इजरायल और ईरान के बीच छिड़ी जंग में ईरान ने लगाई है हिंदुस्तान से उम्मीद. भारत में ईरान के उप-राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने इजरायल के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए भारत से हमलों की निंदा करने को कहा है. मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा है कि भारत जैसे बड़े और शांति समर्थक देश, जो वैश्विक दक्षिण (साउथ ग्लोबल) की आवाज हैं उन्हें इजरायल की आलोचना करने के लिए आगे आना चाहिए.
हमास पर हमलों की निंदा होती तो ईरान पर हमला नहीं करता इजरायल: ईरानी उप राजदूत
दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके ईरान के उप राजदूत मोहम्मद जवाद हुसैनी ने कहा कि अगर इजरायल के अक्टूबर में हमास के खिलाफ शुरू किए गए हमलों के दौरान ही वैश्विक स्तर पर निंदा की गई होती, तो वह कभी भी ईरान पर हमलों की हिम्मत नहीं करता. उप राजदूत ने भारत से अपील की है कि वो इजरायल की निंदा करके दबाव बनाएं.
हमें न्यूक्लियर हथियारों की जरूरत नहीं, इनकी असली मकसद सत्ता परिवर्तन है: हुसैनी
ईरानी उप राजदूत हुसैनी ने आईएईए की गलत बयानी पर निशाना साधा. हुसैनी ने कहा, ईरान की रक्षा नीति में परमाणु हथियारों का कोई स्थान नहीं है और देश को अपनी सुरक्षा के लिए इनकी आवश्यकता नहीं है. जो आरोप लगाए जा रहे हैं कि ईरान यूरेनियम को हथियारों के लिए संवर्धित कर रहा है, वे पूरी तरह से झूठे हैं. ये आरोप असल में एक एजेंडे को साधने की कोशिश हैं. ये लोग खुलकर शासन परिवर्तन की बात कर रहे हैं, लगता है यही उनका असली मकसद है.
पाकिस्तान कभी इजरायल का साथ नहीं देगा: मोहम्मद जवाद हुसैनी
दावा किया जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप और असीम मुनीर के बीच हुए लंच के दौरान ट्रंप ने ईरान के खिलाफ पाकिस्तान से मदद मांगी है. कहा ये भी जा रहा है कि ईरान के न्यूक्लियर हथियारों को अमेरिका पाकिस्तान में रखना चाह रहा है. ऐसे में ईरानी उप राजदूत ने पाकिस्तान पर भरोसा जताते हुए कहा है, कि पाकिस्तान, कभी भी इजरायल के लिए ईरान के खिलाफ नहीं जाएगा. पाकिस्तान ऐसे किसी कदम में शामिल नहीं होगा और इजरायली हमलों के खिलाफ ईरान का साथ देगा.
ईरान के उप राजदूत ने कहा कि ईरान शक्तिशाली और समृद्ध देश है. हमने अपनी शक्ति बचाकर रखी है अगर ईरान को उकसाया गया तो खतरनाक होगा.