प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा से पहले भारत ने मालदीव के 10 जवानों को ट्रेनिंग दी है, ताकि उनके जवान वीआईपी सुरक्षा के लिए तैयार हो सकें. बताया जा रहा है कि भारत में ट्रेनिंग लिए मालदीव के ये 10 कमांडो मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के अंगरक्षक बनेंगे. के तौर पर तैनात किए जाएंगे.
मालदीव के कमांडो को सीआरपीएफ ने ट्रेनिंग दी है. क्योंकि सीआरपीएफ के कमांडो ही भारत में वाई और जेड श्रेणई की सुरक्षा देते हैं. गृहमंत्री अमित शाह से लेकर दलाई लामा और वीआईपी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के ही हवाले है.
नोएडा में हुई मालदीव के कमांडो की ट्रेनिंग, सीआरपीएफ ने दिया प्रशिक्षण
इन सभी दस कमांडो ने नोएडा में दो हफ्तों की वीआईपी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद शनिवार को सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के महानिदेशक जीपी सिंह से दिल्ली में मुलाकात की. नोएडा में सीआरपीएफ की वीआईपी सिक्योरिटी ट्रेनिंग सेंटर है.
मालदीव पुलिस के कमांडो से मुलाकात के बाद सीआरपीएफ के डीजी जीपी सिंह ने कहा कि “यह प्रशिक्षण शांति, प्रोफेशनलिज्म और पुलिसिंग में अधिक सहयोग के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रमाण है.”
सीआरपीएफ के मुताबिक, पड़ोसी देशों की पुलिस के साथ इस तरह के सहयोग से क्षेत्रीय संबंध मजबूत होंगे और पार्टनरशिप को ताकत मिलेगी. सीआरपीएफ ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि यह क्षेत्र में आपसी विश्वास और क्षमता निर्माण को आगे बढ़ाने की दिशा में एक गौरवपूर्ण कदम है.
25-26 जुलाई को मालदीव की यात्रा पर पीएम मोदी
इसी महीने के आखिरी हफ्ते में पीएम मोदी दो दिवसीय (25-26 जुलाई) मालदीव के दौरे पर जा रहे हैं. 25 जुलाई को मालदीव का राष्ट्रीय दिवस है. मालदीव के नेशनल डे पर प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे.
जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी के मालदीव दौरे के दौरान, दोनों देशों के बीच कई अहम करार होने की उम्मीद है. साथ ही मालदीव के अलग-अलग द्वीपों को जोड़ने के लिए शुरु होने वाली फेरी ( बोट नौवहन) के लिए भी भारत एक बड़ा अनुदान कर सकता है.
भारत-मालदीव के बीच वापस सुधर रहे रिश्ते
पीएम की यात्रा से दोनों देशों के बीच मुइज्जु के राष्ट्रपति बनने से आई खटास थोड़ी कम होने की उम्मीद है. क्योंकि वर्ष 2023 में मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जु ने भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर सहित क्रू-सदस्यों को अपने देश से निकाल दिया था. साथ ही मुइज्जु को चीन का करीबी माना जाता है.
मोहम्मद मुइज्जू सरकार के कार्यकाल में यह यात्रा इसलिए भी अहम है, क्योंकि यह मालदीव में कुछ नेताओं की ओर से भारत विरोधी बयानबाजी भी की गई थी. जिसके बाद भारतीयों ने बायकॉट मालदीव की मुहिम छेड़ दी थी.
प्रधानमंत्री मोदी की पिछली मालदीव यात्रा जून 2019 में हुई थी. हालांकि पिछले साल मुइज्जु ने दिल्ली का दौरा किया था और भारत को अहम सहयोगी बताया था.