अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस्लामाबाद दौरे की पाकिस्तान द्वारा उड़ाई गई फर्जी खबर बुलबुले की तरह फूट चुकी है. खुद ट्रंप ने पाकिस्तान दौरा करने की खबर को खारिज कर दिया है. व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है, कि ट्रंप के पाकिस्तान यात्रा की कोई योजना नहीं है. अमेरिका के खंडन के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने माफी मांगी है.
ट्रंप नहीं जा रहे पाकिस्तान: व्हाइट हाउस
अमेरिका के व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्टों को गलत बताया है, जिसमें दावा किया गया था कि ट्रंप सितंबर में पाकिस्तान दौरे पर आएंगे. व्हाइट हाउस ने कहा, राष्ट्रपति की ऐसी कोई यात्रा योजना नहीं है. इस समय राष्ट्रपति ट्रंप की पाकिस्तान की यात्रा निर्धारित नहीं है.
आपको बता दें कि गुरुवार को पाकिस्तान की तरफ से ये दावा किया गया था कि 18 सितंबर को ट्रंप इस्लामाबाद आ रहे हैं. लेकिन अब व्हाइट हाउस की ओर से खंडन आ गया है.
खुद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया- “हमें इस मामले की कोई जानकारी नहीं है.” इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने बताया कि “हमारे पास ऐसी कोई घोषणा करने के लिए कुछ नहीं है.”
प्रोपेगेंडा फैलाने में माहिर पाकिस्तान का झूठ पकड़ा गया
दरअसल पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा का खुलासा उस वक्त हो गया, जब पाकिस्तान ये कह रहा था कि 18 सितंबर को ट्रंप पाकिस्तान आ रहे हैं. सच्चाई ये है कि 17 से 19 सितंबर तक ट्रंप और उनकी पत्नी ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं.
अमेरिकी व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा की प्लानिंग के बारे में बताया है. कैरोलिन ने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप आगामी 25 जुलाई से 29 जुलाई तक स्कॉटलैंड का दौरा करेंगे. स्कॉटलैंड ट्रंप और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच व्यापार संबंधी वार्ता होगी.”
कैरोलिन लेविट ने कहा, “इसके बाद ट्रंप 17 से 19 सितंबर तक यूनाइटेड किंगडम की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जाएंगे. ट्रंप विंडसर कैसल में किंग चार्ल्स से मिलने जाएंगे.”
असीम मुनीर के वॉशिंगटन के न्योते पर भी पाकिस्तान ने उड़ाई थी फर्जी खबर
इससे पहले पाकिस्तान ने फेल्ड मार्शल असीम मुनीर को लेकर फर्जी खबर उड़ाई थी. पाकिस्तान की ओर से दावा किया गया था कि असीम मुनीर को अमेरिकी सेना की परेड में शामिल होने का न्योता मिला है. लेकिन बाद में खबर झूठी निकली थी, क्योंकि मुनीर किसी न्योते के कारण अमेरिका नहीं गए थे. वो खुद गए थे एक डील करने. ट्रंप को रिझाने के लिए नोबल पुरस्कार का शिगूफा लेकर पहुंचे थे, और नोबल पुरस्कार के बदले ट्रंप के साथ लंच किया था.
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तानी मीडिया की फर्जी खबरों की पोल खुली है. भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए सैन्य संघर्ष के दौरान भी पाक मीडिया और वहां के नेताओं ने कई प्रोपेगेंडा फैलाया था. कई फर्जी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर डाला था, लेकिन पाकिस्तान का झूठ पकड़ा गया था.