गलवान में हुई झड़प जैसी दोबारा स्थिति न हो, इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून के बीच अहम मीटिंग हुई है. एससीओ सम्मेलन से इतर चीन के रक्षा मंत्री और राजनाथ सिंह के बीच द्विपक्षीय वार्ता की गई है. वार्ता को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सकारात्मक रहना और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचना दोनों देशों का दायित्व है.
गलवान तनाव के बाद पहली बार राजनाथ- डोंग जून में द्विपक्षीय वार्ता
चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन के मौके पर अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून के साथ राजनाथ सिंह की रचनात्मक बातचीत की गई है. ये बातचीत भारत-चीन के बीच तनाव कम करने और संबंधों को बढ़ावा देने के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. चीनी रक्षा मंत्री के समक्ष राजनाथ सिंह ने ऐसे कई सुझाव दिए हैं ताकि दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो और आगे कभी गलवान जैसी स्थिति पैदा न हो.
भारत-चीन सीमा विवाद खत्म करने के लिए राजनाथ ने दिए ये सुझाव
- डिसएंगजमेंट प्रक्रिया का पूरी तरह से पालन हो.
- बॉर्डर पर तनाव कम करने की कोशिश होनी चाहिए.
- सीमाओं के सीमांकन और डीलिमिटेशन के टारगेट को हासिल करने के लिए सीमा विवाद को हल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है.
- संबंधों को बेहतर करने और मतभेदों को खत्म करने के लिए नई प्रक्रियाओं को तैयार करने के लिए मौजूदा एसआर (विशेष प्रतिनिधि) स्तर की व्यवस्था का उपयोग किया जाना चाहिए.
पिछले साल डिसएंगेजमेंट प्लान पर बनी थी सहमति
साल 2024 में कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मीटिंग से पहले डिसएंगेजमेंट प्लान के तहत भारत और चीन तनाव कम करने पर सहमति बनी थी. इस समझौते के तहत दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग व्यवस्था को लेकर सहमत हुए थे. भारत-चीन सैनिकों के बीच गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास ही 2020 में झड़प हुई थी जिसके बाद चीन और भारत दोनों में पेट्रोलिंग के क्षेत्र को लेकर तनाव हुआ था. लेकिन कूटनीतिक बातचीत के बाद तनाव कम करते हुए भारत-चीन में एलएसी पर सहमति बनी थी.
द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचना चाहिए: राजनाथ सिंह
मीटिंग के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में राजनाथ सिंह ने कहा, “किंगदाओ में एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक के मौके पर चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डॉन जून के साथ बातचीत हुई. हमने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर विचारों का रचनात्मक और दूरदर्शी आदान-प्रदान किया. लगभग छह वर्षों के अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर अपनी खुशी व्यक्त की. इस सकारात्मक गति को बनाए रखना और द्विपक्षीय संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचना दोनों पक्षों के लिए आवश्यक है.”
भारत- चीन को एक साथ लाने को कोशिश कर रहा रूस, आरआईसी को बताया समय की जरूरत
दुनिया में बढ़ते तनाव और पश्चिमी देशों की काट के लिए रूस की कोशिश है कि भारत-चीन को एकसाथ लाकर त्रिपक्षीय मंच तैयार किया जाए. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, बार-बार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि रूस-इंडिया-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय साझेदारी को एकबार फिर से सक्रिय होना चाहिए. रूस का कहना है कि जानबूझकर भारत-चीन के संबंधों में वेस्ट फूट डाल रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ खड़ा रहा था चीन
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर भी चीनी रक्षा मंत्री को जानकारी दी और भारत के ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्य को भी बताया. दरअसल पाकिस्तान में पल रहे और ट्रेनिंग ले रहे आतंकियों के ठिकानों को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान ध्वस्त किया था. लेकिन इस ऑपरेशन के बाद चीन ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान का साथ दिया था. बार-बार चीनी राजनयिकों ने पाकिस्तान के पीएम और मंत्रियों से मुलाकात करके भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. हालांकि वो दूसरी बात थी कि भारत पर कोई भी दबाव काम नहीं आया था और भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने चीन की मिसाइल पीएल 15 पंजाब में गिरा दी गई थी.
राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री को दी मधुबनी पेंटिंग
राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष को बिहार की मधुबनी पेंटिंग भी भेंट की है. बिहार के मिथिला क्षेत्र में बनी पेंटिंग की विशेषता चमकीले रंगों और विरोधाभासों या पैटर्न से भरे रेखा चित्र हैं. राजनाथ सिंह ने जो पेंटिंग दी है वो ‘जीवन का वृक्ष’ है. यह पेंटिंग ज्ञान और जीवन शक्ति का प्रतीक है.