Breaking News Conflict Indian-Subcontinent

म्यांमार में बौद्ध मठ पर एयरस्ट्राइक, जुंटा ने सड़क पर उतारे टैंक

म्यांमार के सागाइंग कस्बे के लिन ता लू में एक बौद्ध मठ पर एयरस्ट्राइक की गई है. बौद्ध मठ पर किए गए सैन्य हवाई हमले में कम से कम 23 लोगों की जान चली गई. बताया जा रहा है कि बौद्ध मठ में 150 से ज्यादा लोगों ने शरण ली हुई थी, जिन्होंने सेना से जान को खतरा बताया था. लेकिन देर रात म्यांमार की सेना ने बौद्ध मठ पर एयर स्ट्राइक कर दी. माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.

जिस जगह बौद्ध मठ, उस जगह सेना ने उतारे हैं टैंक

बौद्ध मठ मंडाले शहर से करीब 35 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है और सैन्य विरोधी गतिविधियों का गढ़ माना जाता है. यह हमला उस वक्त हुआ है जब म्यांमार की सेना ने हाल ही में सागाइंग में बड़े स्तर पर सैन्य अभियान शुरू किया है. सैकड़ों सैनिकों ने लिन ता लू से 5 किमी क्षेत्र में टैंकों-विमानों के साथ आक्रामक अभियान में भाग लिया है. सैनिक, सशस्त्र समूहों द्वारा नियंत्रित क्षेत्र वापस लेना चाहते है, लिहाजा सागाइंग इलाके में टैंक और लड़ाकू विमान उतारे जा चुके हैं. सेना के मुताबिक, विद्रोहियों के चलते गांव के हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं. 

विद्रोही समूहों से नियंत्रण वापस लेने के लिए जुंटा की एयरस्ट्राइक

फरवरी 2021 में म्यांमार में उथल पुथल मची हुई है. जुंटा सेना द्वारा आंग सान सू की निर्वाचित सरकार से सत्ता हथियाने के बाद से अराजकता है. विपक्ष के लोगों ने कहा है कि “सैन्य शासन वर्ष के अंत में होने वाले आम चुनाव से पहले विद्रोही नियंत्रण वाले क्षेत्रों पर फिर से कब्जा करने का प्रयास कर रहा है. जुंटा ने अपनी ताकत दिखाने के लिए एयरस्ट्राइक की है, ताकि सेना सत्ता में बनी रहे.”

ट्रंप ने जनरल मिन को भेजा टैरिफ लेटर, सेना के जनरल बोले, “हमारे लिए सम्मान की बात

अमेरिका ने म्यांमार पर भी टैरिफ लगाया है. लेकिन म्यांमार की सत्ता संभालने वाले जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले टैरिफ लेटर को अपनी सरकार की मान्यता के तौर पर देखा है. जनरल मिन ने ट्रंप के लेटर को सैन्य शासन को सम्मान बताया है. जनरल ह्लाइंग ने इसे अमेरिका के साथ बातचीत का मौका बताया है, क्योंकि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने म्यांमार की सैन्य सरकार को मान्यता नहीं दी है. मिन आंग ह्लाइंग ने ट्रंप का लेटर मिलने के बाद कहा कि “जरूरी हुआ तो उच्च-स्तरीय वार्ता टीम को संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा करने के लिए जल्दी अमेरिका भेजा जाएगा.”

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *