एससीओ की बैठक में भले ही पाकिस्तान और चीन की जोड़ी ने पहलगाम आतंकी हमले को संयुक्त ड्राफ्ट में शामिल होने से रोका, लेकिन ब्रिक्स में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के मुद्दे पर कुछ देशों के दोहरे मानदंडों (डबल स्टैंडर्ड) को बेनकाब किया तो ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई. ब्रिक्स ने की पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है साथ है. आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड खारिज करते हुए भारत के साथ प्रतिबद्धता जताई है.
इस बार ब्रिक्स समिट में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जगह चीनी पीएम शामिल हुए हैं. पीएम मोदी ने चीनी पीएम के सामने आतंकवाद के मुद्दे और दोहरी मानसिकता पर खूब सुनाया.
इस समिट में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ऑनलाइन शामिल हुए, क्योंकि आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट निकाला है, इसलिए पुतिन ब्राजील नहीं आए.
निंदा सिर्फ सिद्धांतों से नहीं, कड़े कदमों से होती है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक आतंकवाद की कड़ी निंदा की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुटता का आह्वान किया. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि “आतंकवाद की निंदा सिर्फ सिद्धांतों पर नहीं बल्कि कड़े कदमों से होनी चाहिए. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, वैश्विक शांति और सुरक्षा केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि साझा हितों और मानवता के भविष्य की बुनियाद है.”
आतंकवाद के खिलाफ दोहरापन छोड़ें देश, एकजुट हों :पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नरसंहार के बारे में बात की. पीएम मोदी ने कहा, “यह हमला केवल भारत नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर आघात था. इस दुख की घड़ी में जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. आतंकवाद की निंदा सिद्धांत होनी चाहिए, न कि सुविधा पर आधारित.”
आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में संकोच कैसा, कथनी-करनी में फर्क नहीं होना चाहिए: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने बिना नाम लिए उन देशों को आड़े हाथ लिया जो आतंकियों को बचाने में लगे रहते हैं. पीएम मोदी ने चीनी पीएम मौजूदगी में कहा, आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू में नहीं तौलना चाहिए.
पीएम मोदी ने कहा, “आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने में कोई संकोच नहीं होना चाहिए. निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए आतंकवाद को मूक समर्थन देना किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं हो सकता. अगर हम कथनी और करनी में फर्क रखते हैं, तो यह सवाल उठता है कि क्या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर हम गंभीर भी हैं या नहीं?”
इशारों ही इशारों में पीएम मोदी ने चीन को सवालों के घेरे में खड़ा किया, क्योंकि चीन ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को न सिर्फ लॉजिस्टिक्स मुहैया करवाए थे, जबकि आतंकियों पर एक्शन लिए जाने को लेकर भारत की सैन्य तैयारियों का लाइव फीड भी दिया था.
ग्लोबल साउथ दोहरे मानदंडों का शिकार रहा: पीएम मोदी
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “ग्लोबल साउथ अक्सर दोहरे मानदंडों का शिकार रहा है. चाहे विकास की बात हो, संसाधनों के वितरण की बात हो या सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की, ग्लोबल साउथ के हितों को प्राथमिकता नहीं दी गई है. जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी पहुंच जैसे मुद्दों पर ग्लोबल साउथ को अक्सर सिर्फ औपचारिक इशारे ही मिले है.”
पीएम मोदी ने आगे कहा “20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाएं 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में असमर्थ हैं. चाहे दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे संघर्ष हों, महामारी हो, आर्थिक संकट हो या साइबरस्पेस में नई उभरती चुनौतियां हों, इन संस्थाओं के पास कोई समाधान नहीं है.”
एआई के युग में 20वीं सदी का टाइपराइटर काम नहीं करेगा, यूएन पर पीएम मोदी का तंज
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और बहुपक्षीय विकास बैंकों जैसे संस्थानों के आधुनिकीकरण की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वे समकालीन वास्तविकताओं और उभरती चुनौतियों का प्रभावी समाधान कर सकें. पीएम मोदी ने कहा, “एआई के युग में जहां तकनीकी हर हफ्ते अपडेट होती है, यह स्वीकार्य नहीं है कि एक वैश्विक संस्था 80 साल में एक बार भी अपडेट न हो. 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर 20वीं सदी के टाइपराइटर से नहीं चल सकता.”