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पहलगाम नरसंहार के कसूरवारों को आतंकी बोलो, अमेरिकी कमेटी ने NYT की लगाई क्लास

By Nalini Tewari

लश्कर के संगठन टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद अमेरिका की विदेश मामलों की समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स की कड़ी फटकार लगाई है. 

अमेरिकी समिति ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि जो कोई भी नागरिकों का कत्लेआम करता है, उन्हें ऐसे ही नहीं जाने दिया जाएगा. वहीं पहलगाम नरसंहार की सही रिपोर्टिंग न करने पर समिति के अध्यक्ष ब्रायन मास्ट ने न्यूयॉर्क टाइम्स की लताड़ लगाई. आपको बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम नरसंहार पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी हेडलाइन में आतंकियों को उग्रवादी बताया था. 

न्यूयॉर्क टाइम्स, आपके लिए टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित कर दिया गया: ब्रायन मास्ट

पहलगाम नरसंहार के बाद विदेशी मीडिया के दोगले रुख को लेकर बहुत आलोचना की गई है. इस कड़ी में न्यूयॉर्क टाइम्स पर अमेरिकी  विदेश मामलों की प्रतिनिधि सभा की समिति के अध्यक्ष ब्रायन मास्ट ने तंज कसा है. दरअसल पहलगाम नरसंहार की कवरेज के दौरान न्यूयॉर्क टाइम्स ने आतंकवादी शब्द की जगह उग्रवादी लिखा था, जिसको लेकर रिपोर्टिंग पर सवाल खड़े किए गए थे. 

अब जब अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह आतंकी संगठन टीआरएफ (रेजिस्टेंस फ्रंट) को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित कर दिया है तो ब्रायन मास्ट ने न्यूयॉर्क टाइम्स को आड़े हाथों लिया है. 

ब्रायन मास्ट ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “अरे न्यूयॉर्क टाइम्स, हमने आपके लिए इसे ठीक कर दिया है. यह साफ तौर पर एक आतंकवादी हमला था. चाहे भारत हो या इजरायल, जब आतंकवाद की बात आती है तो न्यूयॉर्क टाइम्स हकीकत से दूर हो जाता है.”

न्यूयॉर्क टाइम्स ने पहलगाम नरसंहार पर क्या लिखा था?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने पहलगाम हमले पर प्रकाशित खबर के शीर्षक में लिखा कि ‘कश्मीर में उग्रवादियों ने कम से कम 24 पर्यटकों को गोली मार दी’. इस पोस्ट में सदन की समिति ने न्यूयॉर्क टाइम्स की उस रिपोर्ट की शीर्षक भी पोस्ट किया, लेकिन ‘उग्रवादी’ शब्द की जगह ‘आतंकवादी’ शब्द लिख दिया गया. 

टीआरएफ आतंकी संगठन घोषित किए जाने का हकदार था: ब्रायन मास्ट

पिछले हफ्ते अमेरिका ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को एक विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) संगठन घोषित किया था. 

ब्रायन मास्ट ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप इसे वैसा ही कहते हैं जैसा वह है. द रेजिस्टेंस फ्रंट एक विदेशी आतंकवादी संगठन है और आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने का हकदार है. जब आप नागरिकों का कत्लेआम करते हैं तो आपको न्याय का सामना करना पड़ता है. यह साफतौर पर एक आतंकवादी हमला था.” 

भारत के प्रतिनिधिमंडल ने की थी ब्रायन मास्ट से मुलाकात, थरूर ने बताया था टीआरएफ का काला सच

पिछले महीने भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका में हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी से मुलाकात की थी. शशि थरूर ने ब्रायन मास्ट से मुलाकात करके पहलगाम आतंकी हमले और पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को मिली शह की एक-एक कड़ी सामने रखी थी. जिसके बाद अमेरिकी कमेटी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ प्रतिबद्धता जताई थी. 


शशि थरूर से मीटिंग के बाद ब्रायन मास्ट ने ऑपरेशन सिंदूर को सही बताते हुए कहा था, “हम सभी की ओर से, हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की गई है. इस दुनिया में इस तरह के हमलों के लिए कोई जगह नहीं है. जब आप पर हमला होता है, तो आपके पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता. दुनिया किसी और चीज की इजाजत नहीं देती, इसलिए यह बेहद जरूरी था कि ऐसी प्रतिक्रियाएँ हों.”

एनएसए डोवल भी विदेशी मीडिया की गलत रिपोर्टिंग पर उठा चुके हैं सवाल

हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोवल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. एनएसए ने कहा था, कि “कई विदेशी समाचार एजेंसियों ने भारत को लेकर भ्रामक और तथ्यहीन जानकारी प्रकाशित की है. भारत का ऑपरेशन बेहद ही सफल रहा. हमने पाकिस्तान में नौ ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें से एक भी नहीं चूका.”

डोवल बोले, “विदेशी प्रेस ने कहा कि पाकिस्तान ने यह किया, वो किया, आप मुझे एक भी फोटो या सबूत दिखाइए जिसमें भारत में किसी इमारत को नुकसान हुआ हो, एक कांच तक टूटा हो, उन्होंने बातें लिख दीं और छाप दीं. विदेशी मीडिया द्वारा जारी की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में 10 मई से पहले और बाद में पाकिस्तान के 13 एयरबेस दिखाए गए, चाहे वह सरगोधा हो, रहीम यार खान हो या चकलाला. मैं सिर्फ वही बता रहा हूं जो उन्होंने अपनी रिपोर्टिंग में छापा. हम में यह क्षमता है कि अगर हम चाहें तो पाकिस्तान के एयरबेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं.”

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