पाकिस्तान के फेल्ड मार्शल ने आखिर अमेरिका को क्या घुट्टी पिलाई है, जो आतंकवादियों के खिलाफ लड़ने का दावा करने वाले ट्रंप और उनके अफसर पाकिस्तान पर दोगला व्यवहार करने लगे. क्या चीन पर नजर रखने के लिए पाकिस्तान में अपना सैन्य अड्डा बनाना चाहता है अमेरिका या कर्ज के तले दबाकर अमेरिका पाकिस्तान से अपना उल्लू सीधा करना चाहता है.
डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में बुधवार को पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर मिलने जा रहे हैं. ऐसे में सवाल है कि जिस पाकिस्तान की सेना को अमेरिका ने कभी आतंकियों को शरण देने वाला बताया था, वो ट्रंप पाकिस्तानी सेना की क्यों चापलूसी कर रहे हैं.
अंदाजा लगाइए कि जिस ट्रंप को किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष से मिलना चाहिए, वो वहां की सेना प्रमुख से मुलाकात कर रहे हैं. इस बात से साबित हो गया है कि पाकिस्तान में सरकार शहबाज नहीं, बल्कि मुनीर चलाता है.
ट्रंप और मुनीर की सीक्रेट मीटिंग, व्हाइट हाउस में लंच
रविवार को पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर वाशिंगटन पहुंचे असीम मुनीर के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया है. इतनी बेइज्जती की प्रवासी पाकिस्तानियों के बीच मुनीर ने जो बोला, उसे म्यूट करके रिलीज किया गया है. अब अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की कोशिश में असीम मुनीर, डोनाल्ड ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचेंगे.
बताया जा रहा है कि ट्रंप-मुनीर एक बंद कमरे में मिलेंगे. मीडिया को मंजूरी नहीं दी गई है. लेकिन बताया जा रहा है कि मुनीर, अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और मार्को रुबियो से मुलाकात करेंगे.
मुनीर को क्यों रिझा रहा अमेरिका, कई वजह
- पाकिस्तान और चीन की बेहद पटती है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन खड़ा रहा. चीन ने पाकिस्तान में बहुत निवेश किया है. वहीं चीन और अमेरिका एक दूसरे के प्रतिद्वंदी हैं, ऐसे में पाकिस्तान को पटा कर अमेरिका, दोनों की दोस्ती में फूट डालना चाहता है, ताकि अपना हित साध सके.
- पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाने की फिराक में है, अमेरिका. ताकि वो चीन पर नजर रख सके. ऐसी ही कोशिश अमेरिका ने बांग्लादेश के सेंट मार्टिन द्वीप पर की थी. सेंट मार्टिन पर अमेरिका एयरबेस बनाकर चीन को चुनौती देने की कोशिश में था, लेकिन तत्कालीन पीएम शेख हसीना ने मना कर दिया था, जिसके बाद उनका तख्तापलट हो गया.
- टीएफए ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान में अमेरिका ने अपना न्यूक्लियर हथियारों का सीक्रेट ठिकाना बना रखा है. ये ठिकाना नूरखान एयरबेस पर था, जिसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान टारगेट किया था. आनन फानन में जिस तरह से पाकिस्तान सीजफायर के लिए भारत के सामने गिड़गिड़ाया था, वो इसलिए था क्योंकि अगर भारत, अमेरिका के न्यूक्लियर बेस को तबाह कर देता तो अमेरिका, पाकिस्तान को कहीं का नहीं छोड़ता.
- डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में व्यापार और टैरिफ पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. पहलगाम नरसंहार के बाद जब भारत ने साफ-साफ अमेरिका और बाकी देशों को बता दिया था वो पाकिस्तान के खिलाफ तगड़ा एक्शन लेने वाला है, उस बीच 27 अप्रैल यानी पहलगाम नरसंहार के बाद पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल ने ट्रंप के परिवार से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ समझौता किया. इस कार्यक्रम में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल की टीम का नेतृत्व में डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैकेरी विटकॉफ ने किया था. जैकेरी विटकॉफ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात की थी. जिस कंपनी ने पाकिस्तान से डील उसमें ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर, उनके बेटे एरिक और डोनाल्ड जूनियर की 60 फीसदी हिस्सेदारी है. कहा जाता है कि ये डील असीम मुनीर ने ही करवाई थी.
- भारत के हाथों शिकस्त खाए पाकिस्तान को मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है. पाकिस्तान ने अमेरिका से मांग की है कि वो एयर डिफेंस सिस्टम दें, ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका इन हथियारों और लड़ाकू विमानों की डील कर सकता है, जिसे कोई और देश खरीद नहीं रहे.
- माना जा रहा है कि मुनीर से मुलाकात के दौरान, ट्रंप इस बात का भरोसा ले सकते हैं कि भारत के खिलाफ कोई आतंकवादी हमला नहीं होना चाहिए, क्योंकि अब अगर ऐसा हुआ तो भारत की तरफ से फुल स्केल युद्ध छेड़ा जा सकता है. क्योंकि पीएम मोदी ने ट्रंप से दो टूक कह दिया है कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं बल्कि युद्ध मानता है.
- अमेरिका ये जानता है कि पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकियों को पनाह दी जाती है, आतंकियों तो ट्रेनिंग दी जाती है, लिहाजा ट्रंप, मुनीर का कान मरोड़़ सकते हैं और ये कह सकते हैं कि पाकिस्तान आतंकियों पर काबू करे.
- ईरान के मुद्दे पर भी पाकिस्तान से समर्थन मांग सकता है अमेरिका. क्योंकि ईरान ने हाल ही में ये बयान दिया है कि जरूरत पड़ी को इजरायल पर पाकिस्तान न्यूक्लियर अटैक कर सकता है. ऐसे में ट्रंप, असीम मुनीर को हड़का सकते हैं, और पाकिस्तान की जमीन से ईरान पर हमला करवा सकते हैं.
अमेरिकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था असाधारण पार्टनर
अमेरिकी सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को ‘आतंकवाद विरोधी क्षेत्र में एक असाधारण साझेदार’ बताया था. माइकल कुरिल्ला ने कहा था कि “पाकिस्तान आतंकवाद पीड़ित है. पाकिस्तानी सेना आतंकियों से लड़ रही है.”
मुनीर का वाशिंगटन में विरोध, भड़के पाकिस्तानियों ने बताया मुनीर को हत्यारा
वॉशिंगटन डीसी में असीम मुनीर को पाकिस्तानियों और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा है. मुनीर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. वाशिंगटन डीसी में आयोजित एक कार्यक्रम में जब आसिम मुनीर का स्वागत किया जा रहा था तो वहां मौजूद लोगों ने “पाकिस्तानियों के कातिल” और “इस्लामाबाद के कातिल” के नारे लगाए.