पिछले छह दिनों से त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर खड़े इंग्लैंड के स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 के उड़ान न भरने का कारण सामने आ गया है. दरअसल, इंग्लैंड की रॉयल नेवी की पांचवी श्रेणी के एयरक्राफ्ट का हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो गया है. ऐसे में इंग्लैंड (या अमेरिका) से इंजीनियर्स की एक टीम आकर इसकी मरम्मत कर सकती है.
जानकारी के मुताबिक, भारत ने एफ-35 की रिपेयर की पेशकश की थी, जिसे एयरक्राफ्ट के पायलट ने ठुकरा दिया है. साथ ही अमेरिका में बने दुनिया के इस बेहद उन्नत किस्म के लड़ाकू विमान को रनवे से किसी हैंगर में खड़ा करने के लिए भी रॉयल नेवी ने मना कर दिया है. यही वजह है कि सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) की एक पूरी टीम दिन-रात इस फाइटर जेट की रखवाली में तैनात की गई है.
आंखों के सामने से हटाने के लिए तैयार नहीं पायलट
खबर तो ये भी है कि इस एफ-35 का पायलट भी पिछले छह दिनों से लगातार अपने विमान की निगरानी कर रहा है. शुरुआत में तो पायलट ने अपने विमान के करीब से हटने से भी मना कर दिया था. दरअसल, इस तरह के एडवांस फाइटर जेट की तकनीक को लेकर पैतृक-देश बेहद संवेदनशील होते हैं. यही वजह है कि पायलट अपने एफ-35 को आंखों के सामने से हटने नहीं दे रहा है.
14 जून को इमरजेंसी लैंडिंग की थी स्टील्थ फाइटर जेट ने
14 जून की रात, इंग्लैंड की रॉयल नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर एचएमएस वेल्स पर तैनात एफ-35 बी (लाइटनिंग) फाइटर जेट ने त्रिवेंद्रम में आपातकालीन लैंडिंग की थी. भारतीय वायुसेना का एक सुखोई फाइटर जेट, एफ-35 को एस्कॉर्ट कर त्रिवेंद्रम लेकर पहुंचा था.
एचएमएस वेल्स अरब सागर में तैनात था और भारत की एयर डिफेंस आईडिंटिफिक्शेन जोन (एडीआईडेजड) से बाहर था.
एफ-35बी फाइटर जेट किन्हीं कारणों से एयरक्राफ्ट कैरियर पर बार-बार लैंडिंग करने से नाकाम रहा था. ऐसे में विमान ने इमरजेंसी डायवर्जन लिया और त्रिवेंद्रम की तरफ उड़ान भरने लगा. ऐसा करते ही वायुसेना के आईसीसीएस ने एफ-35 को डिटेक्ट कर लिया और सुखोई फाइटर जेट को तुरंत फ्लाई कर दिया. उस दौरान एफ-35 के पायलट ने डायवर्जन का कारण बताया. इसके बाद ही एफ-35बी को त्रिवेंद्रम (थिरुवेंथुपरुम) में लैंड करने दिया गया.
शुरूआत में कहा गया था फ्यूल की कमी के चलते की लैंडिंग
एफ-35 के पायलट ने बताया था कि फ्यूल कम होने के चलते उसने इमरजेंसी लैंडिंग के लिए आग्रह किया था. लेकिन त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर फ्यूल मुहैया कराने के बाद भी एयरक्राफ्ट उड़ान नहीं भर पाया है. अब जाकर लड़ाकू विमान की हाइड्रोलिक खराब होने की बात सामने आई है.
एचएमएस वेल्स भी एक टीम लड़ाकू विमान की मरम्मत के लिए त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पहुंची थी. लेकिन रिपेयर नहीं कर पाई. ऐसे में माना जा रहा है कि एक दूसरी स्पेशल टीम मरम्मत के लिए पहुंचेगी या फिर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से जेट को वापस इंग्लैंड (या अमेरिका) भेजा जाएगा.
भारतीय वायुसेना के आईएसीसीएस सेंटर ने कर लिया था पांचवी श्रेणी की एयरक्राफ्ट को डिटेक्ट
इंग्लैंड की रॉयल नेवी के एफ-35 फाइटर जेट के त्रिवेंद्रम में इमरजेंसी लैंडिंग से एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया था. सवाल ये कि क्या अमेरिका के इस पांचवी श्रेणी के लड़ाकू विमान में ऐसे स्टील्थ फीचर नहीं है जिसका दावा किया जाता रहा है. यानी कि दुनिया की कोई रडार या फिर एयर डिफेंस सिस्टम उसकी पहचान तो क्या डिटेक्ट भी नहीं कर सकता है. क्योंकि भारतीय वायुसेना ने जो आधिकारिक बयान जारी किया है उसमें साफ तौर से लिखा है कि देश के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (आईएसीसीएस) ने एफ-35 को न केवल डिटेक्ट किया बल्कि पहचान भी कर ली थी.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आईएसीसी की क्षमताओं को पूरा दुनिया ने देखा था कि किस तरह पाकिस्तान के सभी हवाई हमलों को नाकाम कर दिया था. ऐसे में ये भी सवाल खड़ा होता है कि क्या भारत के आईसीसीएस सिस्टम में स्टील्थ फाइटर जेट को पकड़ने की क्षमता भी है. क्योंकि भारतीय वायुसेना के बयान से तो ऐसा ही प्रतीत होता है.
अमेरिका और इंग्लैंड के ‘अदृश्य’ फाइटर जेट के दावे पर सवाल
अमेरिका और इंग्लैंड का दावा है कि एफ-35बी को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वो अदृश्य रहे. एफ-35 का रडार क्रॉस सेक्शन बेहद कम माना जाता है, जिसके कारण ये किसी रडार की पकड़ में नहीं आता है. स्टील्थ बनाने के लिए इसके इंजन और टरबाइन तक को पूरी तरह मास्क (ढक) दिया गया है. यहां तक की इसके हथियार (मिसाइल इत्यादि) भी फाइटर जेट के अंदरूनी हिस्सों में इंटीग्रेट किए गए हैं बाकी फाइटर जेट में हथियार बाहर होते हैं,जो दिखाई देते हैं और रडार तुरंत पकड़ लेती है.
खास बात ये है कि हाल ही में फ्रांसीसी कंपनी दासो (दसॉल्ट) के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने रफाल लड़ाकू विमान को एफ-35 और चीन के सभी फाइटर जेट से एडवांस और उन्नत बताया था. शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर रफाल के साथ तस्वीर साझा कर कहा कि अपने यूरोप को सुरक्षित बनाओ.