रूस के विरोध में अमेरिकी सांसद द्वारा लाए जा रहे विधेयक को लेकर भारत क्या करेगा? क्या भारत रूस से तेल खरीद जारी रखेगा, या अमेरिका के दबाव में आकर तेल आयात खत्म कर देगा? रूस के साथ संबंधों और अमेरिका में लाए जा रहे रूसी विधेयक बिल पर एस जयशंकर ने भारत का स्टैंड साझा किया है. एस जयशंकर ने कहा है, जब आएगा विधेयक तब देखा जाएगा.
दरअसल यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर अमेरिका समेत यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं, लेकिन भारत ने रूस से तेल खरीदकर ऐसे वक्त में गहरी मित्रता निभाई है, जब रूस को बहुत जरूरत थी. हालांकि रूस से तेल खरीदना हमेशा से अमेरिका को पसंद नहीं आता है, क्योंकि अमेरिका का कहना है कि भारत, रूस के बजाय अमेरिका से तेल खरीदे.
क्या है वो अमेरिकी बिल, जो भारत को असमंजस में डाल सकता है
अमेरिका के सीनेटर लिंडसे ग्राहम रूस प्रतिबंध विधेयक ला रहे हैं, जिसमें रूस से तेल, गैस, यूरेनियम और अन्य उत्पाद खरीदने वाले देशों से अमेरिका में आने वाले सामान पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रावधान है.
अगर ये विधेयक पास होता है, तो भारत की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि भारत जितना तेल खाड़ी देशों से खरीदता है, उससे ज्यादा अकेले रूस से खरीद रहा है. अमेरिका की पहले की बाइडेन सरकार हमेशा से इस बात का विरोध करती रही है, लेकिन भारत ने रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को देखते हुए तेल खरीदकर आर्थिक तौर पर मदद की है. आर्थिक प्रतिबंधों को दरकिनार करके भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है.
जब विधेयक पारित होगा, तब देखेंगे क्या करना है: एस जयशंकर
अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम के नए विधेयक को लेकर एस जयशंकर से वॉशिंगटन में सवाल किया गया. तो विदेश मंत्री ने कहा, “भारतीय दूतावास और हमारे राजदूत लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं, बाकी जब विधेयक पारित होगा तो उस वक्त देखा जाएगा कि क्या करना है.”
जयशंकर ने बताया कि “सीनेटर लिंडसे ग्राहम के बिल की बात है तो जो कुछ भी हो रहा है और ये हमारे हितों पर भी असर डाल सकता है, इसलिए हम लिंडसे ग्राहम के संपर्क में हैं. हमारे राजदूत उनसे बात कर रहे हैं. हमारे ऊर्जा सुरक्षा संबंधी चिंताओं की उन्हें जानकारी दे दी गई है.”
ट्रंप प्रशासन के कई बड़े मंत्रियों-अधिकारियों से जयशंकर की मुलाकात
क्वाड देशों की मीटिंग से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्रंप के प्रशासन के कई बड़े चेहरों से मुलाकात की. एस जयशंकर ने रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ के अलावा एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल और अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ के साथ भी बैठक की है.
काश पटेल, तुलसी गबार्ड में जयशंकर की मुलाकात, क्या हुई बात?
एक्स पर पोस्ट में जयशंकर ने लिखा कि एफबीआई निदेशक काश से मिलकर खुशी हुई. संगठित अपराध, मादक पदार्थों की तस्करी और आतंकवाद का मुकाबला करने में हमारे मजबूत सहयोग की सराहना करता हूं.
जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ भी बैठक की. इस दौरान दोनों के बीच वैश्विक स्थिति और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई.
एस जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के निमंत्रण पर इन दिनों अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं.