएम मोदी इसमें 2019 से लगातार हिस्सा लेते रहे हैं. 

माना जा रहा है कि मार्क कार्नी के अलावा ट्रंप, इटली की पीएम मेलोनी, कीर स्टार्मर, इमैनुएल मैक्रों और जर्मनी के नए चांसलर से भी पीएम मोदी की मुलाकात होगी.

जी-7 की बैठक ऐसे वक्त में हो रही है, जब मिडिल ईस्ट जल रहा है. माना जा रहा है कि सभी देश मिलकर युद्ध को थामने की कोशिश करेंगे.

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