By Nalini Tewari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कनाडा दौरे के बाद पीएम मार्क कार्नी लगातार आतंकवाद और चरमपंथियों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किए हुए हैं. कनाडा में ये बदलाव जस्टिन ट्रूडो के सत्ता से जाने के बाद आया है, क्योंकि ट्रूडो के पीएम रहते हुए खालिस्तानी आतंकियों को कनाडा में खुली शह मिली थी, खुलेआम खालिस्तानी समर्थक भारत विरोधी काम कर रहे थे, लेकिन नए पीएम मार्क कार्नी से दो टूक कहा है कि कनाडा की नई सरकार आतंक के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत जैसे साझेदारों के साथ खड़ी है.
कनिष्क विमान धमाके पर मार्क कार्नी ने आतंकवाद पर बोला हमला, कहा, भारत के साथ
मार्क कार्नी ने 1985 में हुए एयर इंडिया ‘कनिष्क’ विमान बम धमाके को देश के इतिहास का सबसे भयावह आतंकी हमला बताया और इस त्रासदी पर गहरा दुख जताया. कहा कि “40 साल पहले हुए इस हमले में 268 कनाडाई नागरिकों समेत 329 निर्दोष लोग मारे गए थे, जिसे देश कभी नहीं भूल सकता.”
मार्क कार्नी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ प्रतिबद्धता जताई. पीएम कार्नी ने कहा, “हमारी सरकार आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत जैसे पार्टनर के साथ प्रतिबद्ध है.”
कट्टरपंथ और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति जरूरी:एस जयशंकर
एयर इंडिया की फ्लाइट 182 ‘कनिष्क’ हादसे की 40वीं बरसी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी है. एस जयशंकर ने कहा, “यह घटना आतंकवाद की सबसे भयानक घटनाओं में से एक है और दुनिया को यह याद दिलाती है कि आतंकवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ जीरो टॉलरेंस जरूरी है.”
जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि “हम एयर इंडिया 182 ‘कनिष्क’ बम विस्फोट की 40वीं बरसी पर 329 मासूम लोगों को याद कर रहे हैं. यह एक ऐसा आतंकी हमला था जो दुनिया को यह सिखाता है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.”
ट्रूडो की रुखसती के बाद खालिस्तानियों पर सख्त हैं कार्नी
पिछले सप्ताह कनाडा ने पहली बार माना है कि खालिस्तानी, उनके देश में फल फूल रहे हैं, और कनाडाई सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं.
कनाडाई खुफिया एजेंसी (सीएसआईएस) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि “अस्सी के दशक के मध्य से कनाडा में राजनीतिक रूप से प्रेरित हिंसक चरमपंथ का खतरा खालिस्तानी चरमपंथियों के माध्यम से प्रकट हुआ है, जो भारत के पंजाब प्रांत के भीतर खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र राष्ट्र के गठन के वास्ते हिंसक साधनों का उपयोग करना चाहते हैं. खालिस्तानी चरमपंथियों का एक छोटा समूह कनाडा का इस्तेमाल धन जुटाने और मुख्य रूप से भारत में हिंसा की योजना बनाने के लिए अड्डे के तौर पर कर रहा है.”
सीएसआईएस कनाडा की शीर्ष खुफिया एजेंसी कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) ने संसद में पेश अपनी नई वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि “कनाडा के खालिस्तानी चरमपंथियों का हिंसक गतिविधियों में बदस्तूर भाग लेना कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और इसके हितों के लिए खतरा बना हुआ है.”
कनाडा के साथ तनाव के बीच पीएम मोदी ने किया था दौरा, खालिस्तानी समर्थकों पर जताई थी आपत्ति
पीएम मोदी ने इसी महीने जी 7 की बैठक में हिस्सा लिया था. पीएम मोदी को खास तौर से कनाडाई पीएम मार्क कार्नी ने फोन करके न्योता दिया था. जिसके बाद पीएम मोदी कनाडा पहुंचे और जी 7 की बैठक से इतर कनाडाई पीएम मार्क कार्नी से बातचीत की थी. दोनों के बीच भारत-कनाडा के संबंधों को सुधारने पर जोर दिया गया. बताया जाता है कि पीएम मोदी ने कनाडाई धरती पर भारत के विरोध खालिस्तानी समर्थकों का मुद्दा भी उठाया था. दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत और कनाडा ने नए उच्चायुक्त नियुक्त करने पर सहमति जताई, क्योंकि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा के बेबुनियाद आरोपों के बाद भारत ने अपने राजनयिकों को कनाडा से बुला लिया था और कनाडाई डिप्लोमैट को भारत से निष्कासित कर दिया था.